तालिबानी हुकूमत LIVE:बाइडेन का दावा- अफगानिस्तान में बचे अमेरिकियों को वापस लेकर ही आएंगे, पहले इन लोगों ने वहीं रुकने का फैसला किया था

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वॉशिंगटन। अमेरिकी सेनाओं की अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी के बाद US प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बाइडेन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों को वापस लाने का दावा किया और उन्होंने कहा कि अभी वहां पर करीब 100-200 अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं। फौजों की वापसी के बाद इन फंसे हुए अमेरिकियों को लेकर बाइडेन की आलोचना की जा रही थी।

बाइडेन से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो नागरिक फंसे हैं, उनके पास अफगानिस्तान की भी नागरिकता है। पहले इन लोगों ने अपने अफानिस्तानी मूल का हवाला देते हुए वहीं रुकने का फैसला किया था, पर अब वो वहां से निकलना चाहते हैं। अफगानिस्तान में जितने भी अमेरिकी थे और वापस आना चाहते थे, उनमें से 90% वापस आ चुके हैं। जो फंसे हुए हैं, उनके लिए कोई डेड लाइन नहीं हैं। हम उन्हें वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

तालिबान की जीत से लश्कर और जैश के हौसले बढ़े, कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में इजाफे की कोशिश

पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की फिराक में हैं। दुनिया का ध्यान अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर है। इसी का फायदा ये आतंकी संगठन उठाना चाहते हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉर्डर के पास आतंकी लॉन्च पैड फिर से एक्टिव हो गए हैं। बॉर्डर पार से घुसपैठ में इजाफा हो रहा है। खुफिया एजेंसियों की चेतावनी है कि अफगानिस्तान के संकट का पाकिस्तान अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

LoC के पास देखे गए 21 आतंकी
इस साल फरवरी में भारत-पाकिस्तान ने युद्धविराम लागू किया था। इसके बाद कुछ महीने तक सीमापार से कोई घुसपैठ नहीं देखी गई। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही LoC के पास लॉन्च पैड पर 21 आतंकी देखे गए थे।

वहीं, स्थानीय युवाओं को आतंकी गुटों में शामिल किया जाना चिंता की बात है। जम्मू-कश्मीर के करीब 87 नौजवान इस साल आतंकी संगठनों से जुड़े। हालांकि, यह पिछले साल से कम है। तब 137 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए थे।

अफगानिस्तान पर तालिबान की जीत ने बदला माहौल
खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने कश्मीर की घाटी में काफी हलचल पैदा कर दी है। एक तबका इसे इस्लामिक ताकतों की जीत की तरह देख रहा है। आतंकी संगठनों के लिए भी तालिबान की जीत मनोबल बढ़ाने वाली है।

इस साल सुरक्षाबलों ने ढेर किए 103 आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर को अभी कोई खतरा नहीं है, लेकिन जैश और लश्कर-ए-तैयबा अपने पुराने तरीकों पर लौट आए हैं। हालांकि, पिछले डेढ़ महीने में पाकिस्तान की तरफ से होने वाली ड्रोन गतिविधियों में गिरावट हुई है, लेकिन घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं।

इस साल 28 अगस्त तक भारतीय सुरक्षाबलों ने 102 आतंकियों को मार गिराया है। यह संख्या पिछले साल से काफी कम है। आतंकी मुठभेड़ में इस साल केंद्रीय पुलिस बल के 3-4 जवान और सेना के 4 जवान भी शहीद हुए। पिछले साल अगस्त के अंत तक 15-16 केंद्रीय पुलिस के जवान और सेना के 17-18 जवान शहीद हुए थे।

भारत और तालिबान के बीच पहली औपचारिक बातचीत हुई

भारत और तालिबान के बीच मंगलवार को पहली औपचारिक बातचीत हुई। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान लीडर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनेकजई से बातचीत की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मित्तल और शेर मोहम्मद के बीच यह मुलाकात तालिबान की पहल पर हुई है।

अब्बास तालिबान की पॉलिटिकल विंग का हेड है और भारत से उसका पुराना संबंध है। यह मुलाकात दोहा स्थित इंडियन एम्बेसी में हुई। एक बयान में यह जानकारी दी गई है। शेर मोहम्मद 1980 के दशक में भारत में रह चुका है। उसने देहरादून स्थित मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ली है। वो अफगान मिलिट्री में रहा, लेकिन बाद में इसे छोड़कर तालिबान के साथ चला गया।

आतंकी संगठन ISIS-खुरासान पर हवाई हमलों की तैयारी में ब्रिटेन

ब्रिटेन ने कहा है कि वह ISIS-K के ठिकानों पर कभी भी हमला कर सकता है। हाल ही में पेंटागन ने खुलासा किया है कि अफगानिस्तान में इस समय करीब 2 हजार ISIS खुरासान के लड़ाके मौजूद हैं। ब्रिटेन के वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल सर माइक विग्सटन ने सोमवार को बताया कि ब्रिटेन ISIS-K के खिलाफ कार्रवाई में शामिल हो सकता है।

उन्होंने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख के समय में ब्रिटेन अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ खड़ा है। हम इस आतंकी संगठन के खात्मे के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन सरकार के अफसरों ने एयर स्ट्राइक के लिए लॉजिस्टिक्स की जांच की है।

उन्होनें रॉयल एयर फोर्स (RAF) के लड़ाकू विमान के टारगेट, रिफ्यूलिंग और बेस की स्थिति का मुआयना किया है। विग्सटन ने बताया कि हम स्ट्राइक के जरिए, सेना भेजकर या किसी देश के इक्विपमेंट का प्रयोग करके आतंकी संगठन पर हमला कर सकते हैं।

काबुल एयरपोर्ट पर रखे 73 एयरक्राफ्ट्स को खराब कर गई अमेरिकी सेना

अमेरिकी सेना ने सोमवार रात को अफगानिस्तान छोड़ दिया। उसके जाते ही तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया। लेकिन यहां रखे विमानों को तालिबान कभी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिकी सेना इन विमानों को निष्क्रिय कर गई है।

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