महाराष्ट्र में जन्माष्टमी पर दही हांडी की अनुमति नहीं, CM ठाकरे ने कहा- स्वास्थ्य सबसे ऊपर

Dahi Handi in Maharashtra: गणेशोत्सव का त्योहार लगातार दूसरे साल कड़े प्रतिबंधों के दायरे में मनाया जाएगा. राज्य सरकार ने कार्यक्रम को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसमें गणेश प्रतिमा की ऊंचाई के लिए भी मानक तय किया गया है.

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मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में इस साल जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी का सालाना कार्यक्रम नहीं होगा. दरअसल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के मंडलों से अपील की है कि मानवीयता के आधार पर वे लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और कुछ और वक्त के लिए त्योहारी कार्यक्रम से दूर ही रहें. ठाकरे ने सोमवार को मंडल अधिकारी के साथ हुई मीटिंग में कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोग अभी भी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में मंडल और गोविंदा समूहों ने राज्य सरकार से गुजारिश की थी कि छोटे पैमाने पर ही सही दही हांडी कार्यक्रम के लिए उन्हें अनुमति दें, क्योंकि प्रैक्टिस सेशन पहले से ही आरंभ हो चुके हैं.

पिछले हफ्ते राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ मीटिंग में दही हांडी को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने कहा था कि वे लोग दही हांडी के लिए तीन से चार स्तरीय पिरामिड ही बनाएंगे और पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोग ही कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. मुंबई स्थित अखबार मिड डे ने कुछ सदस्यों के हवाले से लिखा है कि अगर गणेश उत्सव को छोटे पैमाने पर आयोजित किया जा सकता है, तो दही हांडी कार्यक्रम के लिए सरकार को परमिशन देनी चाहिए.

बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि हमेशा की तरह इस साल भी हम दही हांडी का कार्यक्रम आयोजित करेंगे. लेकिन, कार्यक्रम में कितने लोग शामिल होंगे, ये हम सरकार द्वारा दी गई छूट के आधार पर ही फैसला करेंगे. बता दें कि कोरोना महामारी के चलते महाराष्ट्र में इस साल भी गणेशोत्सव का त्योहार लगातार दूसरे साल कड़े प्रतिबंधों के दायरे में मनाया जाएगा. राज्य सरकार ने कार्यक्रम को लेकर गाइडलाइन जारी की है, इसमें गणेश प्रतिमा की ऊंचाई के लिए भी मानक तय किया गया है.

 

राज्य सरकार ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाने वाली प्रतिमाओं की ऊंचाई चार फीट से ज्यादा नहीं होगी. वहीं घर पर दो फीट से ज्यादा ऊंचाई की प्रतिमा नहीं स्थापित की जाएगी. आरती के लिए भीड़ लगाने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही राज्य सरकार ने जुलूस निकालने की भी परमिशन नहीं दी है. दस दिवसीय गणपति फेस्टिवल 10 सितंबर से शुरू होगा.

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने चेताते हुए कहा कि त्योहार मनाने को लेकर भारतीयों को सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में ऊंची पॉजिटिविटी रेट नहीं है. ऐसे में धार्मिक कार्यक्रमों के लिए प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जानी चाहिए.

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