ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन इस्तीफा देंगे:50 मंत्रियों-सांसदों के इस्तीफे के बाद लिया फैसला, पद छोड़ने से पहले देश को संबोधित करेंगे

पिंचर की नियुक्ति और जॉनसन के काम करने के तरीके से नाराज 50 मंत्री और सांसद इस्तीफा दे चुके हैं। इन लोगों का कहना है कि ब्रिटिश पीएम सब जानते थे, इसके बावजूद अपॉइंटमेंट किया। सरकार के खिलाफ अविश्वास इस कदर बढ़ता जा रहा है कि 36 घंटे पहले ही मंत्री बनाए गए मिशेल डोनेलन ने भी इस्तीफा दे दिया।

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ब्रिटेन में बड़ा फेरबदल हो रहा है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थोड़ी देर में इस्तीफा देने जा रहे हैं। इससे पहले वे राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे। इस इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह 30 जून को डिप्टी चीफ व्हिप की पोस्ट पर क्रिस पिंचर का अपॉइंटमेंट है। पिंचर सेक्स स्कैंडल में फंसे थे। इसके बाद ही ब्रिटिश कैबिनेट से इस्तीफे का सिलसिला जारी हो गया।

पिंचर की नियुक्ति और जॉनसन के काम करने के तरीके से नाराज 50 मंत्री और सांसद इस्तीफा दे चुके हैं। इन लोगों का कहना है कि ब्रिटिश पीएम सब जानते थे, इसके बावजूद अपॉइंटमेंट किया। सरकार के खिलाफ अविश्वास इस कदर बढ़ता जा रहा है कि 36 घंटे पहले ही मंत्री बनाए गए मिशेल डोनेलन ने भी इस्तीफा दे दिया।

अगले पीएम के लिए 6 दावेदार

ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने मंगलवार देर रात इस्तीफा दे दिया। दोनों मंत्रियों ने जॉनसन की काबिलियत और सरकार के काम करने के तरीकों पर गंभीर सवाल उठाए।

सुनक और साजिद के बाद बुधवार को चिल्ड्रन एंड फैमिली मिनिस्टर विल क्विंस और पार्लियामेंट प्राइवेट सेक्रेटरी लॉरा ट्रॉट ने भी रिजाइन कर दिया। इन इस्तीफों के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर भी कुर्सी छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।

कोरोना के दौर में पार्टी करने वाले जॉनसन को पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था। बहरहाल, अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर जॉनसन इस्तीफा देते हैं तो उनकी कंजर्वेटिव पार्टी अगला प्रधानमंत्री किसे बनाएगी। रेस में 6 नाम हैं। सबसे आगे भारतीय मूल के ऋषि सुनक माने जा रहे हैं। आइए एक-एक कर सभी के बारे में जानते हैं…

1. ऋषि सुनक
जॉनसन के इलेक्शन कैम्पेन में ऋषि का अहम रोल रहा। प्रेस ब्रीफिंग में भी ज्यादातर वही नजर आते रहे। कई मौके तो ऐसे आए जब टीवी डिबेट में बोरिस की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया।

नारायण मूर्ति की बेटी से हुई है सुनक की शादी
सुनक की शादी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से हुई है। 2015 में वो पहली बार सांसद बने। ब्रेक्जिट का पुरजोर समर्थन कर अपनी पार्टी में ताकतवर बने। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने की बोरिस जॉनसन की पॉलिसी का समर्थन किया। लोकप्रियता के बावजूद सुनक को पत्नी अक्षता पर लगे टैक्स चोरी के आरोपों के चलते आलोचना का भी सामना करना पड़ा।

दरअसल, अक्षता के पास ब्रिटिश नागरिकता नहीं हैं। ब्रिटिश कानून के मुताबिक, अक्षता को ब्रिटेन के बाहर से होने वाली कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। ब्रिटिश नागरिकों को यह टैक्स देना पड़ता है। इस वजह से सुनक और अक्षता पर सवाल उठे। एक आरोप यह भी है कि सुनक ने ब्रिटिश नागरिकों पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया।

2. लिज ट्रस

46 साल की लिज ट्रस का पूरा नाम एलिजाबेथ मैरी ट्रस है। वे साउथ वेस्ट नॉर्थफोक की सांसद हैं। लिज फॉरेन कॉमन वेल्थ एंड डेवलपमेंट अफेयर्स सेक्रेटरी हैं। इस समय काफी पॉपुलर हैं। 46 साल की ट्रस दो साल इंटरनेशनल ट्रेड सेक्रेटरी भी रहीं। पिछले साल उन्हें यूरोपियन यूनियन से बातचीत का अहम जिम्मा सौंपा गया था।

3. जेरेमी हंट

55 साल के फॉरेन सेक्रेटरी 2019 के चुनाव में दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता थे। उनकी पब्लिक इमेज बेदाग रही है। पार्टी के लोगों को विश्वास है कि जेरेमी बिना किसी कॉन्ट्रोवर्सी पैदा किए गंभीरता के साथ सरकार चलाएंगे।

4. नदीम जाहवी

सुनक के इस्तीफे के बाद जॉनसन ने नादिम जाहवी को नया वित्त मंत्री नियुक्त किया है। पीएम के दावेदारों में से नदीम जाहवी कुछ अलग हैं। दरअसल, नदीम बचपन में ईराक से बतौर शरणार्थी ब्रिटेन आए थे। 2010 में वे पहली बार सांसद बने। जाहवी ने हाल ही में कहा था- अगर मुझे ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना जाता है, तो ये मेरी खुशनसीबी होगी।

5. पेनी मॉर्डेंट

पूर्व डिफेंस मिनिस्टर पेनी भी प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। पेनी को पिछले चुनावों में हंट का समर्थन करने के लिए जॉनसन ने सरकार से हटा दिया था। पेनी यूरोपियन यूनियन छोड़ने का समर्थन करने वालों में सबसे आगे थीं। जब ब्रिटेन में यूरोप यूनियन छोड़ने का मुद्दा गर्माया हुआ था, तो पेनी ने एक ईवनिंग टीवी शो में भाग लिया था। इससे उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं।

6. बेन वॉलेस

बेन वॉलेस डिफेंस मिनिस्टर हैं। ब्रिटिश रॉयल आर्मी में रह चुके हैं। रूस-यूक्रेन जंग में ब्रिटेन के रुख को लेकर चर्चा में आए। यूक्रेन को सैन्य मदद पहुंचाने में उनका अहम रोल है। 1999 में उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। 2005 में संसद पहुंचे। 2016 में बेन होम सिक्योरिटी मिनिस्टर थे। अफगानिस्तान से ब्रिटिश नागरिकों को बाहर निकालने में उनका अहम योगदान था।

सबसे अहम बयान
लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने बोरिस जॉनसन के पद छोड़ने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जॉनसन को बहुत पहले ही पद छोड़ देना चाहिए था। उनका कुर्सी छोड़ना देश के लिए अच्छी खबर है। ब्रिटेन को नई शुरुआत की जरूरत है। कंजरवेटिव पार्टी ने 12 सालों में देश का बहुत नुकसान किया है।

लॉकडाउन में शराब पार्टी से शुरू हुई थी जॉनसन की फजीहत

लॉकडाउन के दौरान जॉनसन की शराब पार्टी और यौन शोषण के आरोपी सांसद क्रिस पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त करने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। इस वजह से उनके खिलाफ और ज्यादा असंतोष बढ़ गया था। हालांकि, विवाद बढ़ता देख जॉनसन ने मंगलवार को माना कि पिंचर को सरकार में शामिल करने का उनका फैसला गलत था। इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी। PM के माफी मांगने के कुछ मिनट के बाद ही दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।

अगले PM माने जा रहे ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता एक्टिव
नए PM की रेस में पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक और फॉरेन कॉमन वेल्थ एंड डेवलपमेंट अफेयर्स सेक्रेटरी लिज ट्रस आगे हैं। कोरोना राहत पैकेज के कारण सुनक खासे लोकप्रिय हैं। PM पद की दावेदारी में आगे चल रहे ऋषि सुनाक के घर पर खासी गहमा गहमी रही। ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति भी एक्टिव हो गई हैं। अक्षता इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं।

बुधवार को सुनक के घर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अक्षता पत्रकारों के लिए खुद ट्रे में चाय लेकर आईं।
बुधवार को सुनक के घर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अक्षता पत्रकारों के लिए खुद ट्रे में चाय लेकर आईं।

अक्षता का यूं खुद पत्रकारों के लिए ट्रे में चाय लेकर आना ब्रिटिश प्रेस में चर्चाओं का कारण बन रहा है। पीएम पद के दावेदारों में वर्तमान वित्त मंत्री नदीम जहावी और पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट भी दौड़ में हैं। माना जा रहा है कि पूर्व रक्षा मंत्री पैनी मॉरडॉट भी अपनी दावेदारी जता सकती हैं। बोरिस जॉनसन के खिलाफ पिछले काफी समय से पैनी मुखर रही हैं।

54% कंजरवेटिव सपोर्टर ने कहा था- बोरिस इस्तीफा दें
बुधवार को YouGov के सर्वे में पहली बार सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के 54% समर्थकों ने कहा कि बोरिस को पद छोड़ना चाहिए। जून में हुए सर्वे में 34% ने ही बोरिस को पद छोड़ने को कहा था। सर्वे में शामिल रहे 70 फीसदी ब्रिटिश लोग बोरिस के इस्तीफे के पक्ष में हैं।

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