बतौर PM इमरान के आखिरी घंटे:ISI चीफ ने खान को करारा थप्पड़ मारा था, आर्मी चीफ की बर्खास्तगी के ऑर्डर पर हुआ था विवाद
पाकिस्तान में 9 और 10 अप्रैल की दरमियानी रात इमरान खान की सरकार गिर गई थी। तमाम ड्रामा हुआ। कुछ सामने आया तो बहुत कुछ ऐसा भी था, जिसे दफन करने की नाकाम कोशिश की गई। खबर है कि 9 अप्रैल की रात इमरान के बनीगाला में मौजूद घर के लॉन में एक हेलिकॉप्टर उतरा। इसमें दो अहम शख्स थे। इन्होंने इमरान से अलग कमरे में मुलाकात की। इस्तीफा देने को कहा। इमरान भड़क गए और बदजुबानी पर उतर आए।
दावा है कि इस नाफरमानी से तमतमाए एक शख्स ने इमरान के गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया। इसके बाद चीजें रास्ते पर आ गईं। वोटिंग हुई और इमरान सरकार रुखसत हो गई। बहरहाल, इस हैरतअंगेज मामले को समझने की कोशिश करते हैं। जानते हैं कि उस रात आखिर क्या, क्यों और कैसे हुआ था।
‘थप्पड़ कांड’ कैसे आया सामने
इमरान के कई एकड़ में फैले आलीशान घर (बनीगाला) में 9 और 10 अप्रैल की रात कुछ अजीब हुआ था। इसकी जानकारी पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर खुसरपुसर के तौर पर सामने आ रही थी, फिर BBC उर्दू ने इशारों में कुछ जानकारी दी। तीन बड़े पाकिस्तानी पत्रकारों आरजू काजमी, सलीम साफी और असद अली तूर ने काफी हद तक तस्वीर साफ कर दी। सवाल उठे कि इमरान की बाईं आंख के नीचे चोट का निशान कैसे आया? वो दो दिन तक क्यों हर जगह सनग्लासेस लगाए दिखे। बिना आग के बिना धुआं कब उठता है? लिहाजा, 14 अप्रैल को फौज के प्रवक्ता ने नेशनल मीडिया पर इस बारे में सफाई तक दी।
बात कैसे शुरू हुई
असद अली तूर के मुताबिक- ये तय हो चुका था कि इमरान के पास बहुमत नहीं है और उनकी सरकार गिरना तय है। इस पर भी खान न तो वोटिंग के लिए तैयार थे और न इस्तीफे के लिए। सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर भी ताक पर रख दिया। इससे इमरान को प्रधानमंत्री बनाने वाली फौज की इमेज खराब हो रही थी। 9 अप्रैल की रात करीब 9 बजे उसने खान के पास पैगाम भेजा- इमरान खान साहब आप इस्तीफा दे दें।
तूर आगे कहते हैं- इमरान ने फौज का ऑर्डर मानने के बजाय विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के पास एक संदेश लेकर भेजा। इसमें कहा गया- प्रधानमंत्री वोटिंग कराने या इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं हैं। वो नेशनल असेंबली भंग करके चुनाव कराना चाहते हैं। फौज ने इसे सख्ती से नामंजूर करते हुए कहा- सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर फॉलो करना ही पड़ेगा। बात यहीं से बिगड़ी।
खान की चाल
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इमरान जनरल बाजवा को बर्खास्त करके पूर्व ISI चीफ और अपने खास दोस्त जनरल फैज हमीद को आर्मी चीफ बनाना चाहते थे। हमीद को ISI से हटाने के मामले पर ही पिछले साल अक्टूबर में बाजवा और इमरान के रिश्ते बिगड़े थे। फैज इस वक्त पेशावर के कोर कमांडर हैं। सलीम साफी कहते हैं- इमरान ने डिफेंस सेक्रेटरी को बुलाकर बाजवा की बर्खास्तगी और फैज हमीद को नया आर्मी चीफ बनाए जाने के नोटिफिकेशन तैयार करा लिए। इन पर सिर्फ नोटिफिकेशन नंबर लिखना बाकी था।
कॉल इंटरसेप्ट और खेल खत्म
9 अप्रैल की रात इमरान लॉन में किसी से फोन पर बात करने निकले। आर्मी इंटेलिजेंस ने यह कॉल इंटरसेप्ट कर ली। इधर, संसद में वोटिंग टालने के लिए स्पीकर और डिप्टी स्पीकर तमाम गैर संवैधानिक पैंतरे आजमा ही रहे थे।
रात करीब 11 बजे रावलपिंडी के आर्मी हेडक्वॉर्टर से एक हेलिकॉप्टर उड़ा। इसमें ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम और आर्मी चीफ जनरल बाजवा थे। ये चॉपर चंद मिनट बाद इमरान के घर बनीगाला के लॉन में उतरा। दोनों शख्स सीधे वहां पहुंचे, जहां इमरान अपने तीन
तीन करीबियों के साथ मौजूद थे। ISI चीफ ने इमरान से इस्तीफा देने को कहा। इमरान ने इनकार कर दिया और बदजुबानी पर उतर आए। दावा है कि बहस बढ़ी और गुस्से में ISI चीफ नदीम अंजुम ने एक करारा थप्पड़ इमरान के बाएं गाल पर जड़ दिया।
पिक्चर अभी बाकी थी
ISI चीफ ने इमरान से दो टूक कहा- हमें सब मालूम चल चुका है। अब वोटिंग कराओ वरना अंजाम बहुत बुरा होगा। अंजुम और बाजवा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल और इस्लामाबाद हाईकोर्ट के सख्त मिजाज चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह को मामले की जानकारी दी। दोनों ने अपने-अपने कोर्ट आधी रात को खोल दिए। एक वकील ने मिनाल्लाह के सामने जनरल बाजवा की बर्खास्तगी को रोकने से संबंधित पिटीशन दायर कर दी।
बहरहाल, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने इस्तीफे दे दिए। नवाज शरीफ की पार्टी के अयाज सादिक स्पीकर की कुर्सी पर बैठे। वोटिंग हुई और इमरान पूर्व प्रधानमंत्रियों में शुमार हो गए।
अभी तो बुरे दिन शुरू हुए हैं
पाकिस्तानी पत्रकार आमना और जफर नकवी कहते हैं- 10 अप्रैल को तड़के करीब 4 बजे इस्लामाबाद के 4 आलीशान मकानों पर आर्मी ने रेड की। इनमें से एक मकान इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सोशल मीडिया विंग के चीफ अर्सलान खालिद का था। यहां से तमाम मोबाइल, लैपटॉप्स और डिजिटल डायरीज जब्त की गईं। दरअसल, इमरान की साजिश सोशल मीडिया के जरिए फौज को बदनाम करने की थी। इस मामले में अब तक 12 लोगों को फौज उठा चुकी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ और इमरान के प्रिंसीपल सेक्रेटरी आजम खान देश छोड़कर जा चुके हैं। आने वाले दिनों में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी होगी।