महाराष्ट्र में फिर भड़की हिंसा:अमरावती में कल हुई हिंसा के विरोध में बुलाए बंद के दौरान हुआ पथराव और लाठीचार्ज, कई घायल

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अमरावती. महाराष्ट्र के अमरावती में शुक्रवार को हुई हिंसा और पथराव के विरोध में दूसरे पक्ष की ओर से आज शहर बंद का आवाहन किया गया है। सुबह 10 बजे शहर के राजकमल चौक और गांधी चौक पर हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर ही रहे थे कि इसमें से कुछ लोगों ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। इसके बाद भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है। इसमें कई लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आ रही है।

फिलहाल पत्थरबाजी जारी है और पुलिस उसे कंट्रोल करने का प्रयास कर रही है। भीड़ को देखते हुए ग्रामीण इलाकों से भी फोर्स को शहर में बुलाया गया है। त्रिपुरा में हुए साम्प्रदायिक दंगों के विरोध में महाराष्ट्र के कई शहरों में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने बंद का ऐलान किया था। रजा अकादमी नाम की एक संस्था इसमें सक्रिय रूप से शामिल हुई थी। इस दौरान नांदेड, मालेगांव और अमरावती में हिंसा देखने को मिली थी।

इस हिंसा में कई गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई थी। साथ ही एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए थे, इसमें दो पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।

कल अमरावती के इन इलाकों में हुई थी हिंसा
शुक्रवार को एक समुदाय की तरफ से घोषित बंद के दौरान अमरावती के जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक, ओल्ड कॉटन मार्केट रोड, इरविन चौक, चित्रा चौक, प्रभात चौक और चौधरी चौक से मार्च कर करते हुए भीड़ जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंची। भीड़ ने रास्ते में खुली दुकानों पर कई जगहों पर पथराव किया था। दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की शिकायत भी दर्ज हुई है।

इसके बाद कुछ व्यापारियों को साथ लेकर भाजपा और बजरंग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता कोतवाली थाने पहुंचे और सैंकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। भाजपा ने तोड़फोड़ के विरोध में शनिवार (13 दिसंबर) को अमरावती बंद का आह्वान किया था। आज इसी प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है।

अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय पर दोपहर 3 बजे धरना करने के लिए 7 संगठनों ने शहर पुलिस से एक लिखित परमिशन मांगी थी, लेकिन इसमें कहीं पर भी मोर्चे का कोई जिक्र नहीं हुआ था। जिसके चलते मौके पर केवल 250 पुलिसकर्मियों को जिलाधिकारी कार्यालय पर तैनाती की गई थी। फिर शुक्रवार दोपहर 3 बजे के बाद कई हजार लोगों का भीड़ देखकर पुलिस ने तुरंत अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया और किसी तरह भीड़ को कंट्रोल किया।

कई नामचीन लोगों की दुकानों को टारगेट किया गया
कल हुई हिंसा के विरोध में शहर कोतवाली पुलिस ने सात FIR अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की हैं। पुराने कॉटन मार्केट चौक में कुछ दुकानों को बंद करने की कोशिश के दौरान पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता के किराना प्रतिष्ठान पर पथराव किया गया। उधर, पुराने वसंत टॉकीज इलाके में मेडिकल प्वाइंट, फूड जोन, लाढा इंटीरियर, जयभोले दाभेली सेंटर, एंबेसडर डेयरी, शुभम इलेक्ट्रिक में तोड़फोड़ की गई है। घटना में शिवा गुप्ता और विशाल तिवारी नाम के शख्स भी घायल हो गए हैं। इरविन चौक स्थित आइकॉन मॉल और पूर्व संरक्षक मंत्री व विधायक प्रवीण पोटे के कैंप कार्यालय पर भी पथराव किया गया है।

हिंसा पर नवाब मलिक का रिएक्शन*
आज हुई हिंसा को लेकर NCP प्रवक्ता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में त्रिपुरा की घटना और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की पुस्तक को लेकर प्रोटेस्ट के दौरान महाराष्ट्र में तीन जगहों पर तोड़फोड़ और पथराव हुआ था। जो लोग इस तरह का बंद का आह्वान करते हैं, उनको कंट्रोल रखना चाहिए। मैं लोगों से शांति की अपील करता हूं, जो लोग भी दोषी हैं उन पर पुलिस कारवाई करेगी।

मलिक ने आगे कहा कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वो अनगाइडेड मिसाइल की तरह काम न करें। कोई भी किसी घटना के पीछे है पुलिस जांच करेगी। वसीम रिजवी पर कारवाई होनी चाहिए। आंदोलन आपका अधिकार है, लेकिन लोगों को शांति से आंदोलन करना चाहिए।

 

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