जालंधर। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) के नाम पर जालंधर में बड़ा खेल हो रहा है। पंजाब कांग्रेस के कई बड़े नेता इसका शिकार होते-होते बचे हैं। फर्जी ‘टीम पीके’ पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस का टिकट दिलवाने का झांसा देकर लाखों रुपये की डिमांड कर रही है। ऐसे लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जो पहली बार चुनाव लड़ना चाहते हैं या जो किसी समय कांग्रेस दिग्गज रहे हों और अब हाशिए पर चल रहे हैं और उन्हें दोबारा टिकट मिलना मुश्किल है।
जिन लोगों से फर्जी टीम पीके ने संपर्क किया, उनमें पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह समरा, पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान और पूर्व मंत्री एवं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे मोहिंदर सिंह केपी समेत कई नाम शामिल हैं। पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान देश के पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह के भांजे हैं, जबकि मोहिंदर सिंह केपी कांग्रेस की नेशनल वर्किग कमेटी के सदस्य रहे हैं। अमरजीत सिंह समरा लोकल कैपिटल एरिया बैंक के चेयरमैन हैं। इनसे फर्जी टीम पीके ने कई बार फोन पर बात की और टिकट आवंटन से पहले होने वाले सर्वे में नाम चलाने का झांसा दिया।
टिकट पक्का करने के लिए बड़ी राशि मांगी गई। हालांकि, अब तक जितने नेताओं का नाम सामने आया है, वे सभी ठगी से बच गए हैं। गौरतलब है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने का जिम्मा लिया था। हालांकि, अब वे खुद पीछे हट गए हैं। उनकी टीम यह काम करेगी। यह मामला सीएम ऑफिस तक भी पहुंच चुका है। सुनाम से टिकट दिलवाने के लिए कांग्रेस नेत्री दमन बाजवा से जब फर्जी पीके टीम ने बात की तो उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी। इसकी जांच चल रही है।
मोबाइल लोकेशन जालंधर की
नेताओं से ठगी का खेल जालंधर शहर से चल रहा है। डीजीपी ने पुलिस के साइबर सेल को जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में यह सामने आया है कि जिन मोबाइल फोन नंबरों से बात की गई है, उनकी लोकेशन जालंधर निकली है। यह भी चर्चा है कि जिन नेताओं से डील फाइनल हो रही है उन्हें पेमेंट के लिए जालंधर के होटलों में बुलाया जा रहा है।
ठगी से बचे.. पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान ने बताया कि फर्जी टीम पीके फगवाड़ा से टिकट दिलवाने की बात कर रही थी। इसके लिए बड़ी राशि की मांग कर रहे थे। सभी को अलर्ट रहने की जरूरत है। पार्टी नेताओं को इसकी जानकारी दे दी थी। पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह समरा ने बताया कि नकोदर से टिकट देने का झांसा दिया जा रहा था। ठगों का होमवर्क कमजोर था। वह जानते नहीं थे कि टिकट तो मैंने खुद छोड़ी थी। इन्हें पकड़ने के लिए सौदा भी किया और मिलने की जगह तय की थी, लेकिन फर्जी टीम मौके पर नहीं आई। नहीं तो अब तक उनको काबू कर लिया होता।