राहुल गांधी के पंजाब आने से पहले 2 पूर्व कांग्रेसी मंत्री भ्रष्टाचार में फंस गए हैं। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व जंगलात मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को गिरफ्तार कर लिया है। धर्मसोत को अमलोह से सुबह करीब 3 बजे गिरफ्तार किया गया। धर्मसोत के साथ कमलजीत सिंह और चमकौर सिंह को भी विजिलेंस ने पकड़ा है। कमलजीत एक वेब चैनल चलाता है। यह दोनों धर्मसोत के साथ OSD की हैसियत से काम कर रहे थे।
इन सब पर पेड़ कटाई से लेकर जंगलात विभाग के हर काम में रिश्वतखोरी करने का आरोप है। धर्मसोत के बाद जंगलात मंत्री बने संगत सिंह गिलजियां पर भी FIR दर्ज की गई है। गिलजियां के PA कुलविंदर सिंह और सचिन कुमार पर भी केस दर्ज हुआ है। इस केस में IFS अमित चौहान, मोहाली के वन मंडल अफसर गुरअमनप्रीत सिंह और वन गार्ड दिलप्रीत सिंह पर भी केस दर्ज हुआ है।
धर्मसोत को हटाने के बाद गिलजियां बने थे जंगलात मंत्री
धर्मसोत कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते जंगलात मंत्री थे। हालांकि, जब कैप्टन को हटाया गया तो धर्मसोत की भी मंत्री पद से छुट्टी कर दी गई। इसके बाद चरणजीत चन्नी CM बने। तब संगत सिंह गिलजियां को जंगलात मंत्री बनाया गया। पंजाब में CM भगवंत मान की अगुआई वाली AAP सरकार ने हाल ही में भ्रष्टाचार के मामले में अपने हेल्थ मिनिस्टर डॉ. विजय सिंगला को बर्खास्त कर दिया था।
जंगलात अफसरों ने खोली पोल
विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली के DFO और ठेकेदार हामी को रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ा था। उन्होंने पूछताछ में बताया कि धर्मसोत एक पेड़ काटे जाने के बदले 500 रुपए की रिश्वत लेते थे। इसके अलावा नए पेड़ लगाने के बदले भी रिश्वत ली जाती थी। इसका हिस्सा सीधे तत्कालीन मंत्री धर्मसोत के पास भी जाता था। इसी पूछताछ के आधार पर धर्मसोत को विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। धर्मसोत से मोहाली विजिलेंस हेडक्वार्टर में पूछताछ की जा रही है।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में भी घिरे रहे
साधु सिंह धर्मसोत पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में भी घिरे रहे। उनके सामाजिक सुरक्षा मंत्री रहते आरोप लगे कि गलत तरीके से स्कॉलरशिप का पैसा प्राइवेट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को दे दिया गया। इसको लेकर खूब हंगामा भी हुआ। इसके बावजूद तत्कालीन कैप्टन सरकार ने धर्मसोत को क्लीन चिट दे दी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में जंगलात मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत की भ्रष्टाचार की परतें उधड़ने लगी हैं। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने दावा किया कि मंत्री हर पेड़ की कटाई में 500 रुपए का हिस्सा लेते थे। यह कटाई लीगल परमिट से होती थी। मंत्री के गुर्गे सीधे पेड़ कटाई वाले ठेकेदार से ही डीलिंग करते थे। इसके अलावा अफसरों का भी हिस्सा तय था।
यही नहीं, आरोप यह भी हैं कि DFO की पोस्टिंग के लिए 10 से 20 लाख रुपए में डील होती थी। मंत्री धर्मसोत की रिश्वतखोरी का पूरा खेल ऑर्गेनाइज्ड तरीके से किया जाता था। हालांकि, धर्मसोत के परिवार ने इसे झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से घिरी सरकार ध्यान डायवर्ट करने की कोशिश कर रही है।
मंत्री के साथ अफसरों का रेट भी फिक्स
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पेड़ काटने और लगाने वाले 15 कॉन्ट्रैक्टर्स विजिलेंस ब्यूरो की जांच के दायरे में हैं। अभी तक की जांच में पता चला कि एक पेड़ काटने के लिए मंत्री को 500 रुपए, DFO को 200 रुपए, रेंज अफसर, ब्लॉक अफसर और फॉरेस्ट गार्ड को 100-100 रुपए दिए जाते थे। इस तरह एक पेड़ के पीछे एक हजार रुपए का भ्रष्टाचार होता था।
2 गुर्गे रखे हुए थे धर्मसोत ने
मंत्री रहते धर्मसोत ने रिश्वतखोरी के लिए 2 गुर्गे रखे हुए थे। इनमें कमलजीत सिंह और जंगलात विभाग का पूर्व कर्मचारी चमकौर सिंह को भी पकड़ा गया है। कमलजीत सिंह खन्ना का रहने वाला है। वह एक वेब चैनल चलाता है। उसे सिक्योरिटी भी मिली हुई थी। यही पेड़ कटाई और नए लगाने में ठेकेदारों से डील करता था। वहीं चमकौर सिंह पहले फॉरेस्ट विभाग में ही कर्मचारी था। अब वह रिटायर हो चुका है। उसका जिम्मा ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वतखोरी की डीलिंग करने का काम था। विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर वरिंदर शर्मा ने भी पुष्टि की कि यही दोनों अफसरों और ठेकेदारों से रिश्वत लेकर मंत्री धर्मसोत तक तक पहुंचाते थे।
हर काम में ली जाती थी रिश्वत
विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर ADGP वरिंदर कुमार शर्मा ने बताया कि खैर के पेड़ की कटाई के एक पेड़ का 500 रुपया लिया जाता था। करीब सवा करोड़ की रिश्वत दी जा चुकी है। इसके अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग, NOC, ट्री गार्ड और फेंसिंग में भी रिश्वत ली जाती थी।
केंद्र से आए हजार करोड़ का फंड भी जांच के दायरे में
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नए पेड़ लगाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए दिए थे। हालांकि, इससे कुछ ही पेड़ लगाए गए। केंद्र का पैसा भी खुर्द-बुर्द कर दिया गया।धर्मसोत और उसके दो साथियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। फिर उससे पूछताछ के बाद आगे की जांच की जाएगी। इसके अलावा ठेकेदारों और पहले पकड़े गए DFO से पूछताछ में कई अहम बातें सामने आई हैं। धर्मसोत के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।