बठिंडा नगर निगम में रमन गोयल बनी मेयर, अशोक प्रधान सीनियर डिप्टी मेयर तो मास्टर हरमंदर सिंह बने डिप्टी मेयर

-लगाए जा रहे कयासों को विराम देकर हाईकमान ने लिया महिला बहुल निगम में महिला मेयर बनाने का फैसला, अशोक प्रधान से दलित वोट तो मास्टर हरमंदर से सिख वोट को लुभाने की कोशिश

बठिंडा। करीब दो माह के इंतजार के बाद बठिंडा नगर निगम को मेयर मिल गया। सभी को चौकाते हुए व सीनियर नेताओं के दावों को दरकिनार करते रमन गोयल को मेयर बनाया गया जबकि मेयर के दावेदार माने जा रहे अशोक प्रधान को सीनियर डिप्टी मेयर व अकाली दल से कांग्रेस में पहुंचे व पूर्व एफएनसीसी मैंबर मास्टर हरमंदर सिंह को डिप्टी मेयर बनाया गया है।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व जिला प्लानिंग बोर्ड की चेयरमैनी छोड़कर चुनाव लड़ने वाले जगरुप सिंह गिल का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था लेकिन हाईकमान ने सभी को एक तरफ कर इस बात पर जोर दिया कि नगर निगम में 50 फीसदी कोटा महिलाओं का है व इतनी ही महिलाएं जीतकर सदन में पहुंची है इस स्थिति में मेयर का पद भी किसी जरनल महिला को दिया जाना चाहिए। इसी के चलते वार्ड नंबर 35 से पार्षद बनी कांग्रेस कमेटी के उपप्रधान संदीप गोयल की पत्नी रमन गोयल को मेयर पद पर नवाजा गया है। वही कांग्रेस में चार दशकों से अपना सिक्का जमाते रहे अशोक प्रधान को सीनियर डिप्टी मेयर जैसे महत्वपूर्ण पद पर बिठाकर दलित वोट को खुश करने की कोशिश की है वही जाट वोट को लुभाने के लिए मास्टर हरमंदर सिंह को डिप्टी मेयर बनाया गया है।

नगर निगम चुनाव के दो माह बाद वीरवार को ‘कौन बनेगा मेयर’ की चर्चा पर फिलहाल विराम लग गया है। मिनी सचिवालय के डीसी मीटिग हाल में साढ़े 11 बजे तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की प्रधानगी में हुई बैठक के दौरान उनकी ओर से लाए गए लिफाफे से बठिडा के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के नाम निकले गए।

मौके पर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल हाजिर रहे। उन्होंने सभी पार्षदों को एकजुट हो आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी करने के लिए कहा वही नवनियुक्त मेयर से शहर के विकास के लिए काम करने व लंबित योजनाओं को तेजी से पूरा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि एक लंबे अरसे के बाद नगर निगम बठिंडा में कांग्रेस का मेयर बना है व लोगों ने भारी बहुमत से नगर निगम की जिम्मेवारी कांग्रेस को सौंपी है। इस स्थिति में उनकी जिम्मेवारी बनती है कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरे व शहर के चहुमुखी विकास के लिए दिन रात एक कर काम करे।

वही नवनियुक्त मेयर रमन गोयल ने कहा कि जो विश्वास हाईकमान, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने उन पर जताया है वह उस पर खरी उतरने का प्रयास करेगी। उनकी प्राथमिकता सभी को साथ लेकर शहर का विकास करवाना रहेगा।

कई की किश्मत खुली तो कई के हाथ निकली निराशा

नगर निगम मेयर को लेकर पिछले दो माह से चर्चाओं का बाजार गर्म था। शहर के कांग्रेसी इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त लग रहे थे कि वरिष्ठता के आधार पर जगरूप सिंह गिल को मेयर बनाया जाएगा। दूसरी तरफ हाईकमान इन चुनावों के बाद विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी भी कर रही थी व इसी आधार पर उन्होंने तय किया कि इन चुनावों में मेयर ऐसा बनाया जाए जो आगामी चुनावों में खासकर बठिंडा शहरी इलाके में फिर से चुनावी मैदान में उतरने जा रहे मनप्रीत सिंह बादल के लिए सहयोगी के तौर पर काम करे। वर्तमान में नगर निगम बठिंडा में इस बार 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं चुनाव जीतकर पहुंची है। इस स्थिति में इस बात का भी दबाव रहा कि मेयर जैसा महत्वपूर्ण पद किसी महिला को दिया जाए जिससे लोगों में इस बात का संदेश जाए कि कांग्रेस महिलाओं के प्रति अलग सोच रखकर काम करती है व उन्हें आगे लाने के लिए प्रयासरत है। कुछ समय पहले राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री सफर व नौकरी में पहल देने जैसे कदम उठाकर इस बात का संकेत भी दिया कि आगामी विधानसभा चुनावों में महिलाओं का मुद्दा अहम रहने वाला है। रमन गोयल को मेयर बनाकर अग्रवाल बहुल क्षेत्र बठिंडा विधासभा क्षेत्र में इस समाज को भी खुश करने की कोशिश की गई है। बठिंडा में दूसरा बड़ा वर्ग दलित व जाट वर्ग का है। इसमें अशोक प्रधान को सीनियर डिप्टी मेयर बनाकर जहां दलितों को अपनी तरफ का प्रयास किया है वही मास्टर हरमंदर सिंह को डिप्टी मेयर बनाकर जाट वोट बैंक को खुश करने की कोशिश की है।

महानगर में पहली बार एक महिला को मेयर का ताज पहनाया गया है। वरिष्ठ और टकसाली कांग्रेसी नेताओं को हाशिए पर लुढ़काते पहली बार पाषर्द बनी रमन गोयल को बठिंडा का मेयर चुन लिया गया है। कांग्रेस के 43 पार्षदों में अधिकतर के मन में रमन का नाम शुरू से ही था। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने भी जब अपने मन से रमन का नाम लिया तो सभी ने सर्वसम्मती से रमन गोयल के नाम पर मुहर लगा दी। मेयर पद के चुनाव के लिए आब्जर्वर के तौर पर पहुंचे कैबीनट मंत्री चरणजीत चन्नी ने भी किसी महिला को मेयर की कुर्सी देने कीताकीद करने रमन गोयल नाम पर स्वीकृती की मुहर लगाई। हाउस वाईफ श्रीमति रमन गोयल के मेयर बनने के बाद शहर में हर्ष का महौल है। करीब दो माह के इंतजार के बाद बठिंडा नगर निगम को मेयर मिल गया। जबकि मेयर के दावेदार माने जा रहे अशोक प्रधान को सीनियर डिप्टी मेयर व अकाली दल से कांग्रेस में पहुंचे व पूर्व एफएंडसीसी मैंबर मास्टर हरमंदर सिंह को डिप्टी मेयर बनाया गया है। रमन गोयल बीए, बीएड हैं, उनके पति संदीप गोयल दीपा जिला कांग्रेस कमेटी के वाईस प्रधान है। वे वाईन कान्ट्रेक्टर है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और उनके रिश्तेदार जैजीत सिंह जौहल जोजो के निकटवर्ती साथियों में शुमार संदीप गोयल अपनी मिलनसार प्रवृती के लिए जाने जाते हैं। 28 साल से कांग्रेस में सक्रिय रमन गोयल के परिवार में भुच्चों मंडी से एक रिश्तेदार पाषर्द रह चुका है।

सीनियर डिप्टी मेयर अशोक प्रधान के पास है संगठन चलाने का लंबा अनुभव
मेयर के दावेदार माने जा रहे अशोक प्रधान को सीनियर डिप्टी मेयर बनाया गया है। अशोक प्रधान करीब 43 साल से कांग्रेस के साथ जुड़े हैं। वह वतर्मन में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पद पर आसीन है। लगातार 10 साल वह कांग्रेस के जिला शहरी प्रधान, 10 साल यूथ कांग्रेस के प्रधान रहे हैं। अशोक को संगठन चलाने का लंबा अनुभव है। वह कांग्रेस के टकसाली नेताओं में शामिल है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को जब बठिंडा से कांग्रेस की टिकट दी गई थी, उस समय कांग्रेस में बाहरी उम्मीदवार को लेकर मनप्रीत का विरोध हो रहा था। इस दौरान अशोक प्रधान ने मनप्रीत बादल की बैठकों को कराने की जिम्मेवारी लेते कांग्रेस नेताओं को मनाने में महत्वापूर्ण भूमिका निभाई थी।

डिप्टी मेयर की कुर्सी पर काबिज हुए मास्टर हरमंदर सिंह सिद्धु एमएससी बाटनी, एमए पब्लिक एडमिस्ट्रेशनस बीएड है। 25 साल तक एजुकेशन विभाग में सेवाएं देने वाले मास्टर हरमंदर जिला साईंस सुपरवाईजर के पद से वालंटियर रिटायरमेंट लेकर राजनीति में आए थे। लंबे समय से अकाली दल में सक्रिय रहे मास्टर मनप्रीत बादल के चुनावों के समय वह इस्तीफा देकर कांग्रेस में आ गए थे। नगर निगम की फाईनांस व कान्ट्रेक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) के सदस्य रह चुके मास्टर हरमंदर सिंह को नगर निगम से जुड़े मसलों की अच्छी समझ है। वह तीन बार लगातार पाषर्द बने हैं। मनप्रीत बादल के चुनावों में उन्होंने बहुत मेहनत की थी।

महिला शक्ति के समक्ष हाशिए पर गिल
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व जिला प्लानिंग बोर्ड की चेयरमैनी छोड़कर चुनाव लड़ने वाले जगरुप सिंह गिल का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था लेकिन हाईकमान ने सभी को एक तरफ कर इस बात पर जोर दिया कि नगर निगम में 50 फीसदी कोटा महिलाओं का है व इतनी ही महिलाएं जीतकर सदन में पहुंची है इस स्थिति में मेयर का पद भी किसी जरनल महिला को दिया जाना चाहिए। बहरहाल महिला शक्ति के समक्ष सबसे मजबूत दावेदार जगरूप सिंह गिल हाशिए पर लुढ़क गए।

 

 

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