तालिबानी हुकूमत LIVE:अमरुल्लाह सालेह बोले- अफगानिस्तान इतना छोटा नहीं कि इसे पाकिस्तान निगल जाए या तालिबान राज करे
दूसरी तरफ तालिबान भले ही दावा कर रहा है कि इस बार उसका शासन पहले जैसा नहीं होगा, लेकिन हकीकत सामने आती जा रही है। तीन दिन पहले अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने कहा था कि जो लोग अफगानिस्तान छोड़कर जाना चाहते हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा, लेकिन अब तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट को घेर लिया है और लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहा है। सिर्फ विदेशियों को ही जाने दिया जा रहा है।
नई दिल्ली. तालिबानी हुकूमत के बीच अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के साथ पाकिस्तान पर भी निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा है- ‘सभी देशों को कानूनी कायदों का सम्मान करना चाहिए, हिंसा का नहीं। अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि पाकिस्तान इसे निगल नहीं सकता और तालिबान इस पर शासन नहीं कर सकता। अपने इतिहास में अमानवीयता और आतंकियों के आगे झुकने का अध्याय मत जुड़ने दीजिए।’
सालेह ने ये भी कहा है कि राष्ट्रध्वज फहराने वालों और देश के सम्मान के लिए आगे आने वालों को सलाम करते हैं। सालेह का ये बयान जलालाबाद की घटना के बाद आया है, क्योंकि जलालाबाद समेत कुछ इलाकों से गुरुवार को अफगानी झंडा लहराने की तस्वीरें सामने आई हैं।
अफगानियों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहा तालिबान
दूसरी तरफ तालिबान भले ही दावा कर रहा है कि इस बार उसका शासन पहले जैसा नहीं होगा, लेकिन हकीकत सामने आती जा रही है। तीन दिन पहले अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने कहा था कि जो लोग अफगानिस्तान छोड़कर जाना चाहते हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा, लेकिन अब तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट को घेर लिया है और लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहा है। सिर्फ विदेशियों को ही जाने दिया जा रहा है।
पिछले दो दिनों की जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें दिख रहा है कि अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंचे अफगानियों पर तालिबान के दहशतगर्द गोलियां चला रहे हैं, कोड़े बरसा रहे हैं और उन पर धारदार हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार रात फिर से फायरिंग हुई है। हालांकि, ये फायरिंग भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर की थी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि वे काबुल गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह से संपर्क में हैं। सिरसा के मुताबिक गुरुवार को तालिबानी नेता काबुल स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और वहां शरण लिए हिंदुओं और सिखों को सुरक्षा का भरोसा दिया है। सिरसा ने इस मुलाकात का वीडियो भी शेयर किया है।
I am in constant touch with the President Gurdwara Committee, Kabul S. Gurnam Singh & Sangat taking refuge in Gurdwara Karte Parwan Sahib in Kabul. Even today, Taliban leaders came to Gurdwara Sahib and met the Hindus and Sikhs and assured them of their safety @thetribunechd pic.twitter.com/glyCgZBwVI
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) August 18, 2021
अपडेट्स
- तालिबान ने अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया को भी अपने हिसाब से चलाना शुरू कर दिया है। महिला एकंर्स को हटा दिया गया है। सरकारी चैनल पर इस्लामी संदेश सुनाए जा रहे हैं। निजी चैनलों ने भी पॉप म्यूजिक और वेस्टर्न कल्चर वाले शो बंद कर दिए हैं।
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि सभी अमेरिकियों के अफगानिस्तान से निकाले जाने तक हमारे सैनिक हटाए नहीं जाएंगे। भले ही ये डेडलाइन 31 अगस्त के बाद भी बढ़ानी पड़े।
अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़
काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। अमेरिका अपने लोगों को एयरलिफ्ट करने में लगा है। वहीं, अफगानिस्तान के हजारों लोग भी वहां से निकलने के लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं, लेकिन तालिबान उन्हें गेट पर ही रोक रहा है। ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि कुछ महिलाएं अपने बच्चों को कंटीले तारों के ऊपर से एयरपोर्ट की तरफ फेंक रही हैं, ताकि दूसरी तरफ अमेरिकी सैनिक उन्हें कैच कर सकें और वे एयरपोर्ट के अंदर पहुंच जाएं। वहीं अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान से अब तक 9 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
Women, children, the elderly, disabled with thousands of bags outside the airport. Taliban footsoldier and his wip. Brave Afghan woman filming pic.twitter.com/ESNfWGselr
— Yalda Hakim (@BBCYaldaHakim) August 18, 2021
तालिबान ने कहा- अफगानिस्तान में लोकतंत्र नहीं चलेगा
अफगानिस्तान में सत्ता संभालने में जुटे तालिबान ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। तालिबानी नेता वहीदुल्लाह हाशिमी ने कहा है कि अफगानिस्तान में कोई लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं होगी, क्योंकि यहां इसका कोई वजूद नहीं है। हाशिमी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा है कि तालिबान को ये बताने की जरूरत नहीं कि अफगानिस्तान की हुकूमत कैसी होगी, क्योंकि ये एकदम साफ है। यहां शरिया कानून चलेगा।
कंधार में अफगानी सेना के 4 कमांडरों की सरेआम हत्या
तालिबानियों ने अफगानी सेना के 4 कमांडर्स को कंधार के एक स्टेडियम में भीड़ के सामने मौत के घाट उतार दिया। सूत्रों के मुताबिक, घटना 15 अगस्त की है। इन कमांडर्स ने 13 अगस्त को तालिबान के सामने सरेंडर किया था।
तालिबान ने अपने लड़ाकों के नाखून उखाड़ देने वाले पुलिस अफसर को भी मारा
तालिबान समर्थकों ने कंधार में ही शाह वली कोट के पुलिस प्रमुख पाचा खान को भी मार दिया है। तालिबान समर्थकों का कहना था कि पाचा खान एक खूंखार कमांडर था, जो तालिबान लड़ाकों के नाखून निकाल लेता था। तालिबान ने इन्हें आम माफी की घोषणा करने से पहले मारा है।
तालिबान ने भारत से कारोबार पर लगाई रोक
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत से सभी तरह के आयात-निर्यात पर रोक लगा दी है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के डायरेक्टर जनरल डॉ. अजय सहाय के मुताबिक तालिबान ने फिलहाल पाकिस्तान के ट्रांजिट रूट्स से होने वाली सभी कार्गो मूवमेंट पर रोक लगा दी है। डॉ. सहाय ने बताया कि भारत, अफगानिस्तान को चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, चाय, कॉफी, मसाले और ट्रांसमिशन टावर्स का एक्सपोर्ट करता है। वहीं अफगानिस्तान से ड्राय फ्रूट्स और प्याज जैसी चीजों का आयात होता है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द कारोबारी गतिविधियों को शुरू किया जाएगा, क्योंकि दोनों देशों के लिए ये जरूरी और फायदेमंद है।
भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को UAE ने दी शरण
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मानवीय आधार पर अशरफ गनी और उनके परिवार को शरण दी है। UAE के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। इधर, एक बड़े घटनाक्रम में तजाकिस्तान में अफगान दूतावास ने इंटरपोल के जरिए भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी, हमदुल्ला मोहिब और फजलुल्लाह महमूद फाजली को गबन के आरोप में हिरासत में लेने का निर्देश दिया है।