तालिबानी हुकूमत LIVE:काबुल एयरपोर्ट पर नाकाम हमले की तस्वीरें सामने आईं; कार से फायर किए जा रहे थे रॉकेट, अमेरिकी डिफेंस सिस्टम ने उड़ाया
इससे पहले गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर खुरासान प्रांत के इस्लामिक स्टेट (ISIS-K) आतंकी संगठन ने फिदायीन हमला किया था। इसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद अमेरिका ने शुक्रवार को नंगरहार में ISIS-K के ठिकानों पर हमला किया और रविवार को काबुल में संगठन के आत्मघाती हमलावरों को निशाना बनाया।
काबुल में नई जंग की शुरुआत हो चुकी है। सोमवार सुबह काबुल एयरपोर्ट की तरफ पांच रॉकेट दागे गए, जिन्हें अमेरिकी मिसाइल सिस्टम ने नष्ट कर दिया। माना जा रहा है कि यह आतंकी संगठन ISIS-K की तरफ से अमेरिका को जवाब था, जिसने बीते तीन दिनों में इस संगठन पर दो हमले किए हैं। हालांकि अभी तक इस बारे कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है कि यह रॉकेट किसने लॉन्च किए।
इससे पहले गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर खुरासान प्रांत के इस्लामिक स्टेट (ISIS-K) आतंकी संगठन ने फिदायीन हमला किया था। इसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद अमेरिका ने शुक्रवार को नंगरहार में ISIS-K के ठिकानों पर हमला किया और रविवार को काबुल में संगठन के आत्मघाती हमलावरों को निशाना बनाया।
यहां देखिए काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट लॉन्च की तस्वीरें…
व्हाइट हाउस ने की हमले की पुष्टि
काबुल एयरपोर्ट की तरफ सोमवार सुबह दागे गए 5 रॉकेट को अमेरिकी डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया। इस हमले की पुष्टि व्हाइट हाउस ने कर दी है। प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सलीवन और चीफ ऑफ स्टाफ रॉन क्लेन ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस हमले की सूचना दी है।
राष्ट्रपति को यह भी बताया गया है कि काबुल एयरपोर्ट पर चल रहे अभियान को जारी रखा जाएगा। राष्ट्रपति ने भी अपने आदेश को दोहराया है कि ग्राउंड पर मौजूद अमेरिकी सेना की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए जो भी कार्रवाई जरूरी हो वह की जाए।
एयरपोर्ट पर सुबह दागे गए थे 5 रॉकेट
अफगानी सरकार में काम करने वाले पूर्व सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इन रॉकेट्स को उत्तरी काबुल से एक गाड़ी से दागा गया था। वहीं, एयरपोर्ट के मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आवाजें स्थानीय नागरिकों ने सुनीं। लोगों के मुताबिक, मिसाइल से बम के टुकड़े भी गिरे। इससे समझा जा सकता है कि कम से कम एक रॉकेट को तो नष्ट कर दिया गया है। हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जहां स्थित है वहां से उत्तर में बनी इमारतों के ऊपर धुआं उठता देखा जा सकता है। सोशल मीडिया में कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, पर इनकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
रविवार को अमेरिका ने किया था काबुल एयरपोर्ट के बाहर हमला
करीब 8 बजे खबर आई थी कि काबुल के ऊपर से रॉकेट्स उड़ने की आवाजें सुनी गई हैं। तब इनके टारगेट की जानकारी नहीं थी। रविवार को भी काबुल एयरपोर्ट के पास अमेरिका ने रविवार शाम एयरस्ट्राइक की। इसमें 6 बच्चों समेत 9 लोगों की मौत हुई है।
अमेरिका ने बयान जारी कर बताया कि ISIS-K का एक सुसाइड बॉम्बर काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला था। इससे पहले ड्रोन की मदद से एयरस्ट्राइक कर कार को उड़ा दिया गया। तालिबान ने भी बयान जारी कर घटना की पुष्टि की है। हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर गाड़ी में नहीं था।
तालिबान ने लगाए अमेरिका पर आरोप
अमेरिका ने इससे पहले शुक्रवार को भी अफगानिस्तान के नंगरहार में हमला किया था। अमेरिका ने कहा कि ये हमले काबुल एयरपोर्ट पर ब्लास्ट करने वाले ISIS-K के ठिकानों पर किए गए। हालांकि तालिबान की राय इसे लेकर अलग है।
तालिबान के राजनीतिक दफ्तर के सदस्य अब्दुल्लाह वसीक ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में ISIS की मौजूदगी को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है। वसीक ने यह भी कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में हमले करने का कोई अधिकार नहीं है। यह दोहा एग्रीमेंट का उल्लंघन है।
तालिबान और अमेरिका ने अफगानिस्तान में शांति बनाए रखने के लिए 29 फरवरी 2020 को दोहा एग्रीमेंट साइन किया गया था। अमेरिका की तरफ से शुक्रवार को किए गए हमले के बाद वसीक ने यह स्टेटमेंट दिया है। उन्होंने कहा कि, दुनिया ने ISIS को अहम बना दिया है, यह अफगानिस्तान में टिकेगा नहीं।
ISIS-K के खिलाफ हमले जारी रखेगा अमेरिका
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के लिए सिर्फ दो दिन बाकी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवन ने ऐलान किया है कि तालिबान 31 अगस्त के बाद भी लोगों को अफगानिस्तान छोड़कर जाने देगा। उन्होंने कहा कि तालिबान ने हमें वादा किया है और हम इस स्थिति में हैं कि तालिबान को उन वादों को पूरा करना पड़ेगा।
हालांकि यह भी तय हो चुका है कि सितंबर से अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में मौजूद नहीं रहेगी, लेकिन अमेरिका काबुल एयरपोर्ट पर ब्लास्ट करने वाले आतंकी समूह ISIS-K के खिलाफ स्ट्राइक और दूसरे अभियान जारी रखेगा।
अफगानिस्तान में 300 अमेरिकी बाकी
सलीवन ने कहा कि अफगानिस्तान में अब सिर्फ 300 अमेरिकी रह गए हैं। इन्होंने बताया है कि ये अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। हम तेजी से काम कर रहे हैं ताकि उन्हें एयरपोर्ट तक लाया जा सके, प्लेन में बिठाया जा सके और अफगानिस्तान से बाहर निकाला जा सके।
अफगानिस्तान बॉर्डर पर फायरिंग, 2 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर रविवार रात हुई फायरिंग में पाकिस्तान के 2 सैनिकों की मौत हो गई। मुठभेड़ खैबर पख्तूनख्वा बाजौर जिले में हुई। बाजौर में स्थित पाकिस्तान के मीलिट्री पोस्ट पर अफगानिस्तान की तरफ से फायरिंग की गई। इस दौरान पाकिस्तान के सैनिकों ने भी फायरिंग की।