कोविड-19 के खिलाफ सेना की मुहिम शुरू, ऑक्सीजन कंटेनर और स्वास्थ्यकर्मियों को किया एयरलिफ्ट

IAF in Covid-19 Relief Work: अधिकारी ने बताया कि वायुसेना ने इस काम में C-17 Il-76 हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा वायुसेना ने कोविड टेस्टिंग सेट अप को भी लेह तक पहुंचाया.

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नई दिल्ली. देश को कोरोना वायरस (Coronavirus) और ऑक्सीजन संकट (Oxygen Crisis) से उतारने के लिए भारतीय वायुसेना (India Air Force) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. गुरुवार को वायुसेना ने तीन खाली ऑक्सीजन कंटेनर को एयरलिफ्ट कर पश्चिम बंगाल के पानागढ़ पहुंचाया. यहां से इन्हें भरने के बाद ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे देश के अलग-अलग राज्यों में भेजा जाएगा. इस बात की जानकारी भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने दी है. ‘दूसरी लहर’ में बढ़ते कोविड संक्रमण के मामलों के बाद देश के कई अस्पतालों से ऑक्सीजन खत्म होने की खबरें आई थीं.

अधिकारी ने बताया कि वायुसेना ने इस काम में C-17 Il-76 हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा वायुसेना ने कोविड टेस्टिंग सेट अप को भी लेह तक पहुंचाया. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वायुसेना ने स्वास्थ्यकर्मियों, ऑक्सीजन कंटेनर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ट्रॉली और अन्य मेडिकल उपयोगी चीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए अपने एयरक्राफ्ट को तैनात किया है.

राजधानी दिल्ली में DRDO अस्पताल तैयार करने के लिए कोच्चि, मुंबई, विजाग और बेंगलुरु से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को एयरलिफ्ट किया गया है. वहीं, DRDO के ऑक्सीजन कंटेनर को भी बेंगलुरु से एयरलिफ्ट कर दिल्ली के कोविड केंद्रों के लिए ले जाया गया है. देश में बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच रक्षा मंत्रालय ने सेना के जवानों को मदद करने के लिए कहा गया है.

कोविड-19 राहत कार्य के लिए सशस्त्र बल, DRDO और DPSU लगातार काम कर रहे हैं. सुरक्षा क्षेत्र के लिए काम करने वाले जवान कोविड अस्पताल तैयार करने से लेकर ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, मेडिकल स्टाफ और ऑक्सीजन कंटेनर को एयरलिफ्ट करने का काम कर रहे हैं. देश में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए सरकार ने ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ चलाने का फैसला किया है. गुरुवार शाम पहली रेल विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र के लिए निकली. देश में गुरुवार को भी 3 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं.

राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस वक्त दिल्ली में ऑक्सीजन का बहुत बड़ा संकट चल रहा है. केंद्र सरकार का दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए मैं प्रधानमंत्री जी आपदा धन्यवाद करता हूं, इस बढ़े हुए कोटे को दिल्ली तक पहुंचाने में हमारी मदद करें. हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते.”
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने केंद्र को मंत्रियों को फोन किए. उन्होंने पहले मदद की पर अब वो भी थक गए. अगर दिल्ली में ऑक्सीजन की फैक्ट्री नहीं है तो क्या दो करोड़ लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी. जिन राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट हैं, वो दूसरों की ऑक्सीजन रोक सकते हैं. ऑक्सीजन रुक जाए और लोगों की मौत की नौबत आ जाए तो मैं फोन उठाकर किससे बात करूं, कोई ट्रक रोक ले तो किसे फोन करूं. हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं. अगर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया तो हालात बिगड़ेंगे.’

देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए अब सेना सभी ऑक्सीजन प्लांट्स अपने जिम्मेदारी में लेनी चाहिए. अब पीएम मोदी दोपहर साढ़े 12 बजे पीएम मोदी ऑक्सीजन संकट को लेकर एक बैठक करेंगे. इस दौरान वह देशभर के प्रमुख ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे.
देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक खत्म हो गई है. कोरोना का सर्वाधिक खतरा झेल रहे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ये वर्चुअल मीटिंग हुई. गृहमंत्री अमित शाह भी इस बैठक में मौजूद रहे.

 

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