नहीं रहे संत बाबा इकबाल सिंह:बडू साहिब में ली आखिरी सांस, 26 जनवरी को राष्ट्रपति कार्यालय ने की थी पद्मश्री देने की घोषणा

अमृतसर – हिमाचल के कलगीधर ट्रस्ट के संस्थापक संत बाबा इकबाल सिंह ने बडू साहिब में आखिरी सांस ली। बाबा इकबाल सिंह 1 मई को 96 साल के होने वाले थे। लंबे समय से बीमार होने के कारण उन्हें चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शुक्रवार को ही उन्हें बडू साहिब ले जाया गया था, जहां उनका निधन हो गया।

राष्ट्रपति कार्यालय ने 26 जनवरी को ही संत बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री देने की घोषणा की थी। उन्हें अभी यह सम्मान दिया जाना था और इससे पहले ही संत बाबा इकबाल सिंह देह त्याग गए। संत बाबा इकबाल सिंह का दाह संस्कार रविवार दोपहर बाद बडू साहिब गुरुद्वारा के निकट किया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, अकाल तख्त साहब पटना साहिब से संगत पहुंचेगी।

2018 में शिरोमणि पंथ रत्न देकर संत बाबा इकबाल सिंह को सम्मानित किया गया।
2018 में शिरोमणि पंथ रत्न देकर संत बाबा इकबाल सिंह को सम्मानित किया गया।

शिक्षा के क्षेत्र में दिया योगदान

शिरोमणि पंथक बाबा इकबाल सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। कलगीधर ट्रस्ट के संस्थापक बाबा इकबाल सिंह को समाज सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के निदेशक के पद से सेवानिवृत बाबा इकबाल सिंह का जन्म 1 मई 1926 को हुआ था। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बडू साहिब में ही रहने का फैसला किया और अंतिम सांस भी यहीं ली। उन्होंने एक कमरे के स्कूल से शिक्षा का प्रसार शुरू किया। अब बॉर्डर और रुरल एरिया में उनकी संस्था के 129 स्कूल शिक्षा का उजाला फैला रहे हैं। 2018 में उन्हें शिरोमणि पंथ रत्न से भी नवाजा गया।

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