दीदी का दिल्ली दौरा :मोदी से मिलने पहुंचीं ममता, कमलनाथ से भी मुलाकात की; कल TMC सांसदों के साथ मीटिंग करेंगी बंगाल CM

इससे पहले बंगाल CM कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलीं। दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत चली। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से भी मुलाकात की।

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नई दिल्ली/कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 5 दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को करीब 4 बजे वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पहुंची। बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद ममता की प्रधानमंत्री से यह पहली मुलाकात है। इसके बाद ममता बुधवार को TMC सांसदों से मुलाकात करेंगी।

इससे पहले बंगाल CM कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलीं। दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत चली। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से भी मुलाकात की।

कल राष्ट्रपति से मिल सकती हैं ममता
तृणमूल कांग्रेस के मुताबिक, ममता आज अभिषेक मनु सिंघवी समेत अन्य विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, ममता बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल सकती हैं। इसके बाद ममता समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिलने जा सकती हैं।

बंगाल चुनाव के बाद पहली बार मोदी-ममता का सामना
मार्च-अप्रैल में हुए बंगाल चुनाव के बाद ममता और मोदी का पहली बार आमना-सामना होगा। एक और खास बात यह है कि ममता की मोदी से मुलाकात ऐसे समय होने जा रही है जब ममता पेगासस जासूसी विवाद और मीडिया हाउसेज पर रेड जैसे मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं।

सबसे पहले जर्नलिस्ट से मिलीं ममता
सोमवार को दिल्ली पहुंचने के बाद ममता की पहली मुलाकात पत्रकार विनीत नारायण से हुई, जिन्होंने 1996 में जैन हवाला घोटाले पर एक किताब लिखी है। हाल ही में ममता ने आरोप लगाया था कि बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ घोटाले के कथित लाभार्थियों में से एक थे। हालांकि, धनखड़ ने दावे का खंडन किया है।

तीसरे मोर्चे का चेहरा बनना चाहती हैं दीदी
TMC चीफ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत करने के बाद पर ममता बनर्जी का यह पहला दिल्ली दौरा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ममता खुद को तीसरे मोर्चे के चेहरे के रूप में देखना चाहती हैं।

दिल्ली दौरे में विपक्ष को एकजुट करने की
ममता के दिल्ली दौरे को राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही माना जा रहा है कि ममता बंटे हुए विपक्ष को BJP के खिलाफ एकजुट करना चाहती हैं। हाल ही में हुए बंगाल चुनाव में BJP के खिलाफ तृणमूल की जीत को देखते हुए भी ममता के दिल्ली दौरे को लेकर चर्चाएं तेज हैं।

ममता ने कहा था- भाजपा को साफ करने का खेला होगा

  • ममता ने पिछले हफ्ते बुधवार को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात समेत कई राज्यों में मेगा वर्चुअल रैली की थी। इस रैली से ममता ने जाहिर कर दिया है कि बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी नजर अब दिल्ली पर है।
  • ममता ने कहा था कि जब तक भाजपा पूरे देश से साफ नहीं हो जाती है, तब तक सभी राज्यों में खेला होगा। उन्होंने कहा था कि हम 16 अगस्त से खेला दिवस की शुरुआत करेंगे और गरीब बच्चों को फुटबॉल बांटेंगे।

इससे पहले 28 मई को मिले थे ममता-मोदी
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास तूफान से प्रभावित ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे। ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक के बाद उन्होंने बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के कलाईकुंडा में दोपहर 2 बजे रिव्यू मीटिंग रखी थी। इसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ तो आए थे, लेकिन CM ममता बनर्जी की कुर्सी खाली रही थी। मोदी करीब 30 मिनट तक उनका इंतजार करते रहे थे। इसके बाद ममता आईं और तूफान से हुए नुकसान की प्राइमरी रिपोर्ट सौंपकर मीटिंग में शामिल हुए बिना निकल गईं। ममता शुभेंदु अधिकारी को समीक्षा बैठक में बुलाने पर नाराज थीं।

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