टोक्यो पैरालिंपिक:बैडमिंटन में आखिरी दिन दो मेडल; कृष्णा नागर ने भारत को 5वां गोल्ड दिलाया, नोएडा के डीएम सुहास ने सिल्वर जीता
कृष्णा नागर ने फाइनल में हांगकांग के चू मान केई को हराया। पहला गेम कृष्णा ने 21-17 से जीता। दूसरे गेम में केई ने वापसी की और 16-21 से जीते। वहीं तीसरे और निर्णायक गेम को कृष्णा ने 21-17 से जीत कर गोल्ड पर कब्जा जमा लिया।
टाेक्यो. भारत ने टाेक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल जीते। रविवार को आखिरी दिन बैडमिंटन में दो मेडल और मिले। कृष्णा नागर ने भारत को 5वां गोल्ड दिलाया। वहीं नोएडा के डीएम सुहास यथिराज ने सिल्वर मेडल जीता। बैडमिंटन के मिक्स्ड डबल्स में पलक कोहली और प्रमोद भगत की जोड़ी को फुजिहारा और सुगीनो की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा व्हीलचेयर के 50 मीटर मिस्क्ड एयर राइफल में अवनि लेखरा, दीपक और सिद्धार्थ बाबू भी मेडल की दौड़ से बाहर हो गए।
कृष्णा ने फाइनल में हांगकांग के चू मान कई को हराया
कृष्णा नागर ने फाइनल में हांगकांग के चू मान केई को हराया। पहला गेम कृष्णा ने 21-17 से जीता। दूसरे गेम में केई ने वापसी की और 16-21 से जीते। वहीं तीसरे और निर्णायक गेम को कृष्णा ने 21-17 से जीत कर गोल्ड पर कब्जा जमा लिया।
उन्होंने यह मेडल SH-6 कैटेगरी में जीता। SH-6 कैटेगरी में वैसे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती।
13 किमी ट्रेनिंग के लिए जाते थे कृष्णा
कृष्णा ट्रेनिंग करने के लिए रोजाना 13 किमी की दूरी तय कर स्टेडियम जाते थे। कृष्णा की उम्र 2 साल थी, तब उनकी बीमारी के बारे में परिवार वालों को पता चला।
सुहास को फाइनल में लुकास ने हराया
नोएडा के डीएम सुहास यथिराज को फाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर ने हराया। यह मुकाबला 3 गेम तक चला। सुहास ने पहला गेम 21-15 से जीता और इसके बाद दोनों गेम वो कड़े मुकाबले में हार गए। लुकास मजूर ने आखिरी दोनों गेम 21-15, 17-21 से जीता।
सुहास ने यह मेडल एसएल-4 कैटगरी में जीता। एसएल-4 में वे पैरा एथलीट शामिल होते हैं, जिन्हें चलने-दौड़ने में थोड़ी परेशानी होती है।
पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री ने डीएम सुहास की जीत को खेल और प्रशासन का बेहतर मेल बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा। आपने अपने खेल से सबका दिल जीत लिया। सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई।
A fantastic confluence of service and sports! @dmgbnagar Suhas Yathiraj has captured the imagination of our entire nation thanks to his exceptional sporting performance. Congratulations to him on winning the Silver medal in Badminton. Best wishes to him for his future endeavours. pic.twitter.com/bFM9707VhZ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2021
2007 में बने IAS अधिकारी
सुहास ने भले ही बेंगलुरू में नौकरी शुरू की थी, लेकिन बार-बार उनके दिल में यही मलाल रहा कि उन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए कुछ नहीं किया तो क्या फायदा। साल 2007 में सुहास UP कैडर से IAS अधिकारी बने।
ड्यूटी के बाद समय निकालकर खेला बैडमिंटन
UPSC परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई। अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुहास टाइम निकालकर बैडमिंडन खेलने जाया करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलना शुरू किया।
भारत ने 19 मेडल किए अपने नाम
अब भारत के टोक्यो में 19 मेडल हो चुके हैं। अब तक 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो में अब तक 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं।
बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 4 ने जीता मेडल
बैडमिंटन को पहली बार ओलिंपिक में शामिल किया गया था। भारत से 7 खिलाड़ियों ने विभिन्न कैटेगरी में भाग लिया। इनमें से चार खिलाड़ी मेडल जीते। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने गोल्ड जीता, जबकि सुहास यथिराज ने सिल्वर और मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।