इंडियन ऐंबैसी ने पोलैंड में मिशन इम्पॉसिबल को अंजाम दिया :यूक्रेन सीमा के 30 किलोमीटर अंदर घुसकर निकाल लाए सैकड़ों इंडियन स्टूडेंट्स
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पोलैंड बॉर्डर से पहले भारतीय छात्रों को कई किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ रहा था। फिर खबरें भी आने लगीं कि यूक्रेन बॉर्डर पुलिस भारतीयों को टॉर्चर कर रही है, ऐसे में पोलैंड में मौजूद इंडियन ऐंबैसी ने ऐसे मिशन को अंजाम दिया जो जंग के हालात में इम्पॉसिबल था।
#WATCH "I welcome you all back to our motherland…..PM is determined to bring back our citizens safely. Jai Hind," says Union Minister Rajeev Chandrasekhar to Indians repatriated from Ukraine pic.twitter.com/PkLcxY8alE
— ANI (@ANI) March 2, 2022
एम्बेसी ने भारतीयों को लाने के लिए यूक्रेन बॉर्डर के अंदर घुसने का फैसला किया। लगातार बिगड़ते हालात और गोलीबारी के बीच यह काम नामुमकिन जैसा ही था। मिशन था- यूक्रेन में 30 किलोमीटर अंदर घुसना और सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर पोलैंड पहुंचाना।
Two Indian Air Force aircraft take off for Romania and Hungary from the Hindon airbase to bring back Indians stranded in Ukraine pic.twitter.com/wjkBqk3873
— ANI (@ANI) March 2, 2022
ऐंबैसी के साथ इस मिशन को लीड करने वाले भारतीय मूल के बिजनेसमैन अमित लाथ ने भास्कर को बताया कि पोलैंड से 444 भारतीय छात्रों को मंगलवार शाम भारत के लिए रवाना किया गया।
बॉर्डर तक पैदल आने में छात्रों को 4 दिन लग रहे थे
इन छात्रों को निकालने के लिए युद्ध शुरू होते ही इंडियन ऐंबैसी एक्टिव हो गई थी। उसके इस मिशन में इंडो-पोलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (IPCCI) ने रणनीति बनाने में मदद की। इस मिशन को अंजाम देने के लिए युद्धग्रस्त यूक्रेन बॉर्डर के अंदर 30 से 50 किलोमीटर पैदल चलकर आ रहे भारतीय छात्रों को पोलैंड के सुरक्षित क्षेत्र में लाना था।
पैदल आने में इन्हें 4 दिन का समय लग रहा था। इस दौरान यूक्रेनियन पुलिस की ज्यादती का खतरा बना हुआ था। इस पर ठंड के दौरान रास्ते में ही रात बिताने से तबीयत भी बिगड़ने लगी थी।
मिशन इम्पॉसिबल के लिए स्ट्रैटजी
24 फरवरी को रूस का हमला होते ही पोलैंड में इंडियन कम्युनिटी एक्टिव हो गई। IPCCI के साथ मिलकर ऐंबैसी ने 7 टीमें बनाईं। इनमें से किसी को भारतीयों को यूक्रेन से निकालने का जिम्मा दिया गया, तो कोई उनके ठहरने और खाने का इंतजाम कर रही थी। एक स्पेशल कंट्रोल रूम बनाया गया। यहां से पूरे ऑपरेशन के को-ऑर्डिनेशन और एग्जीक्यूशन पर नजर रखी जा रही थी।
#WATCH | Welcome back home ! Your families are waiting with bated breath. You have shown exemplary courage…Let's thank the flight crew as well…: Union Minister Smriti Irani welcomes stranded students as they return from war-torn #Ukraine pic.twitter.com/JCGLqT7QM7
— ANI (@ANI) March 2, 2022
भारतीय छात्रों का रेस्क्यू कैसे किया
मिशन पूरा करने के लिए 30 बसों का काफिला सोमवार शाम यूक्रेन से आ रहे छात्रों को लाने के लिए रवाना किया गया। ये छात्र यूक्रेन के पश्चिमी छोर पर पोलैंड की तरफ जाने वाले रास्तों पर थे। पश्चिमी यूक्रेन का शहर यावोरिव पोलैंड बॉर्डर से 49 किलोमीटर दूर है।
I am happy to return to India. I hope other Indians are also evacuated soon. Operation Ganga is really helpful. I thank the Govt of India: Krishna Kumar, on returning from Ukraine
The Indians evacuated from Ukraine were received by Union Min Smriti Irani at Delhi airport today. pic.twitter.com/BD2M8HcQpK
— ANI (@ANI) March 2, 2022
इसी रास्ते से भारतीय छात्र पैदल पोलैंड की तरफ आ रहे थे। रास्ते में इन लोगों को यूक्रेन की सेना और बॉर्डर पुलिस टॉर्चर कर रही थी। ऐसे में मिशन को जल्द अंजाम देने पर भारतीय दूतावास का सबसे बड़ा फोकस था।
मिशन में अड़चनें
सबसे बड़ी चुनौती थी छात्रों से संपर्क साधना और उन्हें यह भरोसा दिलाना कि भारत सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। IPCCI ने यूक्रेन में अपने संपर्कों से बात करके यह सुनिश्चित किया। इसके बाद पोलैंड के बस ट्रांसर्पोटर्स को इस मुश्किल मिशन पर जाने के लिए तैयार करना भी बड़ी चुनौती रही। यहां फिर IPCCI के प्रभाव का यूज किया गया।
मिशन पूरा करने में कितना समय लगा
मिशन को पूरा करने में 5 से 6 दिन लगे। पोलैंड से यूक्रेन की ओर जाते हुए बसों को कम समय लगा, लेकिन भारतीयों को वापस लाते वक्त इन्हें दोगुना टाइम लगा। दरअसल, यूक्रेन से पोलैंड आने वाले रिफ्यूजियों की वजह से पूरे रास्ते में जाम लगा था। आखिरकार दो बैच में तकरीबन 500 भारतीयों को सुरक्षित पोलैंड के रेजजो शहर के होटल प्रेसिडेंस्की पहुंचाया गया।
यहां सभी छात्रों को मेडिकल हेल्प दी गई। रहने और खाने के लिए 5 स्टार अरेंजमेंट किया गया। ये सभी छात्र पोलैंड से बुधवार तड़के इंडिगो की दो फ्लाइट्स से भारत पहुंचे।
#WATCH | "We were easily given clearance due to the Indian flag; made the flag using a curtain & colour spray…Both Indian flag & Indians were of great help to the Pakistani, Turkish students," said Indians students after their arrival in Bucharest, Romania#UkraineCrisis pic.twitter.com/vag59CcPVf
— ANI (@ANI) March 2, 2022