योग दिवस पर कांग्रेस vs स्वामी रामदेव :​​​​​​​ सिंघवी बोले- ॐ कहने से योग शक्तिशाली नहीं होगा; बाबा का जवाब- योग करिए, आप सभी को एक ही परमात्मा दिखेगा

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नई दिल्ली। दुनिया आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। देश में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ इस आयोजन की शुरुआत हुई। हालांकि, इस बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के एक ट्वीट पर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ॐ के उच्चारण से न तो योग ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और न अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी।’

इस पर योग गुरु बाबा रामदेव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान। अल्लाह, भगवान, खुदा सब एक ही है, ऐसे में ॐ बोलने में दिक्कत क्या है? लेकिन, हम किसी को खुदा बोलने से मना नहीं कर रहे हैं। सभी को योग करना चाहिए, फिर सभी को एक ही परमात्मा दिखेगा।’

प्रधानमंत्री के संबोधन के साथ शुरू हुआ आयोजन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने देश को ‘योग से सहयोग तक’ का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की किरण बना हुआ है। दो साल से विश्व के बड़े देशों में भले ही कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ हो, लेकिन योग के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है। इस बार की थीम ‘योगा फॉर वेल्नेस’ ने लोगों में योग के प्रति लगाव को और भी बढ़ाया है।

कोरोना महामारी के बीच दूसरी बार योग दिवस
कोरोना महामारी के बीच इस बार दूसरा योग दिवस मनाया जा रहा है। इससे पहले पिछले साल भी महामारी के बीच छठवें योग दिवस का आयोजन हुआ था। हालांकि, कोरोना के चलते यह फीका ही रहा। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसकी थीम ‘योग फॉर हेल्थ-योग फ्रॉम होम’ रखी थी। इस बार भी कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर के साथ मनाया जा रहा है। यानी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और बार-बार हाथ धोने के नियम मानने होंगे।

2015 में पहला योग दिवस मना, दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बने

  • पहला विश्व योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में नई दिल्ली के राजपथ पर एक साथ करीब 35,985 लोगों ने 35 मिनट तक 21 तरह के अलग-अलग योगासन किए थे।
  • इस दौरान दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए गए थे। पहला रिकॉर्ड इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक साथ एक जगह पर योगासन करने के लिए बना और दूसरा रिकॉर्ड 84 अलग-अलग राष्ट्रीयता वाले लोगों द्वारा इस आयोजन में शामिल होने के कारण बना था।

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