बठिंडा. सिविल अस्पताल बठिंडा के ब्लड बैंक द्वारा अस्पताल में दाखिल एक अनीमिया पीड़ित (शरीर मे रक्त की कमी) महिला को एचआइवी पाजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पंजाब के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट ऑफ हैल्थ ऐंड फैमिली वेलफेयर पंजाब को अस्पताल में दाखिल महिला मरीज जिसे एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया था का मेडिकल रिकॉर्ड तथा डिस्चार्ज समरी चार हफ्तों में भेजने के आदेश दिए है।
- यह कारर्वाई बठिंडा की समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सोनू माहेश्वरी की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी शिकायत के बाद अमल में लाई गई है। आयोग ने खुद सोनू माहेश्वरी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।
- वहीं आयोग ने शिकायत पर केस नंबर 135752/सीआर/2021 भी दर्ज कर लिया है। संस्था अध्यक्ष ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत लिखते हुए बताया था कि पंजाब के शहर बठिंडा के सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक द्वारा मई 2020 में अस्पताल में दाखिल एक अनीमिया पीड़ित महिला को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा कर उस महिला को भी एचआईवी पोजटिव कर दिया गया था।
- लेकिन ब्लड बैंक तथा अस्पताल के प्रबंधन व अधिकारियों की तरफ से महिला तथा उसके परिवार को एचआईवी संक्रमित ब्लड चढ़ाने के बारे में कई महीनों बाद भी कोई जानकारी नहीं दी गई। जिसके चलते महिला का दूध पीने वाली उसकी तीन साल की मासूम बच्ची भी एचआईवी पॉजिटिव हो गई।
वर्तमान में महिला का पति भी एचआईवी पॉजिटिव हो गया है। इसका खुलासा तब हुआ जब सरकारी अस्पताल की टीम की तरफ से 27 अगस्त 2021 को महिला तथा उसके परिवार के टैस्ट किए गए थे। प्रभावित महिला गरीब परिवार से है, महिला का पति मजदूरी करता है। संस्था ने शिकायत में इस घटना सम्बन्धी उचित कार्यवाही करने की मांग की थी। संस्था अध्यक्ष सोनू माहेश्वरी ने कहा कि कई बेकसूर लोगों को जिंदगी भर की इतनी बड़ी तकलीफ देने वाले ब्लड बैंक, सेहत विभाग के जिम्मेवार किसी भी आरोपी को बचने नहीं दिया जाएगा। आरोपियों को सजा दिलवाने के साथ-साथ पीड़ित परिवार को हर सम्भव मुआवजा दिलवाने के लिए भी संघर्ष किया जाएगा।