तीनों सेनाओं में होगी अग्निवीरों की भर्ती:स्थायी सैनिकों की तरह मिलेंगे अवॉर्ड-मेडल, लेकिन पेंशन नहीं मिलेगी; 90 दिन में पहली भर्ती रैली
डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स ने तरफ से तैयार की गई अग्निपथ रिक्रूटमेंट स्कीम को पहले 'टूर ऑफ ड्यूटी' नाम दिया गया था। इस स्कीम के तहत शॉर्ट-टर्म के लिए ज्यादा सैनिकों की भर्ती की जाएगी। विभाग ही इसको लागू भी करेगा। सरकार ने अपने खर्चों में कटौती के लिए और डिफेंस फोर्स में युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस स्कीम को पेश किया है।
नई दिल्ली। भारतीय सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए नई स्कीम लॉन्च की गई है। इस स्कीम के तहत नौजवानों को सिर्फ चार साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ तीनों सेनाध्यक्षों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस योजना का ऐलान किया है। पहली भर्ती रैली 90 दिनों में होगी।
डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स ने तरफ से तैयार की गई अग्निपथ रिक्रूटमेंट स्कीम को पहले ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम दिया गया था। इस स्कीम के तहत शॉर्ट-टर्म के लिए ज्यादा सैनिकों की भर्ती की जाएगी। विभाग ही इसको लागू भी करेगा। सरकार ने अपने खर्चों में कटौती के लिए और डिफेंस फोर्स में युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस स्कीम को पेश किया है।
हर साल 45 हजार युवाओं की होगी भर्ती
अग्निपथ के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये युवा 17.5 से 21 साल की उम्र के बीच होंगे। इन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा देने का मौका मिलेगा। इन चार सालों में से 6 महीने सैनिकों को बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी। सैनिकों को 30 हजार से 40 हजार सैलरी और अन्य फायदे दिए जाएंगे। वे तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर पाने के हकदार रहेंगे। इंश्योरेंस कवर 44 लाख रुपए का होगा।
25% अग्निवीरों को मिलेगा आगे सेवा का मौका
चार साल पूरे होने के बाद सिर्फ 25% ‘अग्निवीरों’ को स्थायी कैडर में भर्ती किया जाएगा। जो सैनिक चार साल के बाद भी सेना में काम करना चाहेंगे, उन्हें मेरिट और मेडिकल फिटनेस के आधार पर मौका मिलेगा। जो सैनिक स्थायी कैडर के लिए चुने जाएंगे उन्हें 15 साल का कार्यकाल पूरा करना पड़ेगा। शुरुआती चार साल कॉन्ट्रैक्ट के तहत रहेंगे इसलिए इसकी पेंशन नहीं मिलेगी।
जो 75% अग्निवीर इस स्कीम से बाहर हो जाएंगे, उन्हें सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। यह 11-12 लाख रुपए का पैकेज आंशिक तौर पर अग्निवीरों के ही मंथली कंट्रीब्यूशन से फंड किया जाएगा। इसके अलावा उनको मिले स्किल सर्टिफिकेट और बैंक लोन के जरिए उन्हें दूसरा करियर शुरू करने में मदद की जाएगी।