सत्ता के लिए 7 मंत्र : मोदी को तीसरी बार PM बनने का आशीर्वाद देने वाले जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संघ को दिया रोडमैप, धर्म परिवर्तन पर रोक बड़ा मुद्दा

दरअसल, 9 से 13 जुलाई तक चलने वाले इस मंथन से दो दिन पहले 7 जुलाई को संघ प्रमुख मोहन भागवत रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उसी दौरान जगद्गुरु ने गुरुमंत्र के तौर पर संघ प्रमुख को 7 मुद्दे दिए। इनमें धर्म परिवर्तन पर रोक और जनसंख्या नियंत्रण पर कानून भी शामिल है।

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चित्रकूट. चित्रकूट में मंथन का आज आखिरी दिन है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उस मास्टर प्लान का खाका खींचने में जुटा है, जिसके आधार पर आगे भाजपा और केंद्र सरकार को चलना है। इस मंथन के बाद सरकार कुछ बड़े फैसले भी ले सकती है। इन फैसलों पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के सुझाव भी असर डाल सकते हैं। रामभद्राचार्य तुलसी पीठ के संस्थापक हैं। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में कोरोना के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर चर्चा की थी। उसी दौरान उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था।

यूपी मिशन-2022 पर RSS करेगा मंथन, सात दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुंचे मोहन  भागवत - rss mohan bhagwat gauge the mood of UP in Chitrakoot meeting  political important assembly election ntc - AajTak

दरअसल, 9 से 13 जुलाई तक चलने वाले इस मंथन से दो दिन पहले 7 जुलाई को संघ प्रमुख मोहन भागवत रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उसी दौरान जगद्गुरु ने गुरुमंत्र के तौर पर संघ प्रमुख को 7 मुद्दे दिए। इनमें धर्म परिवर्तन पर रोक और जनसंख्या नियंत्रण पर कानून भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि संघ भले इन मुद्दों को माने या न माने, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो इन्हें मानेंगे ही।

जानिए, रामभद्राचार्य ने गुरुमंत्र में संघ प्रमुख को कौन से 7 मुद्दों पर विचार को कहा…

1. जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में चुनाव कराए जाने को लेकर बैठकें जारी हैं। जगद्गुरु ने कहा कि भारत के नक्शे में आधा-अधूरा कश्मीर नहीं, बल्कि पूरा कश्मीर जुड़ना चाहिए।

2. धर्म परिवर्तन
उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन को लेकर कार्रवाई जारी है। इस मसले पर रामभद्राचार्य ने कहा कि केंद्र को सख्त कानून बनाना चाहिए और ये काम जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।

3. जनसंख्या नियंत्रण
जगद्गुरु ने कहा कि देश में मुस्लिमों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है और हिंदुओं की संख्या उस अनुपात में कम होती जा रही है। इसे देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जल्द से जल्द कानून बनना ही चाहिए।

4. गोरक्षा
रामभद्राचार्य हिंदुओं के बीच धार्मिक महत्व रखने वाली गाय की रक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। उन्होंने गोवध को पूरी तरह से निषेध करने का मुद्दा भी भागवत को सुझाया।

5. समान नागरिक संहिता

उन्होंने कहा कि देश के भीतर एक कानून होना चाहिए, फिर चाहे नागरिक किसी भी धर्म का क्यों न हो। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता तुरंत लागू किए जाने की जरूरत है।

6. हिंदी राष्ट्र भाषा हो
रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत से कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाया जाए। इस मुद्दे पर मंथन के दौरान चर्चा की जानी चाहिए।

7. रामायण
जगद्गुरु ने कहा कि रामायण को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाना चाहिए। मंथन के दौरान जुटे संघ के पदाधिकारी इसे लेकर कोई स्टैंड लें और सरकार इस पर जल्द कदम उठाए।

जगद्गुरु बोले- भागवत का DNA वाला बयान गलत था

रामभद्राचार्य से भागवत की मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली। इसके बाद उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख का DNA वाला बयान अनुकूल नहीं है। भागवत ने जो कहा वह उनकी नजर में ठीक होगा, मैंने जो कहा, वह मेरी नजर में ठीक है। मैं अपने बयान पर कायम हूं।

दरअसल, पिछले दिनों गाजियाबाद में मुस्लिम मंच की बैठक में भागवत ने कहा था, ‘यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिंदुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।’

जगद्गुरु कॉन्फिडेंट हैं कि मोदी मुद्दे मानेंगे
रामभद्राचार्य के मुद्दे संघ की बैठक में बहस के केंद्र में होंगे? इस सवाल पर जगद्गुरु ने कहा, ‘संघ प्रमुख ने चिंतन करने की बात कही है। अब चर्चा होती है या नहीं, पर एक बात जरूर पता है कि अगर मैं मोदी से कुछ भी कहूंगा तो वो मेरी बात नहीं टालेंगे।’ जब उन्होंने यह बात कही तो उनके चेहरे पर अडिग आत्मविश्वास था।

जगद्गुरु के कॉन्फिडेंट होने की 3 वजहें
1. 2019 में प्रधानमंत्री के शपथ समारोह की एक तस्वीर लगातार टीवी में दिखाई जा रही थी। उस तस्वीर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गेरुआ वस्त्र धारण किए हुए एक धर्म गुरु का हाथ पकड़कर उन्हें बैठाने के लिए ले जा रहे थे। ये अप्रैल 2018 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी करने वाले चित्रकूट के संत रामभद्राचार्य ही थे।

2. 2020 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्रकूट आए थे, तब व्यस्त शेड्यूल के बावजूद उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मिलने का वक्त निकाला था। जगदगुरु चित्रकूट में स्थित धार्मिक और सामाजिक संस्था तुलसी पीठ के फाउंडर और मुखिया हैं। स्वामी रामभद्राचार्य विश्व हिंदू परिषद के भी नेता हैं।

3. रामभद्राचार्य देश के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम स्वच्छता अभियान में कैंपेनर के रूप में पीएम के 9 रत्नों में भी शामिल थे।

दुनियाभर में रामचरित मानस पर बोलने का अधिकार प्राप्त है
रामभद्राचार्य जब दो माह के थे तो उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। रामचरित मानस का गहन अध्ययन रामभद्राचार्य ने किया है। 2015 में इन्हें पद्म विभूषण सम्मान से भी नवाजा गया।​ रामानंद संप्रदाय के वर्तमान में 4 जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक रामभद्राचार्य हैं। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के बारे में बोलने के लिए केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में इन्हें अधिकार प्राप्त है। रामभद्राचार्य इलाहाबाद हाई कोर्ट में चले जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में एक्सपर्ट के तौर पर भी शामिल थे।

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