तालिबानी हुकूमत LIVE:काबुल एयरपोर्ट के एंट्री गेट पर फिर फायरिंग, अमेरिका ने कल ही जारी किया था आतंकी हमले का अलर्ट

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काबुल। काबुल एयरपोर्ट के एंट्री गेट के पास एक बार फिर से फायरिंग की खबर है। फायरिंग के बाद यहां अफरा-तफरी मच गई है। यहां आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, फायरिंग किसने की, फिलहाल ये साफ नहीं है। इससे पहले गुरुवार को हुए आत्मघाती हमलों में 170 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए थे।

अमेरिका ने दिया था और हमलों का अलर्ट
अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर एक दिन पहले ही और आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट से तुरंत हट जाएं, क्योंकि वहां ISIS फिर से हमला कर सकता है। अमेरिकी दूतावास की तरफ से जारी किए गए अलर्ट में काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट और नॉर्थ गेट का खास तौर से जिक्र किया गया है।

अमेरिका ने कहा- मिशन काबुल के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सैनिकों के काबुल छोड़ने से पहले आतंकी हमला कर सकते हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री जेन साकी ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। तमाम खतरों के बीच हमारे सैनिक लोगों को निकालने के मिशन में जुटे हैं, लेकिन इस मिशन के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे।

पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने तालिबान से की मुलाकात
अफगानिस्तान में तालिबान और ISIS के खौफ के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दहशतगर्दों ने कुछ दिन पहले कंधार जाकर तालिबान के नेताओं से मुलाकात की है। इस दौरान जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में अपनी गतिविधियां चलाने के लिए तालिबान की मदद मांगी है।

ये इनपुट भी मिले हैं कि पाकिस्तान से निकले दो आतंकी श्रीनगर में ग्रेनेड हमला करने की साजिश रच रहे हैं, इसलिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। उनके कहा गया है कि किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहें। साथ ही इंटेलीजेंस एजेंसीज को सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है।

काबुल एयरपोर्ट पर तैनात अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान के लोगों को एयरलिफ्ट करने में जुटे हैं, लेकिन अमेरिका को 31 अगस्त तक एयरपोर्ट पर कब्जा छोड़ना है।
काबुल एयरपोर्ट पर तैनात अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान के लोगों को एयरलिफ्ट करने में जुटे हैं, लेकिन अमेरिका को 31 अगस्त तक एयरपोर्ट पर कब्जा छोड़ना है।

काबुल धमाकों के मास्टरमाइंड को अमेरिका ने मार गिराया
इस बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान में ISIS-खुरासान (ISIS-K) ग्रुप के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया है। ये हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में किया गया है, जो कि पाकिस्तानी सीमा से लगा हुआ है और ISIS का गढ़ माना जाता है। यहां अमेरिकी हमले में काबुल धमाकों का मास्टरमाइंड मारा गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी ड्रोन ने मध्य-पूर्व की किसी अज्ञात लोकेशन से उड़ान भरी और ISIS-K के आतंकी को उस वक्त निशाना बनाया जब वह अपने दूसरे सहयोगी के साथ कार में सवार था, ये दोनों अमेरिकी हमले में मारे गए हैं।

दोनों फोटो काबुल की हैं। बाईं फोटो में एक तालिबानी एक महिला से रोक-टोक करते नजर आ रहे हैं। दूसरी फोटो काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए धमाकों के बाद बदहाल लोगों की है।

11.5 किलो विस्फोटक लादकर पहुंचा था ISIS-K का फिदायीन
एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक सुसाइड बॉम्बर आमतौर पर दो से साढ़े चार किलो विस्फोटक लेकर चलते हैं, लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला फिदायीन करीब 11.5 किलो विस्फोटक लादकर पहुंचा था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को निशाना बना सके। हमलावर ने काबुल एयरपोर्ट के गेट के पास काफी बड़े इलाके को कवर किया था, जहां देश छोड़ने के लिए अफगानियों की भारी भीड़ जमा थी।

अमेरिका अपने ही दावे से पलटा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को अलग-अलग बताया
तालिबान का आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क से कनेक्शन जगजाहिर है, लेकिन अमेरिका ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क दो अलग-अलग संगठन हैं। काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता नेड प्राइस ने ये दावा किया है।

बता दें अमेरिका ने 2012 में हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन घोषित किया था। अमेरिका के सरकारी संगठन नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर का कहना था कि हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका और अफगान बलों को निशाना बनाने वाला सबसे खतरनाक समूह माना जाता है। इसके अफगान विद्रोह में शामिल होने, अमेरिकी सैनिकों और आम नागरिकों पर हमले करने और तालिबान और अल-कायदा से संबंधों की वजह से इसे आतंकी संगठनों में गिना जाता है।

काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम 6 बजे सिलसिलेवार धमाके हुए थे। इनमें से एक फियादीन हमला था।

काबुल एयरपोर्ट पर धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोग मारे गए
काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए धमाकों में 170 लोगों को मौत हुई है। इन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिक और 2 ब्रिटिश नागरिक भी मारे गए हैं, वहीं 1276 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। ISIS-खुरासान ग्रुप के फियादीन हमलावर ने एयरपोर्ट के पास धमाका किया था। इसके बाद वहां फायरिंग भी की गई थी। इन हमलों में मारे गए लोगों में काफी महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

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