मारे गए हिंदूवादी नेता प्रवीण के घर पहुंचे 20 संगठन:पत्नी बोलीं- 5 दिन से घर के बाहर कदम नहीं रखा, पिता भी गुमसुम

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कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में हुई बीजेपी युवा मोर्चा के जिला सचिव प्रवीण नेट्टारू की हत्या के 5 दिन बाद भी उनके घर पर हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों के आने का सिलसिला जारी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग परिवार से मिलने आ रहे हैं। इनमें कई साधु-संत भी शामिल हैं। अब तक 20 से ज्यादा संगठन और पार्टियों से जुड़े लोग यहां आ चुके हैं और अब यह परिवार परेशान होने लगा है।

घर का इकलौता कमाने वाला खो देने के बाद परिवार बेहद डरा हुआ है। पिछले पांच दिन से परिवार के किसी सदस्य ने घर से बाहर कदम नहीं रखा है। हर आने वाले के सवालों का जवाब देकर पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य परेशान हो चुके हैं। इस वारदात के बाद से प्रवीण के पिता ने चुप्पी साध ली है और सदमे में कोई किसी से बात नहीं कर रहा है।

सज-संवर कर बैठी थी पत्नी, आई पति की मौत की खबर

प्रवीण की पत्नी सदमे से ज्यादा अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। नूतन ने प्रवीण संग हुई आखिरी बातचीत शेयर की। उन्होंने कहा, ‘मंगलवार रात को 9 बजे हम अपनी मां के घर फैमिली फंक्शन में जाने वाले थे। मैं तैयार होकर बैठी थी और मैंने उन्हें (प्रवीण को) फोन कर जल्दी दुकान बंद कर घर आने को कहा। प्रवीण तो नहीं आए, लेकिन उनकी मौत की खबर जरूर आई।’

पति के साथ होती तो शायद बच जाती उनकी जान

प्रवीण की पत्नी ने यह भी कहा कि वो रोज दुकान बंद करते वक्त अपने पति के साथ होती थीं, हत्या वाले दिन वो उनके साथ नहीं थी, अगर होती तो शायद ऐसा नहीं होता। शायद वे पति के साथ लड़ पाती और आज प्रवीण उनके साथ होते।

अभी मेरा पॉलिटिक्स में जाने का कोई इरादा नहीं

प्रवीण भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला सचिव थे। समाजसेवा उनका पहला प्यार था। पति की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के सवाल पर नूतन ने बताया, ‘अभी हमारा ऐसा कोई प्लान नहीं है। अभी मैं सिर्फ इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हूं। जब तक पति को इंसाफ नहीं मिलता, मैं शांत बैठने वाली नहीं हूं।’

हत्या से 10 दिन पहले पत्नी को बताई थी धमकी वाली बात

नूतन ने बताया, ‘प्रवीण ने 10 दिन पहले उन्हें बताया था कि कुछ लोग उन्हें फोन पर धमकियां दे रहे हैं और उनका पीछा करते हैं। इसकी जानकारी उन्होंने मौखिक तौर पर एक स्थानीय पुलिस अधिकारी को भी दी थी। अगर वे सही समय पर एक्शन लेते हो शायद आज प्रवीण उनके साथ होता।

अब वे किसे पकड़ रहे हैं, मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। बस मैं मुझे सिर्फ इतना पता है कि आरोपियों को ऐसी कड़ी सजा मिले कि ऐसा फिर से करने की सोचने वालों की रूह कांप जाए।’

भाजपा युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नट्टारू ने 29 जून को उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या का विरोध करते हुए फेसबुक पोस्ट की थी। हत्या के पीछे इसी पोस्ट को वजह बताई जा रही है।
भाजपा युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नट्टारू ने 29 जून को उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या का विरोध करते हुए फेसबुक पोस्ट की थी। हत्या के पीछे इसी पोस्ट को वजह बताई जा रही है।

‘जिस तरह से उन्होंने उन्हें मारा, वे हमें भी मार सकते हैं’

प्रवीण की जिस तरह से हत्या हुई है, उससे परिवार के लोग बेहद डरे हुए हैं। पत्नी ही नहीं परिवार के अन्य सदस्यों ने भी पिछले 5 दिनों से घर से बाहर कदम नहीं रखा है। पत्नी ने कहा, ’परिवार में सिर्फ तीन लोग बचे हैं। जिस तरह से उन्होंने प्रवीण को मारा, वे हमें भी मार सकते हैं। अब हमें घर से निकलने से भी डर लग रहा है।

‘एक महीने में आरोपियों को फांसी हो तभी मिलेगी शांति’

नूतन ने आरोपियों को सख्त सजा देने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि उनके पति की आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब आरोपियों को एक महीने के भीतर फांसी मिले या फिर उनका एनकाउंटर किया जाए। जब सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे, तभी यह जांच सही दिशा में जाती हुई नजर आएगी। जब तक मुझे जस्टिस नहीं मिल जाता तब तक मैं खुश नहीं हो सकती हूं।

हत्या वाले दिन मुस्लिम दोस्त के घर शादी में गए थे

प्रवीण के भाई पदनाभा बंगारे ने बताया, ’मैं यहां से बाहर था और मेरी उनसे 15 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने कुछ मुद्दों पर बात की थी, लेकिन उन्होंने कभी कुछ खास नहीं बताया। हत्या क्यों हुई या उसे क्यों निशाना बनाया गया, इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है।

हमें किसी पर शक नहीं है, क्योंकि वह सभी का सम्मान करते थे। चाहे किसी भी धर्म का व्यक्ति हो, उन्होंने हमेशा सबके साथ काम किया। हत्या वाले दिन वे दोपहर में एक मुस्लिम परिवार की शादी में गए थे। उनकी मौत अब भी हमारे लिए एक रहस्य बनी हुई है।’

प्रवीण के पड़ोसियों ने साधी चुप्पी

बेल्लारे के नेट्टारू गांव में प्रवीण की एक पोल्ट्री की दुकान है। हम जब वहां पहुंचे तो पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ था। दुकान के बाहर पुलिसकर्मियों की एक टुकड़ी तैनात थी। आसपास की ज्यादातर दुकानें पिछले पांच दिनों से बंद हैं और जो खुली भी हुईं थीं, उनके ओनर कुछ भी बोलने से बच रहे थे। उनका सिर्फ यही कहना था कि वारदात से पहले वे अपनी दुकान बंद करके जा चुके थे।

कैमरा ऑफ होते ही एक दुकानदार ने कहा- जिसे जाना था वह अब चला गया, हमें यहीं रहना है और हम अपने परिवार की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं।

जब विश्वास टूटता है, तब सवाल पूछते हैं: भाजपा नेता

प्रवीण की हत्या के बाद से युवा मोर्चा, ABVP और बीजेपी के नेता राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के आवास में भाजपा युवा विंग के सैकड़ों नेता घुस गए और अपनी ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

भाजपा के टिकट पर पंचायत का चुनाव लड़ चुके आरके भट्ट ने बताया, ‘प्रवीण लंबे समय से भाजपा के सक्रिय सदस्य थे। वह पार्टी की हर गतिविधि में शामिल होते थे। वे एक राजनीतिक कार्यकर्ता से ज्यादा एक सोशल वर्कर थे। हम पार्टी से नाराज नहीं है, जैसे हम अपने माता-पिता से सवाल पूछते हैं, वैसे ही अपनी पार्टी से सवाल पूछ रहे हैं। जो दे सकता है, उसी से मांगेंगे। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जब हमारा विश्वास टूटता है, तब हम सवाल पूछते हैं।

राजनेताओं को हिन्दू संगठन के लोगों की चेतावनी

प्रवीण के घर पहुंचे बेंगलुरु के राष्ट्र रक्षण संगठन के प्रेसिडेंट पुनीत करेड़ी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘अगर प्रवीण जैसी एक और भी घटना हुई तो हम जितने भी राजनेता हैं, उनके घरों में घुस कर जो करना है, करके दिखाएंगे। आप राजनेता हैं और हिन्दू कार्यकर्ता की रक्षा करना आपका कर्तव्य है। यह पूरी तरह से सरकार का फेल्योर है। यह परिवार अकेला नहीं है और हम हमेशा इस परिवार के साथ रहेंगे।’

अब भी मिल रही कार्यकर्ताओं को धमकी

विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष कृष्णा प्रसन्ना ने बताया, ‘हमारे कार्यकर्ताओं को धमकी तो मिल ही रही है। पिछली सरकार में 30 के करीब कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। अभी भी ऐसा ही चल रहा है। कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते हुए सरकार को एक कड़ा एक्शन लेना चाहिए। मौजूदा सरकार से हमारा विरोध नहीं, हमारा आग्रह है।’

स्थानीय विधायक को गुस्से का सामना करना पड़ा

वारदात के बाद गुरुवार को उनके घर पहुंचे स्थानीय बीजेपी नेता संजीव मतंदूर को भी नूतन का गुस्सा झेलना पड़ा था। नूतन ने कहा,’मेरे पति 24 घंटे बीजेपी के लिए काम करते थे, वे हमेशा मंत्री एस अंगारा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पीछे दौड़ा करते थे, इसके बावजूद वे दो दिन बाद उनके घर पहुंचे हैं।

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