सोशल मीडिया पर अफगानों की सुरक्षा : फेसबुक ने ऐप पर फ्रेंड लिस्ट देखने का ऑप्शन अस्थाई तौर पर बंद किया; ट्विटर, इंस्टाग्राम भी अकाउंट सिक्योर कर रहे
अफगानिस्तान में तालिबान की बर्बरता को देखते हुए सोशल मीडिया ऐप फेसबुक ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत अब वहां के फेसबुक यूजर्स किसी दूसरे अकाउंट की फ्रेंड लिस्ट नहीं देख पाएंगे। फेसबुक ने इसे अस्थाई रूप में लागू किया है।
फेसबुक सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लिशर ने कहा कि अफगानिस्तान में फेसबुक पर लोगों की फ्रेंड लिस्ट देखने या सर्च करने के ऑप्शन को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। यह अफगान यूजर्स को तालिबान से संभावित अटैक से बचाने की कोशिश है।
4/ We’ve launched a one-click tool for people in Afghanistan to quickly lock down their account. When their profile is locked, people who aren’t their friends can’t download or share their profile photo or see posts on their timeline. pic.twitter.com/pUANh5uBgn
— Nathaniel Gleicher (@ngleicher) August 19, 2021
ग्लिशर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एक हफ्ते की कड़ी मेहनत के बाद फेसबुक ने अफगानिस्तान में लोगों के लिए वन-क्लिक टूल डेवलप किया है, जो उन्हें अपना अकाउंट बंद करने की अनुमति देता है।
सोशल मीडिया कंपनियों ने की यूजर्स की चिंता
- फेसबुक ने अपने यूजर्स के लिए ‘one-click tool’ लॉन्च किया। टूल का इस्तेमाल करने के बाद वे लोग जो उनकी फ्रेंड लिस्ट में नहीं है, वो न तो उनकी टाइमलाइन पोस्ट देख पाएंगे और न ही उनकी प्रोफाइल फोटो शेयर कर पाएंगे।
- ट्विटर जल्द से जल्द पुराने ट्वीट्स को डिलीट करने पर काम कर रहा है। इसके लिए कंपनी इंटरनेट आर्काइव की मदद ले रही है। अगर अफगानी नागरिक अपनी अहम जानकारी वाले अकाउंट्स को एक्सेस नहीं कर पाते हैं, तो कंपनी इन अकाउंट्स को अस्थाई तौर पर बंद कर सकती है। कंपनी ने कहा कि अकाउंट तब तक बंद रखे जाएंगे जब तक कि यूजर्स इन अकाउंट्स को एक्सेस कर अपने से जुड़ी सभी अहम जानकारियां हटा नहीं लेते।
- LinkedIn ने अपने यूजर्स के कनेक्शन को हाइड कर दिया है। कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक, इसके बाद अब अन्य यूजर्स सोशल मीडिया साइट पर इन जनकारियों को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।
फेसबुक के साथ-साथ इंस्टाग्राम, ट्विटर और LinkedIn जैसे सोशल मीडिया ऐप भी इस दिशा में कदम उठा रहे हैं। इसके तहत सभी कंपनियां तालिबान से बचाव के लिए अफगानी यूजर्स के सोशल मीडिया अकाउंट को सिक्योर कर रही हैं।
इससे पहले कई मानवाधिकार संगठनों और पत्रकारों ने सोशल मीडिया कंपनियों से इस ओर ध्यान देने की बात कही थी। इसमें कहा गया था कि चरमपंथी संगठन तालिबान इन साइट्स की मदद से अफगानी नागरिकों के सोशल कनेक्शन और डिजिटल हिस्ट्री को ट्रैक कर सकता है।