मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का मर्डर लॉरेंस गैंग ने ही किया। गैंगस्टर लॉरेंस के भांजे सचिन बिश्नोई ने दावा किया कि यह कत्ल मैंने ही किया है। मैंने खुद सिद्धू मूसेवाला को गोलियां मारी। खुद को सचिन बिश्नोई बताने वाले शख्स ने एक टीवी चैनल से वर्चुअल ID के जरिए बातचीत में यह दावा किया। उसने कहा कि हमने मोहाली में विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल का बदला लिया है। हालांकि, हत्या का दावा करने वाला असली सचिन बिश्नोई ही है, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती।
हत्या का दावा करने वाले की पूरी बातचीत
- सचिन बिश्नोई ने कहा कि मोहाली में युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या हुई थी। पुलिस ने इसकी जांच की। कई गैंगस्टर से पूछताछ की गई। सबने कहा कि इसके पीछे सिद्धू मूसेवाला का हाथ है।
- हत्या करने वाले शूटर ने कहा था कि मूसेवाला ने उन्हें जगह दी और फाइनेंशियली सपोर्ट भी किया। दिल्ली पुलिस ने मूसेवाला का नाम भी लिया था। इसके बावजूद मूसेवाला के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम इंतजार करते रहे, लेकिन मूसेवाला पर कोई एक्शन नहीं हुआ।
- सचिन ने कहा कि चंडीगढ़ में गुरलाल बराड़ की हत्या भी मूसेवाला ने कराई। वह कनाडा बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का भाई था। इसके पीछे भी सिद्धू मूसेवाला का हाथ था। इसके बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- सचिन ने कहा कि मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला को मारने के बदले उन्हें कोई फेम नहीं चाहिए था। मकसद सिर्फ बदला लेना था। मूसेवाला की हत्या कर विक्की मिड्डूखेड़ा और गुरलाल बराड़ की हत्या का बदला ले लिया।
- सचिन बिश्नोई से जब पूछा गया कि मूसेवाला को मारने के लिए हथियार कहां से लाए? इसका जवाब सचिन ने नहीं दिया। उसने इतना जरूर कहा कि हमारे पास इससे बड़े हथियार हैं। जिसके बारे में कोई सोच नहीं सकता।
धमकी देने वाले बताएं, कहां आना है?
सचिन ने कहा कि जो भी हमें धमकी दे रहे हैं। जो कह रहे हैं कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या का बदला लेंगे, वह बताएं कि कहां आना है? करने वाले कहते नहीं हैं। सचिन ने अगले टारगेट के बारे में पूछा गया तो सचिन ने कहा कि जल्द इसके बारे में पता चल जाएगा। सचिन ने कहा कि इन्होंने 2 दिन में मनकीरत औलख को मारने की बात कही थी, कुछ नहीं कर सके। यह जो धमकी दे रहे हैं, इनमें से भी कोई एक मरेगा।
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3 दिन तक रेकी की, फैन बनकर दिया चकमा; मूसेवाला की पिस्टल में पूरी गोलियां होतीं तो शायद बच जाते
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को सटीक रेकी के साथ अंजाम दिया गया। हत्यारे 3 दिन से मूसेवाला की रेकी कर रहे थे। हत्याकांड में इस्तेमाल कोरोला कार में ही रेकी होती रही। पुलिस ने मूसेवाला के घर के CCTV फुटेज कब्जे में लेकर इसकी जांच शुरू कर दी है। जब कार के जरिए हत्यारों ने पीछा किया तो मूसेवाला उन्हें फोटो खिंचवाने वाले फैन समझते रहे। हालांकि, अगर उनके पिस्टल में पूरे कारतूस होते तो शायद मूसेवाला की जान बच सकती थी। मूसेवाला के साथ थार में मौजूद गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह ने इस पूरे ब्यौरे की पुष्टि की।
बुलेट प्रूफ फॉर्च्यूनर नहीं, पजेरो ले जा रहे थे सिद्धू, पंचर मिली तो थार निकाली
सिद्धू मूसेवाला घर पर बैठे थे। अचानक बोले कि मौसी का हालचाल लेने जाना है। मूसेवाला ने पहले पजेरो निकाली। पजेरो में गनमैन भी उनके साथ जाने थे। हालांकि, वह पंचर निकली। यह देख मूसेवाला ने थार निकाल ली। गनमैन करीब आए तो बोले कि थोड़ी ही दूर जाना है। 10 मिनट में लौट आएंगे। थार में जगह कम थी इसलिए गनमैन नहीं लिए।
कोरोला पीछे लगी तो फैन समझा
मूसेवाला थार जीप खुद चला रहे थे। जैसे ही वह घर से 500 मीटर बाद मेन रोड पर आए तो उनके पीछे कोरोला गाड़ी लग गई। एक दोस्त ने कहा कि शायद कोई हमारा पीछा कर रहा है। हमें रास्ता बदल लेना चाहिए। इस पर मूसेवाला बोले कि कोई फैन होगा। फोटो खिंचवाने या मिलने आ रहा होगा। ऐसा मूसेवाला के साथ पहले भी होता था। फैन पीछा करते और जहां मूसेवाला रुकते, वहां मिलकर फोटो खिंचवा लेते।
पहले उलटी दिशा में मुड़ी कोरोला, फिर पीछा शुरू किया
तलवंडी-मानसा रोड पर दाएं और बाएं 2 रास्ते थे। मूसेवाला ने थार बाएं तरफ मोड़ी तो कोरोला दाएं तरफ मुड़ गई। यह कोरोला गाड़ी वालों की चाल थी। अगर वह पीछे ही जाते तो मूसेवाला समझ जाते कि यह फैन नहीं, बल्कि कोई गलत इरादे से पीछा कर रहा है। जब कोरोला दूसरी दिशा में मुड़ी तो मूसेवाला ने दोस्त गुरविंदर और गुरप्रीत को कहा कि वह फैन ही थे। फिर अचानक कोरोला तेज गति से पीछे से आई और ओवरटेक करते हुए बराबर आकर चलने लगी।
मूसेवाला की पिस्टल फुल लोड होती तो शायद भाग जाते हत्यारे
कोरोला गाड़ी में सवार हमलावरों ने थार पर फायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने गोली मारकर उसके तीनों टायर पंचर कर दिए। मूसेवाला ने दोस्तों को कहा कि घबराओ मत, हौसला रखो, मेरे पास पिस्टल है। इसके बाद मूसेवाला ने पिस्टल निकाली और लगातार 2 फायर किए। यह देख कोरोला वाले डर गए कि मूसेवाला के पास भी हथियार है। उन्होंने कोरोला आगे भगा ली। हालांकि, पिस्टल में सिर्फ 2 ही कारतूस थे। इसका पता मूसेवाला को भी नहीं था। जब पीछे फायरिंग बंद हुई तो कोरोला वाले रुक गए। तब तक उनके बोलेरो वाले साथी भी आ गए और मूसेवाला पर अटैक कर दिया गया।
मॉडर्न गन से हुई फायरिंग, थार के अंदर फैल गया धुआं
गुरविंदर और गुरप्रीत ने कहा कि उन्हें सिर्फ थार के टायरों पर फायरिंग का पता चला। जैसे ही टायर पंचर होने से थार रुकी। मूसेवाला की गोलियां खत्म हो गईं तो सामने से ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। उनके पास मॉडर्न गन थी, जिससे गोलियां लगातार चल रही थीं। थार के अंदर धुआं भर गया। उनका टारगेट सिर्फ और सिर्फ मूसेवाला था। बोनट पर चढ़कर भी उन्होंने ड्राइवर साइड पर फायरिंग की। मूसेवाला लुढ़ककर आगे बैठे साथी की गोद में गिर गए। मूसेवाला की मौत तय करने के बाद ही वह हत्यारे वहां से भागे। मूसेवाला की हत्या में रूसी AN-94 असॉल्ट राइफल के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है।