Covid 2nd Wave: नाइट कर्फ्यू के बाद अब इन जिलों में लॉकडाउन लागू, जानें- ट्रेनों के संचालन पर क्या बोला रेलवे?

Lockdown 2021 Updates कई शहरों में सख्ती कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बढ़ते मामलों के बीच की जा रहा है। दूसरी लहर के प्रमाण बेहत खतरनाक है। देश के अधिकतर सभी बड़े शहरों में कोरोना की मार है। लॉकडाउन न चाहते हुए भी लगाने की नौबत आन पड़ी है।

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नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में एक बार फिर सभी मुद्दे को पीछे छोड़ते हुए सभी का ध्यान कोरोना वायरस पर है। कोविड की दूसरी लहर बेहद ही खतरनाक दिखाई दे रही है। 2020 में हालांकि लोगों में वायरस को लेकर खौफ था और मामले उतने नहीं पहुंचे थे कि जितने अब हर रोज आ रहे हैं। पिछले कई दिनों से एक लाख से ऊपर मामले आ रहे हैं। पहले लगे लॉकडाउन में गरीबों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी थी और ज्यादातर सभी के धंधे चौपट हो गए थे। जनता एक और लॉकडाउन झेलने को तैयार नहीं है, लेकिन लापरवाही के कारण नए मामलों में बढ़ोतरी होते देख देश में पिछले साल जैसे हालात बन गए हैं। स्कूल-कॉलेज बंद, लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू प्रभाव में हैं। पिछली बार कोरोना से जंग में हमारे पास वैक्सीन नहीं थी, इस बार है, लेकिन कई राज्य कह रहे हैं कि उनके पास ना के बराबर टीके मौजूद है, जो चिंता का विषय है। वहीं, आज कई जिलों में लॉकडाउन लग जाएगा। वहीं, मुंबई के कई रेलवे स्टेशन पर प्‍लेटफॉर्म टिकट पर रोक लगा दी है। पढ़ें- सभी लेटेस्ट जानकारी…

नवरात्रि, उगादि, गुड़ी पड़वा, बैसाखी आदि के आगामी त्यौहारों से पहले कई शहरी क्षेत्रों में ताले लगने वाले हैं। अप्रैल के मध्य में महामारी की चल रही दूसरी लहर के चरम पर होने से स्थानीय प्रतिबंध, मिनी लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू पहले ही चालू हैं लेकिन जैसा कि भारत में हर दिन नए मामलों के रिकॉर्ड टूट रहे हैं, इससे लॉकडाउन के तहत आने वाले शहरों की सूची लंबी होने जा रही है। हालांकि, पूर्वोत्तर राज्य दूसरी लहर से अछूते साबित हुए हैं और स्थानीय प्रतिबंध से मुक्त हैं।

ट्रेनों के संचालन को लेकर क्या बोला रेलवे?

रेलवे की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि ट्रेन सेवाओं को बंद करने का कोई सवाल नहीं उठता। हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है और यात्रियों को आश्वास्त किया जाता है उन्हें ट्रेनें प्रमुखता से उपलब्ध कराई जाएंगी। बता दें कि रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि प्रवासी एक बार पहले की तरह लॉकडाउन लगने के बाद अपने गृहनगर जाने लगे हैं।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि ट्रेनों की कोई कमी नहीं है और रेलवे एक छोटे टाइम पीरियड में ही सेवा देने में सक्षम है।

उन शहरों की सूची, जहां आज से सख्त प्रतिबंध लागू होंगे…

मुंबई, पुणे, नागपुर – संपूर्ण महाराष्ट्र

आज रात 8 बजे से, मुंबई, पुणे, नागपुर और महाराष्ट्र के सभी शहरों और जिलों में सोमवार शाम 7 बजे तक कड़ा लॉकडाउन लगने जा रहा है, क्योंकि रात का कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन दोनों प्रभाव में आजाएंगे।  आवश्यक सेवाओं के अलावा किसी भी अन्य चीजों की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुंबई प्राधिकरण ने शहर के लिए अलग-अलग दिशानिर्देश जारी किए हैं।

रेलवे स्टेशन पर नहीं मिलेगी प्‍लेटफॉर्म टिकट 

राज्य में बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए, आज से तत्काल प्रभाव से प्‍लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री रोक दी गई है। इनमें लोकमान्य तिलक टर्मिनस, कल्याण, ठाणे, दादर, पनवेल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस शामिल हैं, जहां टिकट नहीं दी जाएगी। सीपीआरओ और मध्य रेलवे ने इस बात की जानकारी दी।

रायपुर, भोपाल

छत्तीसगढ़ के रायपुर को एक नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है और इसकी सीमा को शाम 6 बजे अप्रैल 9 से सुबह 6 बजे, 19 अप्रैल तक सील किया जाएगा। इन 10 दिनों के लिए केवल आवश्यक सेवाओं की अनुमति दी जाएगी और परीक्षा में बैठने वाले छात्र प्रतिबंधों से परे होंगे। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, अर्ध-सरकारी, साथ ही निजी कार्यालय और बैंक के कार्यालय बंद रहेंगे।

भोपाल सहित मध्य प्रदेश के सभी शहरों में आज शाम 6 बजे से शुरू होने वाले 60 घंटे के बंद का एलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। मध्य प्रदेश के कई जिले पहले से ही रविवार को लॉकडाउन लगाते हैं, लेकिन इस सप्ताहांत, राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में सख्त प्रतिबंध होंगे।

पहले से ही प्रतिबंध के तहत शहर / जिले

छत्तीसगढ़ का दुर्ग नौ दिनों के सख्त लॉकडाउन में है, जो 6 अप्रैल से शुरू हुआ था।

रात के कर्फ्यू के तहत शहर

दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, ओडिशा के सुंदरगढ़, बरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर, बलांगीर, नुआपाड़ा, कालाहांडी, मलकानगिरी, कोरापुट और नबरंगपुर, राजस्थान के जयपुर, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज समेत गाजियाबाद, मेरठ व कई अन्य जिले नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।

बेंगलुरु में 10 अप्रैल से कर्फ्यू

बेंगलुरु, मैसूरु, मंगलुरु, कलबुर्गी, बीदर, तुमकुरम, उडुपी और मणिपाल सहित कर्नाटक के अन्य जिलों में 10 अप्रैल से  कर्फ्यू लगाया जाएगा। बंगलौर आर्चडायोसिस के मुताबिक, हमारी आर्चडायोसिस के बेंगलुरु शहरी और बेंगलुरु ग्रामीण जिलों के चर्चों, चैपल और संस्थानों में सभी सार्वजनिक धार्मिक सेवाएं 7 से 20 अप्रैल तक निलंबित रहेंगी। हालांकि, चर्च / चैपल शायद निजी काम और आराधना के लिए खुले रहे।

वैक्सीन की कमी…

पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) ने खुराक की कमी के कारण शुक्रवार को अपनी सीमा में सभी टीकाकरण केंद्रों को बंद रखने का फैसला किया है। हालांकि, जिले ने गुरुवार को शॉट्स के सीमित स्टॉक और कई सत्र स्थलों के जल्दी बंद होने के बीच 54,059 लाभार्थियों का टीकाकरण दर्ज किया। बताया गया कि हमारे पास स्टॉक में लगभग 1,500 कोविशिल्ड की खुराक है। हमारे पास कोवैक्सिन की लगभग 10,000 खुराक भी हैं, जिन्हें लाभार्थियों के लिए दूसरी खुराक के लिए आरक्षित रखा गया है।

बात सिर्फ महाराष्ट्र में वैक्सीन की कमी की नहीं है, जैसे कि गुरुवार को राज्य के मंत्री द्वारा टीके की कमी की जानकारी देने के बाद बवाल मच गया था। आंध्र प्रदेश और ओडिशा, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में, गाजियाबाद के कई निजी अस्पतालों में टीके की कमी का सामना करना पड़ रहा है, खुराक की अनुपस्थिति की शिकायत है।

हालांकि, कई राज्यों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की संख्या में भारी उछाल के बीच कोविद -19 वैक्सीन की कमी की शिकायत के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि देश में 43 मिलियन से अधिक COVID-19 वैक्सीन की खुराक स्टॉक में या पाइपलाइन में है। बता दें कि देश में अब तक कुल 9,43,34,262 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है।

प्रवासी कामगार दोबारा चल पड़े

गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामलों में आए उछाल से लोगों को लाकडाउन का डर सताने लगाने है, इसकी वजह से प्रवासी कामगारों ने अपने परिवारों के साथ सूरत और अहमदाबाद छोड़ना शुरू कर दिया है। गुजरात में यह दोनों शहर कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित हैं। श्रम एवं रोजगार के अतिरिक्त मुख्य सचिव विपुल मित्रा ने कहा, ‘ऐसी औपचारिक रिपोर्टे नहीं हैं जो यह बताती हों कि बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार जा रहे हैं। हालांकि, हमने जिलों के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रवासी कामगारों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।’ उन्होंने कहा, चूंकि अभी कोई लॉकडाउन नहीं है और ट्रेनें भी चल रही हैं, लिहाजा लोग देश में कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने माना कि कुछ लोग अपने मूल स्थानों को लौट रहे हैं, लेकिन यह बड़े पैमाने पर नहीं हो रहा। गुजरात के अलावा भी कई जगहों से प्रवासी मजदूरों के वापस जाने की खबर सामने आई है।

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