‘नीट में फेल होने वाले स्टूडेंट जाते हैं विदेश’ वाले बयान पर घिरे केंद्रीय मंत्री जोशी, कांग्रेस समेत राजनीति दलों ने बताया छात्रों का अपमान
यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध के बीच बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का विवादित बयान सामने आया है। खास बात यह है कि इस बयान के बाद उनकी मुश्किलें भी बढ़ गई है। कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों ने उनके बयान को लेकर निशाना साधा है। दरअसल यूक्रेन जैसे देशों में भारतीयों के लिए मेडिकल की पढ़ाई करना सस्ता होता है। यही वजह है कि भारतीय स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में वहां जाते हैं। यूक्रेन व रूस समेत कई देशों में पांच साल में करीब 30 लाख रुपए खर्च करके मेडिकल की पढ़ाई पूरी की जा सकती है। जबकि भारत में इसका खर्च 70 लाख से एक करोड़ तक पहुंच जाता है। यदि सीटें कम हों तो दिक्कतें और ज्यादा बढ़ जाती हैं।
प्रहलाद जोशी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सुरजेवाला ने कहा कि केंद्रीय मंत्री का यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के प्रति इस तरह का बयान उनके अपमान से कम नहीं है।
वहीं कांग्रेस की एक और नेता रागिनी नायक ने भी केंद्रीय मंत्री जोशी पर निशाना साधा। उन्होंने जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस नेता ने कहा कि, आप किसी का दुख साझा नहीं कर सकते तो इस तरह के बयान तो ना दें। आप छात्र नवीन की मौत का मजाक उड़ा रहे हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान पर केंद्रीय मंत्री जोशी और पीएम मोदी से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस के साथ-साथ एनसीपी ने भी बीजेपी नेता के बयान पर तीखा हमला बोला। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि कि यूक्रेन में फंसे छात्रों और उनके अभिभावकों दोनों के लिए हालात अच्छे नहीं हैं। हमारा ध्यान भारतीय यात्रियों को सुरक्षित निकालने पर होना चाहिए। यह सोचकर चिंता होती है कि ऐसे माहौल में भी हमारे कुछ मंत्री कठोर, असंवेदनशील और गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
दरअसल यूक्रेन जैसे देशों में भारतीयों के लिए मेडिकल की पढ़ाई करना सस्ता होता है। यही वजह है कि भारतीय स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में वहां जाते हैं। यूक्रेन व रूस समेत कई देशों में पांच साल में करीब 30 लाख रुपए खर्च करके मेडिकल की पढ़ाई पूरी की जा सकती है। जबकि भारत में इसका खर्च 70 लाख से एक करोड़ तक पहुंच जाता है। यदि सीटें कम हों तो दिक्कतें और ज्यादा बढ़ जाती हैं।
The Situation in #Ukraine is extremely sensitive for both the individuals who are stranded there and their family members who are extremely tensed and anxious.https://t.co/W3t9VaqfSj
— Supriya Sule (@supriya_sule) March 1, 2022