पद्म अवॉर्ड्स 2022: 126 साल के स्वामी शिवानंद के सम्मान में नतमस्तक सरकार, योग के लिए पद्मश्री से नवाजे

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वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानंद, नंगे पैर पद्मश्री अवॉर्ड लेने पहुंचे। लेकिन, माहौल उस वक्त भावुक हो गया जब शिवानंद अवॉर्ड लेने से पहले पीएम मोदी को नमस्कार करने घुटनों के बल बैठ गए। शिवानंद के ये भाव देखकर पीएम मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर शिवानंद के सम्मान में झुक गए।

स्वामी शिवानंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने भी घुटनों पर बैठ गए। लेकिन राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें झुककर उठाया। स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में 126 साल के स्वामी ने अपनी फिटनेस से सबको चौंका दिया।

बाबा शिवानंद की चमत्कार भरी यात्रा
बाबा शिवानंद का जीवन किसी चमत्कार से कम नहीं है। 1896 में जन्मे बाबा शिवानंद बंगाल से काशी पहुंचे। गुरु ओंकारानंद से शिक्षा लेने के बाद वे योग और धर्म में बड़े प्रकांड पुरुष साबित हुए। 6 साल की उम्र बहन, मां और पिता की मौत एक महीने के अंदर ही हो गई। उन्होंने मोहवश माता-पिता को मुखाग्नि देने से ही इंकार कर दिया। कर्मकांडियों के घोर विरोध के बाद भी चरणाग्नि ही दी।

1925 में उनके गुरु ने उन्हें विश्व भ्रमण का निर्देश दिया। 29 साल के शिवा लंदन गए और लगातार 34 साल तक भ्रमण ही करते रहे। अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया, रूस आदि देशों की यात्रा से लौटकर जब वह स्वदेश आए तो भारत तब तक अपना 9वां गणतंत्र दिवस मना रहा था। बाबा आज भी ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करते हैं। उबला भोजन और सब्जी ही खाते हैं।

128 लोगों को मिले पद्म अवॉर्ड्स

  • सेरेमनी में 4 को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 107 को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनकी बेटियों ने लिया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पब्लिक अफेयर्स के लिए पद्म भूषण से नवाजा गया।

गुजरात के जाने-माने आध्यात्मिक संत स्वामी सच्चिदानंद को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मभूषण दिया गया।

पैरा-शूटर अवनि लेखारा को खेल में पद्म श्री पुरस्कार मिला।

 

 

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