5 राज्यों के मेगा नतीजे:UP में योगी ही सरकार; गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भी भगवा परचम, पंजाब में AAP की झाड़ू से सब साफ

0 989,993

नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में BJP चार राज्यों में सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही है। UP, उत्तराखंड और मणिपुर में वह लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। गोवा में उसकी हैट्रिक है। उधर, पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 117 में से 92 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया है।

एनालिसिस: पहली बार माया का दलित भाजपा के पाले में, सपा से जितना नुकसान…बसपा के वोटों ने उससे ज्यादा भरपाई कर दी
उत्तर प्रदेश में BJP की जीत के पीछे कुछ विरोधी दलों की रणनीति भी जिम्मेदार है। जैसे- यहां बसपा ने 122 सीटों पर ऐसे उम्मीदवार खड़े किए, जो सपा के उम्मीदवार की ही जाति के थे। इससे वोट बंट गए। सपा खुद को मुस्लिम सरपरस्त पार्टी की छवि से बाहर नहीं निकाल पाई। वह भाजपा के हिन्दुत्व का काट नहीं खोज पाई। उसके हिंदू वोटर छिटक गए। मोदी-योगी ने लगातार हर चीज को हिन्दुत्व से जोड़ा। इससे वे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने में भी कामयाब रहे।

उत्तर प्रदेश: लगातार दूसरी बार योगीराज
उत्तर प्रदेश में फिर योगी सरकार को स्पष्ट बहुमत मिला है। उसने 273 सीटें हासिल की हैं। हालांकि, इस बार सीटें कम हुई हैं। भाजपा पिछली बार रिकॉर्ड 312 सीटों पर जीती थी। राज्य में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन भी सुधरा है। वह 125 सीटें जीतने में कामयाब रही है। पिछली बार सपा ने 48 सीटें जीती थीं।

पंजाब: AAP ने चौंकाया, अब 2 राज्यों में उसकी सरकार
पंजाब में AAP ने अपने प्रदर्शन से चौंका दिया है। वह 92 सीटों पर जीती है। उसे पिछली बार सिर्फ 20 सीटें मिली थीं। AAP के CM कैंडिडेट भगवंत मान ने 45 हजार वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। यहां CM चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस से अलग हुए पूर्व CM अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव हार गए। हैं। सिद्धू ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अब दिल्ली के बाद पंजाब दूसरा राज्य है, जहां AAP की सरकार बनाने जा रही है।

एनालिसिस: आप गारंटी कार्ड लेकर घर-घर पहुंची; गांवों में नए और शहरों में दूसरे दलों से लाकर जनाधार वाले कैंडिडेट उतारे
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत उसकी चुनावी रणनीति की कामयाबी है। चुनाव नजदीक आते ही आप ने मुद्दों से कैंपेन शुरू किया। अच्छे सरकारी स्कूल और बेहतर अस्पताल की बात की। फिर 400 यूनिट मुफ्त बिजली और 18 साल से बड़ी हर महिला को प्रतिमाह एक-एक हजार रुपए देने की घोषणा कर दी। इसके बाद एक कदम आगे बढ़कर घर-घर से गारंटी कार्ड भरवाए।

गोवा: BJP की हैट्रिक, AAP के CM फेस को ही हार मिली
देश के सबसे छोटे राज्य गोवा में BJP लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। यहां 40 सीटों में से उसे 20 पर जीत हासिल हुई। उसे 3 निर्दलीयों और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के 2 विधायकों ने समर्थन दे दिया है। इस तरह उसका आंकड़ा 25 हो गया है जो बहुमत से 4 ज्यादा है। कांग्रेस 11 सीटें ही जीत पाई। आम आदमी पार्टी (AAP) को पहली बार विधानसभा में एंट्री मिली है। उसके दो उम्मीदवार जीते हैं, लेकिन पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जिस अमित पालेकर को CM का चेहरा बनाया था, वे ही चुनाव हार गए।

एनालिसिस: सिर्फ 77 वोट से भी जीते BJP उम्मीदवार, ममता-केजरीवाल चुनाव नहीं लड़ते तो BJP को नुकसान होता
गोवा में BJP ने जो सीटें जीतीं, उनमें से कुछ पर जीत का अंतर 500 वोटों का भी नहीं है। इससे इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि एंटी BJP वोट विपक्षी पार्टियों के बीच बंट गए, जिसका सीधा फायदा BJP को मिला। इस बार कहा जा रहा था कि पर्रिकर के बिना BJP के लिए सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा, लेकिन पार्टी ने 2017 से भी अच्छा प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड-मणिपुर: दोनों राज्यों में BJP को स्पष्ट बहुमत, देवभूमि में CM धामी हारे
उत्तराखंड में BJP ने 70 में से 48 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। उसे इस बार 9 सीटों का घाटा हुआ है। CM पुष्कर सिंह धामी भी करीब 7 हजार वोटों से चुनाव हार गए हैं। उधर, मणिपुर में BJP ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। वह 34 सीटें जीती है। उसे 13 सीटों की बढ़त मिली है। CM एन. बीरेन सिंह करीब 16 हजार वोटों से जीते हैं। ​​​​​​

एनालिसिस: हर चुनाव में सरकार बदलने वाली परंपरा टूटी, जानें जीत की 5 वजहें, हार गए धामी और हरीश
उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव पर स्थानीय और राष्ट्रीय कई मुद्दों का असर साफ दिखा। पहाड़ में मोदी फैक्टर हावी रहा, तो मैदानी इलाकों में महंगाई और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों ने अपना असर दिखाया। अलग राज्य बनने के बाद पांच साल कांग्रेस और पांच साल भाजपा सरकार रहने की परंपरा भी टूटी है। प्रदेश में पहली बार भाजपा की सरकार रिपीट हो रही है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.