भोपाल में कोरोना का नंबर गेम:30 से 40 के बीच सीटी वैल्यू वाले पेशेंट निगेटिव बताए जा रहे, ताकि संक्रमितों का आंकड़ा नहीं बढ़े

भोपाल में हो रही गड़बड़ी की जब जांच की तो पता चला कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अफसरों ने लैब संचालकों को मौखिक आदेश दिया है कि 30 से ऊपर सीटी वैल्यू वालों की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं देनी है।

भोपाल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की गाइडलाइन को दरकिनार कर 30 से ज्यादा और 40 से कम सीटी (सायकल थ्रेशहोल्ड) वैल्यू वाले मरीजों को कोविड निगेटिव बताया जा रहा है। यह रिपोर्ट सरकारी लैब में तैयार हो रही है, जबकि ICMR की गाइडलाइन कहती है कि सीटी वैल्यू 40 या उससे नीचे है तो मरीज को पॉजिटिव माना जाए। बता दें कि सीटी वैल्यू शरीर में वायरस लोड बताने का पैमाना होता है।

भोपाल में हो रही गड़बड़ी की जब जांच की तो पता चला कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अफसरों ने लैब संचालकों को मौखिक आदेश दिया है कि 30 से ऊपर सीटी वैल्यू वालों की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं देनी है। यह सारा घालमेल सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम आए। शहर में रोज 400-500 संक्रमित मिल रहे हैं। अगर 40 सीटी वैल्यू को पैमाना मान कर रिपोर्ट जारी हों तो संक्रमितों की संख्या कहीं ज्यादा होगी।

ऐसे समझें हालात

केस-1

  • 70 साल के मुकेश शर्मा (बदला हुआ नाम) ने 24 मार्च को जेके अस्पताल की लैब में सैंपल दिया। जांच में इनकी सीटी वैल्यू 30 के ऊपर है, जबकि रिपोर्ट निगेटिव आई है।

केस-2

  • 60 साल के सुरेश कुमार ने 30 मार्च को सैंपल जांच के लिए एलएन मेडिकल की लैब में भेजा। जांच रिपोर्ट निगेटिव आई, जबकि उनकी सीटी वैल्यू 31.32 है, लेकिन उनका इलाज कोविड प्रोटोकॉल से किया। (ऐसे 10 केस हैं, जिनमें सीटी वैल्यू 30-40, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव है।)

इस बारे में जब जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। ऐसा होता तो इतने केस नहीं आ रहे होते। वहीं CMHO प्रभाकर तिवारी का कहना है कि अलग-अलग टेस्ट किट पर सीटी वैल्यू अलग होती है। सीटी वैल्यू का वायरस लोड से कोई लेना देना नहीं है।

ज्यादा पॉजिटिव रिपोर्ट देने पर प्रशासन ने एक लैब सील कर दी थी
30 मार्च को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने होशंगाबाद रोड के थायरोकेयर सेंटर को सील कर दिया था। लैब को वजह बताई कि यहां की ज्यादातर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही हैं और आरटीपीसीआर सैम्पल लेने की इजाजत नहीं ली है, इसलिए उसे सील कर रहे हैं। जबकि यहां से सैंपल जांच के लिए मुंबई भेजे जा रहे थे। वहां से जो रिपोर्ट आती थी, उसमें ज्यादातर रिपोर्ट में सीटी वैल्यू 30 से ऊपर रहती थी, इसलिए लैब उन्हें पॉजिटिव बताती थी।

क्या सीटी वैल्यू जानना मरीज का हक है?
आईएमए भोपाल के सचिव डॉ. सुदीप पाठक के मुताबिक यदि कोई पेशेंट अपनी रिपोर्ट में सीटी वैल्यू जानना चाहता है तो ये उसका हक है। अगली बार जांच करवाएं तो लैब से सीटी वैल्यू भी पूछ सकते हैं।

एक्सपर्ट ने कहा- वायरस लोड कम है तो वैल्यू 40 तक आएगी ICMR के संक्रामक रोग विभाग के निदेशक समीरन पांडा के मुताबिक कोरोना सैंपल की जांच के लिए ICMR ने जो एडवाइजरी जारी की थी, उसमें कहा था कि अगर 40 या उससे नीचे की सीटी वैल्यू है तो रिपोर्ट पॉजिटिव होगी। उससे ऊपर होने पर नेगेटिव। शरीर में वायरस लोड ज्यादा हो तो सीटी वैल्यू 20 से नीचे भी आ सकती है। वायरस लोड कम होने पर 40 सीटी वैल्यू आ सकती है, लेकिन मरीज पॉजिटिव होता है।

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