1 अप्रैल से होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी खत्म, निवेश पर भी कैंची; हाइवे पर चुकाना होगा ज्यादा टैक्स

वर्चुअल करंसी पर भी 1 अप्रैल से कर संबंधी स्पष्ट नियम लागू होंगे। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगेगा। किसी व्यक्ति को क्रिप्टो करंसी बेचने पर फायदा होता है, तो उसे टैक्स देना होगा। बिक्री पर 1 जुलाई से 1% टीडीएस भी काटा जाएगा।

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नई दिल्ली। एक अप्रैल यानी कल से वित्त वर्ष 2022-23 शुरू हो रहा है। इसके साथ ही कई नियम भी बदल जाएंगे। इनका असर हमारी कमाई, खर्च और निवेश पर पड़ेगा। आइए जानते हैं उन 8 बड़े बदलावों के बारे में जो आपकी जेब पर असर डालेंगे…

1. प्रॉविडेंट फंड (PF): जिन कर्मचारियों ने PF अकाउंट में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा किया है, उन्हें ब्याज पर इनकम टैक्स देना होगा। टैक्स कैलकुलेशन के लिए अमाउंट को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। एक में छूट वाला योगदान, तो दूसरे में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का योगदान रहेगा, जो टैक्सेबल होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए रहेगी।

2. किफायती घर: अगर आपने पहली बार किफायती घर खरीदा है, तो चुकाए गए ब्याज पर धारा 80 EEA के तहत 1.5 लाख की अतिरिक्त कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। घर की कीमत 45 लाख से कम है, तो अब तक ब्याज भुगतान में डेढ़ लाख तक की कटौती का दावा कर सकते थे। यह कटौती या छूट धारा 24 B के तहत मिल रही 2 लाख रुपए की छूट के अलावा थी। यह लाभ उन्हीं टैक्सपेयर्स के लिए था, जिन्होंने घर खरीदने के लिए 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच कर्ज लिया हो।

3. क्रिप्टोकरंसी: वर्चुअल करंसी पर भी 1 अप्रैल से कर संबंधी स्पष्ट नियम लागू होंगे। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगेगा। किसी व्यक्ति को क्रिप्टो करंसी बेचने पर फायदा होता है, तो उसे टैक्स देना होगा। बिक्री पर 1 जुलाई से 1% टीडीएस भी काटा जाएगा।

4. दवाएं: नए फाइनेंशियल ईयर में हेल्थकेयर भी महंगा हो जाएगा। करीब 800 लाइफ सेविंग ड्रग्स के दाम 10% तक बढ़ेंगे, जिससे इलाज के खर्च में बढ़ोतरी होगी।

5. पैन: पैन को आधार से लिंक करने पर अब पेनल्टी लगेगी। यह 30 जून 2022 तक 500 रुपए रहेगी। इसके बाद 1000 रुपए पैनल्टी देनी होगी। 31 मार्च 2023 के बाद भी लिंक न करवाने पर पैन नंबर निष्क्रिय हो जाएगा।

6. GST: 20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य ई-इनवॉइसिंग के दायरे में आएंगे। हर बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजैक्शन के लिए ई-इनवॉइस जारी होगा। इसके न होने पर ट्रांसपोर्ट के दौरान माल जब्त किया जा सकता है। साथ ही, खरीदार को मिलने वाला इनपुट टैक्स क्रेडिट भी खतरे में पड़ जाएगा।

7. ऑडिट ट्रेल: हर कंपनी को अकाउंट सॉफ्टवेयर में ऑडिट ट्रेल फीचर जुड़वाना होगा। ऑडिट ट्रेल का उद्देश्य कंपनी के लेन-देन में एंट्री के बाद किए जाने वाले परिवर्तन का रिकाॅर्ड रखना होता है। मांगे जाने पर ऑडिट ट्रेल उपलब्ध कराना होगा।

8. सफर करना हुआ महंगा: नेशनल हाईवे पर सफर करना महंगा होने वाला है। आज यानी गुरुवार रात 12 बजे से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल टैक्स में 10 से 65 रुपए तक की
बढ़ोतरी की है। छोटे वाहनों के लिए 10 से 15 रुपए जबकि कामर्शियल वाहनों के लिए 65 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है।

एनपीएस, म्यूचुअल फंड संबंधी बदलाव

  • राज्य कर्मचारी अपने एम्प्लॉयर के एनपीएस योगदान पर ज्यादा कटौती का दावा कर सकेंगे। दो साल बाद तक अपडेटेड आयकर रिटर्न भर सकेंगे।
  • कोरोना के इलाज के लिए मिली 10 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स नहीं लगेगा।
  • म्यूचुअल फंड में निवेश सिर्फ यूपीआई या नेटबैंकिंग के जरिए ही हो सकेगा।
  • 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को रिटर्न भरने से छूट।

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