अफगानी राष्ट्रपति गनी आज दे सकते हैं इस्तीफा; काबुल के मुहाने तक पहुंचा तालिबान, नजदीकी शहर मैदान में भीषण लड़ाई जारी

पक्तिया तालिबानियों के कब्जे में जाने वाला 19वां प्रांत है। पिछले 7 दिन में तालिबान ने 18 प्रांतों पर कब्जा किया है। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक यहां भीषण लड़ाई के बाद कब्जा हुआ है। यहां पर भारी हथियार बरामद किए गए हैं।

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काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी इस्तीफा दे सकते हैं। काबुल में सूत्रों का कहना है कि सरकार आज इसकी घोषणा कर सकती है। हालांकि कल देर रात तक राष्ट्रपति से जुड़े सूत्रों का कहना था कि गनी अंतिम समय तक राष्ट्रपति रहेंगे।

इस समय तालिबान और अफगान बलों के बीच मैदान शहर में गवर्नर कंपाउंड के पास भीषण लड़ाई चल रही है। मैदान शहर को काबुल का गेटवे भी कहा जाता है। शनिवार सुबह तालिबानियों ने पक्तिया प्रांत की राजधानी शरना को भी कब्जे में ले लिया। इसके बाद तालिबान काबुल से महज एक घंटे की दूरी पर रह गया था।

तालिबान ने दावा किया है कि शनिवार सुबह पक्तिया प्रांत की राजधानी शरना को भी कब्जे में ले लिया है।
तालिबान ने दावा किया है कि शनिवार सुबह पक्तिया प्रांत की राजधानी शरना को भी कब्जे में ले लिया है।

19 प्रांतों पर तालिबान की हुकूमत
पक्तिया तालिबानियों के कब्जे में जाने वाला 19वां प्रांत है। पिछले 7 दिन में तालिबान ने 18 प्रांतों पर कब्जा किया है। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक यहां भीषण लड़ाई के बाद कब्जा हुआ है। यहां पर भारी हथियार बरामद किए गए हैं।

काबुल एयरपोर्ट पर हमले की आशंका
तालिबान अब काबुल एयरपोर्ट के बेहद करीब आ गया है, ऐसे में आशंका है कि तालिबानी यहां हमला कर सकते हैं। दो दिन पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि तालिबान को काबुल पहुंचने में 90 दिन लगेंगे। एक दिन बाद तालिबान काबुल से 30 दिन की दूरी पर आ गया और अब काबुल पर कब्जा करने के करीब है।

पक्तिया अफगानिस्तान का 19वां प्रांत है, जो तालिबान के कब्जे में आ गया है।
पक्तिया अफगानिस्तान का 19वां प्रांत है, जो तालिबान के कब्जे में आ गया है।

काबुल लौट रहे अफगान सैनिकों को तालिबान ने निशाना बनाया
तालिबान के कब्जे में आए प्रांतों से सैन्यबल काबुल की तरफ लौट रहे हैं। तालिबान ने अपने लड़ाकों से कहा है कि काबुल की तरफ जा रहे लोगों के दस्तावेज जांचें। तालिबानी सूत्रों ने कई जगह काबुल की तरफ लौट रहे अफगान सैनिकों को निशाना बनाने का दावा किया है।

अमेरिकी सैनिकों का पहला दल काबुल पहुंचा
इस बीच, अमेरिका का पहला सैन्य दल काबुल पहुंच गया है। तालिबान से निपटने में अफगान सैनिक बुरी तरह नाकाम रहे हैं। कई प्रांतों में सैनिकों ने बिना लड़े ही तालिबान के सामने हथियार डाल दिए। तालिबान की रफ्तार को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए सैन्य दल भेजा है।

एक दिन पहले अमेरिका की बाइडेन सरकार ने आशंका जताई थी कि एक महीने के भीतर काबुल पर भी तालिबान का कब्जा हो जाएगा और अफगान सरकार गिर जाएगी। ऐसे में अफगानिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को निकालने के लिए सरकार ने 3 हजार सैनिकों को वापस अफगानिस्तान भेजने की बात कही थी। हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि ये सिर्फ टेम्परेरी मिशन है।

पक्तिया में भारी मात्रा में हथियार तालिबान के हाथ लगे हैं।
पक्तिया में भारी मात्रा में हथियार तालिबान के हाथ लगे हैं।

बल्ख में भारत से मिला हेलिकॉप्टर मार गिराने का दावा
जो तालिबान सूत्र संपर्क में हैं उन्होंने बल्ख प्रांत के कोद-ए-बर्क इलाके में भारत से मिले हेलिकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है। हालांकि, कोई तस्वीर अभी उन्होंने इस बारे में नहीं दी है। इस दौरान यह भी खबरें हैं कि अफगानिस्तान का एक उच्च प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान जा रहा है।

हेरात प्रांत की सरकार ने किया सरेंडर
हेरात प्रांत की पूरी सरकार ने तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है। अफगानिस्तान में हेरात प्रांत के गवर्नर, पुलिस चीफ, एनडीएस ऑफिस के हेड को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है। तालिबान के खिलाफ जंग के प्रतीक रहे मोहम्मद इस्माइल खान (75) को भी तालिबान ने पकड़ लिया है।

तालिबान ने हेरात प्रांत के गवर्नर, पुलिस चीफ, एनडीएस ऑफिस के हेड और भारत के दोस्त कहे जाने वाले इस्माइल खान का हिरासत में ले लिया है।
तालिबान ने हेरात प्रांत के गवर्नर, पुलिस चीफ, एनडीएस ऑफिस के हेड और भारत के दोस्त कहे जाने वाले इस्माइल खान का हिरासत में ले लिया है।

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