बठिंडा। पंजाब के मालवा रीजन में गुलाबी सुंडी से बर्बाद की गई कपास की फसल पर मुआवजा नहीं मिलने पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल ने बठिंडा में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान ऐलान किया गया कि अगर एक सप्ताह के भीतर कांग्रेस सरकार ने मुआवजा नहीं दिया, तो मुख्यमंत्री की कोठी का घेराव किया जाएगा। खास बात यह रही कि लंबे समय बाद प्रकाश सिंह बादल रो राजनीतिक मंच पर देखा गया।
प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि उनका किसानों को लेकर लंबा संघर्ष रहा है। किसानों के लिए जो कुछ उनकी पार्टी ने किया है, किसी अन्य पार्टी ने नहीं किया। जब श्री हरिमंदिर साहिब पर हमला हुआ, तो देश के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह थे और गवर्नर बूटा सिंह थे। उनकी ओर से तब भी इस्तीफा नहीं दिया गया था। अब जब किसान विरोधी कानून केंद्र सरकार ने लागू किए हैं, तो हरसिमरत कौर बादल ने ही मंत्री पद छोड़ा है। ऐसा कोई नहीं करता।
बेअदबी के मुद्दे पर वह बोले के वह कांग्रेस नेता उन पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी ने श्री हरिमंदिर साहिब पर हमला करवाया था। श्री अकाल तख्त साहिब को तोड़ दिया, श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गोलियां मारीं। क्या वह बेअदबी कम थी। बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कैप्टन ने केस दर्ज कराया था, जिसमें वह बरी हो गए। मानहानि का केस भी किया, मगर वह मैंने वापस ले लिया। क्योंकि वह कभी बदले की भावना से काम नहीं करते हैं। भाषण के अंत में प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि बड़े लंबे समय बाद आप लोगों के दर्शन किए हैं, आयु दो तीन साल और बढ़ गई है और लगता है कि सेंचुरी मार जाउंगा, जिसके बाद पंडाल का माहौल खुशनुमा हो गया।
किसानों की मातृ पार्टी है अकाली दल जो किया कोई नहीं कर सकता
प्रदर्शन के दौरान सुखबीर सिंह बादल, सिकंदर सिंह मलूका, बलविंदर सिंह भूंदड, जगमीत सिंह बराड़ आदि ने शिरोमणि अकाली दल को किसानों की मातृ पार्टी बताया। हर नेता ने यही कहा कि जो अकाली दल का 100 साल पुराना इतिहास है और जो उनकी पार्टी ने किसानों के लिए किया है, वह किसी पार्टी ने नहीं किया है। इसलिए सियासी पार्टियों के पीछे लगकर आपस में फूट न डालें और मिलकर कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष करे। सुखबीर ने कहा कि अभी 3 माह का समय बचा है। सरकार अकाली दल की बननी तय है। इसलिए वह ऐलान करते हैं कि अगर इस सरकार ने मुआवजा नहीं दिया तो वह आते ही किसानों को उनका मुआवजा देंगे। भले वह सड़कों के लिए ली जाने वाली जमीनों का हो या फिर गुलाबी सुंडी के कारण हुए नुकसान का।
आज भी कई जगहों पर हुआ विरोध
शिरोमणि अकाली दल बादल की तरफ से की जाने वाली जनसभाओं का लगातार विरोध होता आया है। आज भी जब अकाली दल के वर्कर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बठिंडा जा रहे थे तब उन्हें गांवों में विरोध का सामना करना पड़ा है। अकाली दल की ओर से इस पर रोष जाहिर किया गया है। उनका कहना था कि यह सरासर गलत है। दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन में अकाली दल के वर्करों ने अपना बनता सहयोग दिया है, भले वह लंगर की सेवा हो या पैसे की। हम किसान यूनियन के पीछे खड़े होकर किसान संघर्ष में लड़ाई लड़ रहे हैं।