इस आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बना ली है कोरोना की ‘जादुई’ दवा? सरकार हैरान, ICMR से मांगी रिपोर्ट

सरकार ने इस आयुर्वेदिक दवाई को जांच के लिए आईसीएमआर भेजने का फैसला किया है. साथ ही सरकार ने मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम को भी नेल्लोर भेजा है.

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नई दिल्लीः कोरोना महामारी से पूरी दुनिया त्रस्त है. बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना वैक्सीन को ही इस महामारी के खिलाफ एकमात्र हथियार बताया जा रहा है. लेकिन अब एक आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा कोरोना ठीक करने की दवा दी जा रही है. गौरतलब है कि उस दवा को लेने के लिए हजारों की भीड़ भी उमड़ रही है. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर यह बात फैलने के बाद सरकार ने इभी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है.

कृष्णापट्टनम के आयुर्वेदाचार्य दे रहे दवाई
बता दें कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के कृष्णापट्टनम नामक कस्बे में रहने वाले आयुर्वेदाचार्य बोनिगी आनंदैया द्वारा कोरोना की दवाई दी जा रही है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, सत्ताधारी पार्टी वाईएसआरसीपी के विधायक के गोवर्धन रेड्डी का भी कहना है कि यह कोरोना के लिए जादुई दवाई है. कोरोना के कई मरीजों की सेहत में इस दवाई को लेने के बाद सुधार देखा गया है.

सरकार जांच के लिए दवाई को भेजेगी आईसीएमआर
वहीं इस मामले के चर्चा में आने के बाद सरकार ने इस आयुर्वेदिक दवाई को जांच के लिए आईसीएमआर भेजने का फैसला किया है. साथ ही सरकार ने मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम को भी नेल्लोर भेजा है. यह टीम इस आयुर्वेदिक दवाई में क्या क्या मिलाया गया है, इसकी जांच करेगी.

उपराष्ट्रपति ने भी मांगी रिपोर्ट
बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का ताल्लुक भी नेल्लोर से हैं. ऐसे में उन्होंने भी केंद्रीय आयुष मंत्री किरेन रिजिजू और आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. बता दें कि इन दिनों कृष्णापट्टनम कस्बे में लोगों की भारी भीड़ जुट रही है और हजारों की तादाद में लोग लाइनों में लगकर दवाई ले रहे हैं. इतनी भीड़ के चलते कोरोना महामारी के बेकाबू होने की आशंका भी जताई जा रही है. चूंकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है.

 

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