बठिंडा. एसटीएफ के तत्कालीन डीएसपी गुरशरण सिंह के खिलाफ एक महिला ने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची थी जिसमें महिला ने अपने व पुलिस एएसआई पति के ऊपर दर्ज किए नशा तस्करी के केस की रंजिश निकालने के लिए डीएसपी के खिलाफ साजिश रची व उसे झूठे केस में फसाया गया। इस बाबत 26 अक्तूबर 2020 को दर्ज केस की जिला अदालत में चली एक साल से अधिक समय तक की सुनवाई में फैसला सुनाते कोर्ट ने डीएसपी गुरशरण सिंह को मामले में बरी कर दिया है।
वही इस मामले में सबसे अहम बात यह रही कि जिला अदालत ने थाना सिविल लाइन के एसएचओ रमिंदर सिंह, एसआई अमनदीप कौर और एसआई हरपिंदर कौर, साजिशकर्ता महिला एवं उसके पति के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए 15 दिन में डीजीपी को शिकायत देने की हिदायत भी दी है। इसके बाद डीएसपी गुरशरण सिंह ने आज शुक्रवार को उक्त सभी लोगों के खिलाफ डीजीपी को लिखित शिकायत भी दर्ज करवा दी है।
26 अक्तूबर 2020 को पुलिस की ओर से एसटीएफ के तत्कालीन डीएसपी गुरशरन सिंह पर थाना सिविल लाइन पुलिस में दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज किया था। इस मामले में शिकायत करने वाली महिला के पति और बेटे पर 22 जुलाई 2020 को एनडीपीएस एक्ट के तहत एसटीएफ टीम ने केस दर्ज किया था। इस दौरान एसटीएफ के इचार्ज डीएसपी गुरशरण सिंह थे। महिला इसी बात की रंजिश रखती थी व डीएसपी पर दबाव बनाने व पति व बेटे पर दर्ज केस को रद्द करवाने के लिए उसने साजिश को अंजाम दिया।
अदालत ने डीएसपी को बरी करने का आदेश दिया
बीस दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने डीएसपी को बरी करने का आदेश दिया और हिदायत दी कि उक्त पूरे मामले में साजिश रचने व झूठा केस दर्ज करवाने में संलिप्त आरोपी थाना सिविल लाइन के एसएचओ रमिंदर सिंह, एसआई अमनदीप कौर और एसआई हरपिंदर कौर, महिला एवं उसके पति के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए 15 दिन में डीजीपी को शिकायत दे सकते हैं। इसके अलावा अदालत ने थाना सिविल लाइन के एसएचओ और दो महिला सब इंस्पेक्टरों को सीआरपीसी 340 के तहत नोटिस कर 10 जनवरी को अदालत में पेश होने के आदेश भी दिए हैं। इसमें साजिश में शामिल होने संबंधी प्रतिवादी की तरफ से दिए दस्तावेजों पर उक्त लोग अपना पक्ष रख सकते हैं।
- डीएसपी गुरशरन सिंह के वकील हरपिंदर सिंह ने बताया कि यह मामला विशेष अदालत में चल रहा था। उन्होंने बताया कि अदालत ने उनकी दलीलों से सहमत होते हुए 20 दिसंबर को डीएसपी गुरशरन सिंह को उक्त मामले से बरी कर दिया और पाया कि उक्त मामला डीएसपी पर साजिश के तहत दर्ज करवाया गया था क्योंकि शिकायत करने वाली महिला व उसके परिजनों पर पुलिस अधिकारी गुरशरण सिंह ने नशा तस्करी का केस दर्ज किया था व उक्त लोगों को मौके पर नशे के साथ गिरफ्तार किया गया था। नशा तस्करी के इस केस से परिवार को बाहर निकलवाने के लिए महिला ने साजिश को अंजाम दिया व डीएसपी पर साजिशन झूठे आरोप लगा केस दर्ज करवाया।
- वकील ने बताया कि अदालत ने डीएसपी को बरी करने के बाद आदेश पास किया कि वे खुद पर दर्ज किए गए झूठे केस को लेकर 15 दिन के अंदर थाना सिविल लाइन के एसएचओ रमिंदर सिंह, महिला सब इंस्पेक्टर हरपिंदर कौर और अमनदीप कौर समेत केस दर्ज करवाने वाली महिला और उसके पति रविंदर सिंह पूर्व एएसआई के खिलाफ डीजीपी पंजाब को शिकायत दे सकते हैं। वकील ने बताया कि आदेश में कहा गया कि शिकायत मिलने के बाद डीजीपी कानून के अनुसार शिकायत पर कार्रवाई करेंगे।
एसएचओ और महिला सब इंस्पेक्टरों को 10 जनवरी को पेश होने के आदेश
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अदालत ने थाना सिविल लाइन के एसएचओ और दो महिला सब इंस्पेक्टरों को 340 सीआरपीसी के अधीन नोटिस जारी कर 10 जनवरी 2022 को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि डीएसपी गुरशरन सिंह को सरकार दो लाख रुपये लीगल ऐड मुआवजा राशि जारी करे। सरकार चाहे तो उक्त तीनों पुलिस वालों से यह राशि वसूल कर सकती है।
डीजीपी को शिकायत देने चंडीगढ़ पहुंचे डीएसपी
उन्होंने बताया कि अदालत के आदेशों पर डीएसपी गुरशरन सिंह थाना सिविल लाइन के एसएचओ रमिंदर सिंह, महिला सब इंस्पेक्टर अमनदीप कौर और हरपिंदर कौर, केस दर्ज करवाने वाली महिला और उसके पति के खिलाफ शिकायत देने के लिए शुक्रवार को डीजीपी पंजाब के पास पहुंच चुके हैं।