अमेरिका ने इशारों में फिर चेतावनी दी:मोदी से बोले बाइडेन- रूस से तेल खरीद भारत के हित में नहीं, हमसे हथियार खरीदिए

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भारत और अमेरिका के बीच 2+2 बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वर्चुअल मुलाकात हुई। इस दौरान बाइडेन ने PM नरेंद्र मोदी से यूक्रेन पर हमले के चलते रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बीच रूस से तेल और गैस न खरीदने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीद में तेजी लाना या बढ़ाना, भारत के हित में नहीं है। अमेरिकी प्रेसिडेंट ने अमेरिका से हथियार लेने का प्रस्ताव भी रखा।

US रूस से रिश्तों को लेकर आगाह कर चुका
रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच भारत के स्टैंड को लेकर अमेरिका पहले भी ऐतराज जाहिर कर चुका है। अमेरिका चाहता है कि रूस के साथ भारत अपने रिश्तों को सीमित रखे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा था- भारत का 1-2% तेल आयात रूस से होता है, जबकि लगभग 10% अमेरिका से होता है। हालांकि, करीब एक घंटे चली दोनों नेताओं की बैठक में जो बाइडेन ने यूक्रेन-रूस जंग के मसले पर भारत पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया।

US प्रेसिडेंट ने यूक्रेन को की गई मदद का किया स्वागत
बाइडेन ने कहा- हमारे और आपके (भारत के) मिनिस्टर्स भी मिल रहे हैं। कोविड-19 के दौरान हमने हेल्थ और इकोनॉमी से जुड़े कई चैलेंज फेस किए। हमारे बीच डिफेंस समेत कई सेक्टर में बहुत मजबूत पार्टनरशिप है। हम दोनों देश दुनिया के लिए लोकतंत्र की मिसाल हैं। भारत ने यूक्रेन को जो मदद दी है, उसका मैं स्वागत करता हूं।

बूचा नरसंहार को लेकर जताई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हाल ही में बुचा में मासूम नागरिकों के मारे जाने की खबर बहुत चिंताजनक है। हमने उसकी निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की। PM मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने रूस से हाल की एक बातचीत में सुझाव था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की आमने-सामने बैठकर बात करें।

बाइडेन ने जताई PM मोदी से मिलने की इच्छा
इस वर्चुअल मीटिंग के दौरान बाइडेन ने कहा- हम दो बड़े लोकतांत्रिक देश हैं। यूक्रेन मुद्दे पर हम लगातार बात कर रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी है। हमारे संबंध गहरे और मजबूत होंगे। बाइडेन ने मोदी से कहा कि 24 मई को क्वाड की बैठक में हम फिर मिलेंगे।

यूनाइटेड नेशंस में रूस के खिलाफ वोटिंग में भारत नहीं हुआ शामिल
भारत ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है। रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में लाए गए तीनों प्रस्तावों पर मतदान के दौरान भी उसने गैरहाजिर रहने का फैसला किया।

UN में यूक्रेन जंग को लेकर भारत ने अब तक किसी के पक्ष में या खिलाफ वोट नहीं डाला है।
UN में यूक्रेन जंग को लेकर भारत ने अब तक किसी के पक्ष में या खिलाफ वोट नहीं डाला है।

यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल से रूस की सदस्यता खत्म कर दी गई। इस पर हुई वोटिंग में 93 देशों ने रूस के खिलाफ वोट डाला था, 24 रूस के साथ थे। इनमें चीन भी शामिल था, पर भारत ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। ऐसा 58 देशों ने किया। रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत का स्टैंड न्यूट्रल रहा है।

अमेरिका और भारत के बीच 2+2 वार्ता हुई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर 2 प्लस 2 वार्ता के लिए अमेरिका पहुंचे। इस दौरान दोनों देशों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करने और बढ़ाने पर चर्चा हुई। एजुकेशन को-ऑपरेशन, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन पर भी दोनों देशों ने बातचीत की।

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