केंद्रीय कैबिनेट का फैसला:टेलीकॉम सेक्टर को बड़ा तोहफा; ऑटोमैटिक रूट से 100% FDI को मंजूरी, सिम से जुड़े KYC नियमों में भी बदलाव

इस योजना के अनुसार, सरकार कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन करने पर प्रोत्साहन देगी। सरकार का मकसद उनको ज्यादा निर्यात करने के लिए बढ़ावा देना है। PLI स्कीम का मकसद देश में कॉम्पिटिशन का माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।

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नई दिल्ली। आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए 26,058 करोड़ रुपए की PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसमें से 25,938 करोड़ रुपए ऑटो मोबाइल सेक्टर का दिया जाएगा वहीं 120 करोड़ ड्रोन इंडस्ट्री को दिया जाएगा।

मिलेंगी 7.6 लाख नौकरियां
अनुराग ठाकुर ने कहां कि कैबिनेट के इस फैसले से ऑटो सेक्टर में सरकारी अनुमान के मुताबिक 7.6 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी। इससे देश में इलेक्ट्र‍िक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे ऑटो सेक्टर में अगले पांच साल में 47,500 करोड़ रुपए का नया निवेश आएगा।

टेलीकॉम सेक्टर को भी राहत पैकेज मंजूर
केंद्र सरकार टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को भी मंजूरी दे दी गई है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर 9 बडे़ स्ट्रक्चरल बदलाव हुए हैं। AGR की परिभाषा को बदला गया है। AGR में पहले बहुत ज्यादा ब्याज को कम करके 2% सालाना किया गया है। इसके अलावा इस पर लगने वाली पेनल्टी को भी खत्म कर दिया गया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।

टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। AGR की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100% FDI को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा अब से कस्टमर के सभी KYC फॉर्म को अब डिजिटाइज किया जाएगा। सिम लेने या पोस्टपेड से प्रीपेड कराने जैसे सभी कामों के लिए अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा। इसके लिए डिजिटल KYC मान्य होगी।

सभी बकाया के लिए चार साल का मोरेटोरियम
वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए चार साल का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यानी वे अपना बकाया चार साल के लिए टाल सकते हैं। लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा। यह व्यवस्था पिछली डेट में नहीं बल्कि अब से लागू होगी।

किसे मिलेगा फायदा?
PLI स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो रेवेन्यू और निवेश की शर्तों का पालन करेंगी। फोर व्हीलर कंपनियों को अगले 5 साल में कम से कम 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। वहीं टू और थ्री व्हीलर के लिए 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।

क्या है PLI स्कीम?
इस योजना के अनुसार, सरकार कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन करने पर प्रोत्साहन देगी। सरकार का मकसद उनको ज्यादा निर्यात करने के लिए बढ़ावा देना है। PLI स्कीम का मकसद देश में कॉम्पिटिशन का माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को आटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को मंजूदी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, आटो कामपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है।

उन्होंने कहा, इस योजना में 26,058 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अनुमान है कि 5 वर्षों में लगभग 47,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा और लगभग 7,60,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे।

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में करीब पांच घंटे तक मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इस बैठक को चिंतन शिविर कहा गया। बैठक में सादगी ही जीवन का तरीका है पर जोर दिया गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्य क्षमता बढ़ाने को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि शासन में और सुधार के लिए ऐसे चार और चिंतन शिविर आयोजित किए जाएंगे।

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