बठिंडा. पंजाब में एक तरफ जहां आर्थिक तंगी व खजाना खाली होने की बात कर कर्मचारियों के प्रमोशन व भत्तों पर रोक लगा रखी है व जरूरी मदों के इलावा अन्य पर खर्च नहीं किया जा रहा है। वही पिछले सात साल में पंजाब के पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री ने करीब 22 करोड़ रुपए हेलीकाप्टरों की सैर पर खर्च कर दिया। सूचना अधिकार कानून के तहत डायरेक्टर शहरी हवाई विभाग चंडीगढ़ की तरफ से दी गई जानकारी में साल 2014 से लेकर 2021 तक सीएम की तरफ से हेलीकॉप्टरों पर 21,73,99,473.00 (लगभग 22 करोड़) रूपये खर्च किया गया है। इन सात साल में खर्च करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अरिंदर सिंह शामिल है। वर्ष 2014 से ले कर 2017 के मध्य तक पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल थे और 2017 मध्य के बाद से वर्ष 2021 तक वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह है। हेलीकॉप्टरों पर सबसे ज्यादा खर्च 2016-17 में 4,99,67,494.00 (लगभग 5 करोड़) रूपए खर्च हुआ है। इस वर्ष चुनावों का दौर था और उसके बाद अधिक खर्च साल 2019-20 में 4,24,48,189.00 (चार करोड़ से ज्यादा) रूपए हुआ है। इस साल भी लोक सभा चुनाव देश में हुए थे। फिलहाल सर्वाधिक खर्च मुख्यमंत्रियों ने चुनावी सभाओं में पहुंचने के लिए हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल कर किया है।
पंजाब के लोगों की तरफ से टैक्स के तौर पर जो पैसा भरा जाता है उसमें भारी भरकम खर्च हो रहा है। यह खर्च ऐसे समय में किया गया जब राज्य सरकार खजाना खाली होने की बात कर रही है व कई तरह के गैरजरूरी खर्चों पर रोक लगा रखी है। वही विभिन्न कर्मचारी संगठन लंबे समय से वेतन आयोग की नई सिफारिशों के आधार पर वेतन व पेंशन देने की मांग कर रहे हैं। निगमों व ट्रस्टों को बजट जारी करते विशेष तौर पर हिदायते दी गई कि वह केंद्रीय फंडों की योजना पर काम करे व राज्य के खजाने पर बोझ कम करने की योजना के तहत नई भर्ती व गैरजरूरी प्रमोशन न करे।
इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव गोयल की तरफ से राज्य सरकार से मामले की जानकारी मांगी गई थी। इसमें सूचना नहीं देने पर अपील की गई व इस अपील में मुख्य राज्य सूचना कमिश्नर चंडीगढ़ में सुरेश अरोड़ा मुख्य राज्य सूचना कमिश्नर पंजाब की कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को जन सूचना अधिकारी, डायरेक्टर शहरी हवाबाजी विभाग, चंडीगढ़ को भी इस केस में पार्टी बना लिया गया है। अब केस की अगली सुनवाई मिति 06 अक्टूबर 2021 को है। इसी दौरान विभाग की तरफ से गत दिवस मांगी गई सूचना जारी की है।
- वर्ष मुख्यमंत्रियों के हेलीकॉप्टरों पर खर्च हुई कुल रकम
- 2014-15 2,54,08,250.00 (2.5 करोड़ से भी ज्यादा)
- 2015-16 3,28,04,477.00 (3 करोड़ से भी ज्यादा)
- 2016-17 4,99,67,494.00 (लगभग 5 करोड़)
- 2017-18 2,21,98,864.00 (2 करोड़ से भी ज्यादा)
- 2018-19 2,76,76,758.00 (2.5 करोड़ से भी ज्यादा)
- 2019-20 4,24,48,189.00 (4 करोड़ से भी ज्यादा)
- 2020-21 2,32,04,949.00 (2 करोड़ से भी ज्यादा)
- 2021-22 71, 77,421.00 (लगभग 71 लाख)
- कुल 7 वर्ष कुल राशि 21,73,99,473.00 रूपये (लगभग 22 करोड़)