फसल खरीद के लिए पंजाब की मुश्किलें बढ़ी, केंद्र दो टूक, सीधी अदायगी नहीं तो खरीद भी नहीं

चंडीगढ़ । किसानों को उनकी फसल की सीधी अदायगी उनके खातों में डालने के मामले में केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर इस साल से ऐसा न किया गया तो केंद्र सरकार पंजाब से गेहूं की खरीद नहीं करेगी। केंद्र ने पंजाब को यह झटका उस समय दिया जब मात्र दो दिन बाद पंजाब में गेहूं की खरीद शुरू होनी है। हालांकि खरीद के लिए लैंड रिकार्ड देने के मामले में केंद्र सरकार ने कुछ नरमी बरती है। इस मसले को छह महीने के लिए टाल दिया गया है।

आज दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब के तीन मंत्रियों वित्तमंत्री मनप्रीत बादल, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू, लोक निर्माण मंत्री विजय इंद्र सिंगला और मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह के साथ मीटिंग की। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री ने सीधी अदायगी को लेकर पंजाब के मंत्रियों की सभी दलीलों को खारिज कर दिया और साफ शब्दों में कहा कि यदि इस बार किसानों के खाते में सीधी अदायगी नहीं की गई तो इस रबी के सीजन में केंद्र सरकार पंजाब से गेहूं की खरीद नहीं करेगी।

वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने जागरण से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि हमने उन्हें कहा कि एपीएमसी एक्ट में सीधी अदायगी का प्रावधान नहीं है तो उन्होंने कहा कि सरकार अपने एक्ट में बदलाव कर ले। केंद्रीय मंत्री ने यह भी दलील दी कि जब शेष राज्य सीधी अदायगी कर रहे हैं तो पंजाब ऐसा क्यों नहीं कर सकता। मनप्रीत ने कहा कि यह बैठक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय से संबंधित पांच विभिन्न मुद्दों पर की गई थी जिसमें से सीधी अदायगी को छोड़कर शेष सभी बातें पीयूष गोयल ने मान ली हैं और उन्हें जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है।

मनप्रीत बादल ने बताया कि फसल खरीद के साथ साथ लैंड रिकार्ड का ब्यौरा देने की शर्त को फिलहाल केंद्र सरकार ने छह महीने के लिए टाल दिया है। असल में इसमें अभी यह सिस्टम नहीं बन रहा था कि जो किसान ठेके पर जमीन लेकर खेती कर रहे हैं उन्हें भुगतान कैसे किया जाएगा। पीयूष गोयल ने कहा कि इसके लिए अगले छह महीने में बकायदा सिस्टम तैयार कर लिया जाए। पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू ने पंजाब में 2019 से पड़े अनाज का मामला भी उठाया और कहा कि इससे राज्यों की खरीद एजेंसियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनाज को उठाने की एक पूरी योजना तैयार कर ली है। इसमें हमने पंजाब से उठाए जाने वाले अनाज को प्राथमिकता दी है। इसका असर जल्द ही देखने को मिलेगा। मंत्री ने एफसीआइ की ओर 1600 करोड़ रुपये की अदायगियों का मामला भी उठाया, जिसमें आढ़तियों को 200 करोड़ रुपए का रुका हुआ कमीशन भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने इसकी डिटेल भेजने को कहा और आश्वासन दिया कि आढ़तियों का दो सौ करोड़ रुपये जल्द ही रिलीज करवा दिया जाएगा।

आरडीएफ मामले पर फिर मांगा जवाब

केंद्र सरकार की ओर से धान के सीजन में पंजाब के रोके गए देहाती विकास फंड का मामला भी इस मैराथन मीटिंग में उठा, जिस पर पीयूष गोयल ने कहा कि राज्य सरकार ने इस पर जो जवाब भेजा है उससे वह संतुष्ट नहीं हैं। मनप्रीत बादल ने कहा कि यह राज्य का स्टेचुरी टैक्स है और एक्ट के अनुसार वहीं खर्च किया गया है जहां इसका प्रावधान है। इस पर मंत्री ने दोबारा जवाब भेजने काे कहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.