टीके के बाद भी सावधानी जरूरी:वैक्सीन के बाद कोरोना संक्रमित के संपर्क में आएं तो तुरंत टेस्ट कराएं, निगेटिव होने पर 5-7 दिन में दूसरा टेस्ट करवाएं, जानिए क्या-क्या जरूरी
नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 वैक्सीन के करीब 50 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं। स्टडीज का दावा है कि वैक्सीन लगी हो तो कोविड-19 की वजह से गंभीर लक्षण या मौत होने की आशंका काफी कम हो जाती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की नई स्टडी ने कुछ नए तथ्य सामने रखे हैं।
रिपोर्ट का दावा है कि वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी इन्फेक्शन हो रहा है। इसकी वजह कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट है। यानी वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी खतरा टला नहीं है। इसलिए वैक्सीनेटेड लोगों को भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर वैक्सीनेटेड व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ जाए तो क्या उसे तुरंत आइसोलेट हो जाना चाहिए?
तो चलिए जानते हैं क्या करें वैक्सीन लगवाने के बाद अगर आप किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ जाएं तो…
- अगर आप कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो आपको दूसरों से दूरी बना लेनी चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने के बचना चाहिए। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक वैक्सीन कोरोना के गंभीर संक्रमण के खतरे यानी गंभीर रूप से बीमार होने से बचा सकती है। लेकिन संक्रमण हो सकता है। ऐसे में वैक्सिनेटेड व्यक्ति दूसरों को संक्रमित कर सकता है।
- कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर कम से कम 14 दिन तक खुद का ध्यान रखें और सेहत में होने वाले किसी भी तरह के बदलाव को नजरअंदाज न करें। हालांकि सीडीसी के मुताबिक वैक्सीनेटेड
- लोगों द्वारा संक्रमण फैलाने का खतरा तो काफी कम है, फिर भी उन्हें कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने की सलाह दी जाती है।कोरोना संक्रिमत के संपर्क में आने पर पहला टेस्ट तुरंत करवाएं। मिनियापोलिस में वाल्डेन यूनिवर्सिटी की एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ वासिलियोस मार्गराइटिस का कहना है कि पहला कोरोना टेस्ट तुरंत करवाएं। रिजल्ट निगेटिव आने पर 5 से 7 दिन बाद दूसरा टेस्ट करवाएं।
- अगर किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत खुद को आइसोलेट करें और कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, लॉस ऑफ सेंस और स्मेल और थकान COVID-19 के आम लक्षण हैं।
- यदि कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आए तो कम से कम 14 दिन के लिए खुद को सबसे दूर रखें। सीडीसी के मुताबिक टेस्ट पॉजिटिव होने पर 10 से 14 दिन या फिर जब तक कोरोना के लक्षण हों तक तक खुद को सबसे दूर रखें। साथ ही डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बाद मास्क पहनने की सलाह जारी की है। ब्रिटेन में भी वैक्सीनेटेड लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
- भारत में वायरस के नए वैरिएंट्स पर नजर रख रहे इंसाकॉग (INSACOG) की रिपोर्ट कहती है कि भारत में सामने आ रहे हर दस में से करीब नौ केस के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार है। ICMR की नई स्टडी के बाद यह साफ है कि डेल्टा वैरिएंट से इन्फेक्शन बचाने में वैक्सीन भी बहुत असरदार नहीं है।
वैक्सीन लगने के कितने दिन बाद आप फुली वैक्सिनेटेड कहलाते हैं?
सीडीसी की गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 2 हफ्ते बाद आप फुली वैक्सीनेटेड होते हैं।
वैक्सीनेटेड लोगों से कोरोनावायरस के फैलने का खतरा कितना है?
- इसका जवाब तलाशने के लिए अब तक कुछ ही स्टडी हुई हैं। स्कॉटलैंड में हेल्थकेयर वर्कर्स के बीच कराई गई स्टडी कहती है कि वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के मुकाबले वैक्सीन लगाने वालों के परिवार के सदस्यों के इन्फेक्ट होने का खतरा 30% कम हो जाता है।
- इसी तरह इंग्लैंड में हुई स्टडी कहती है कि वैक्सीनेशन के बाद घरों में इन्फेक्शन फैलने का खतरा 40% से 50% तक कम हो जाता है। पर ज्यादा तेजी से ट्रांसमिट होने वाले वैरिएंट इस दावे को झूठला सकते हैं। इस समय डेल्टा वैरिएंट के साथ ऐसा ही हो रहा है। इसके बाद भी कोविड वैक्सीन ने रिकवरी समय घटाने के साथ ही वायरल लोड भी कम करने में कामयाबी दिखाई है।