दादा साहेब फाल्के पुरस्कार:तमिल सुपरस्टार रजनीकांत को मिलेगा फिल्म का सर्वोच्च सम्मान; तमिलनाडु में वोटिंग से 5 दिन पहले फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा, "कई पीढ़ियों में लोकप्रिय, जबरदस्‍त काम जो कम ही लोग कर पाते हैं, विविध भूमिकाएं और एक प्‍यारा व्यक्तित्व ...ऐसे हैं रजनीकांत जी। यह बेहद खुशी की बात है कि थलाइवा को दादा साहेब फाल्‍के पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया है, उन्‍हें बधाई।

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मुंबई। दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड 2019 से नवाजा जाएगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। इसे तमिलनाडु चुनाव से जोड़कर देखे जाने के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि रजनीकांत का फिल्म इंडस्ट्री के योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल, तमिलनाडु में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वाेटिंग होनी है। रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 3 मई को दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने दी थलाइवा को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा, “कई पीढ़ियों में लोकप्रिय, जबरदस्‍त काम जो कम ही लोग कर पाते हैं, विविध भूमिकाएं और एक प्‍यारा व्यक्तित्व …ऐसे हैं रजनीकांत जी। यह बेहद खुशी की बात है कि थलाइवा को दादा साहेब फाल्‍के पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया है, उन्‍हें बधाई।”

 

रजनीकांत ने 26 दिन में छोड़ दी थी राजनीति
रजनीकांत का राजनीति में आने का सपना अधूरा ही रह गया। 70 साल के रजनी ने खराब सेहत की वजह से चुनावी राजनीति में नहीं आने का फैसला किया है। 3 दिसंबर को रजनीकांत ने कहा था कि वे नई पार्टी बनाएंगे और 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। 31 दिसंबर को नई पार्टी का ऐलान किया जाएगा, लेकिन ऐसा हो ना सका और 26 दिन के अंदर ही उन्होंने राजनीति छोड़ दी।

चार साल की उम्र में मां का निधन हो गया था
12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में जन्मे रजनी का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। जीजाबाई और रामोजी राव की चार संतानों में शिवाजी सबसे छोटे थे। उनकी स्कूलिंग बेंगलुरु में हुई। रजनीकांत चार साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था। घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। इसलिए रजनीकांत ने कुली से लेकर बस कंडक्टर तक का काम किया। बस में टिकट काटने के अनोखे अंदाज की वजह से ही वे पॉपुलर हुए और दोस्तों ने उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने की सलाह दी।

इन सितारों को मिल चुका दादा साहेब पुरस्कार

वर्ष नाम फिल्म इंडस्ट्री
2018 अमिताभ बच्चन हिन्दी
2017 विनोद खन्ना हिन्दी
2016 कसिनाथुनी विश्वनाथ तेलुगू
2015 मनोज कुमार हिन्दी
2014 शशि कपूर हिन्दी
2013 गुलजार हिन्दी
2012 प्राण हिन्दी
2011 सौमित्र चटर्जी बंगाली
2010 के. बालचन्दर तमिल

तेलुगू

2009 डी. रामानायडू तेलुगू
2008 वी. के. मूर्ति हिन्दी
2007 मन्ना डे बंगाली

हिन्दी

2006 तपन सिन्हा बंगाली

हिन्दी

2005 श्याम बेनेगल हिन्दी
2004 अडूर गोपालकृष्णन मलयालम
2003 मृणाल सेन बंगाली
2002 देव आनन्द हिन्दी
2001 यश चोपड़ा हिन्दी
2000 आशा भोसले हिन्दी

मराठी

1999 ऋषिकेश मुखर्जी हिन्दी
1998 बी. आर. चोपड़ा हिन्दी
1997 कवि प्रदीप हिन्दी
1996 शिवाजी गणेशन तमिल
1995 राजकुमार कन्नड़
1994 दिलीप कुमार हिन्दी
1993 मजरूह सुल्तानपुरी हिन्दी
1992 भूपेन हजारिका असमिया
1991 भालजी पेंढारकर मराठी
1990 अक्कीनेनी नागेश्वर राव तेलुगू
1989 लता मंगेशकर हिन्दी, मराठी
1988 अशोक कुमार हिन्दी
1987 राज कपूर हिन्दी
1986 बी. नागी. रेड्डी तेलुगू
1985 वी. शांताराम हिन्दी

मराठी

1984 सत्यजीत रे बंगाली
1983 दुर्गा खोटे हिन्दी

मराठी

1982 एल. वी. प्रसाद हिन्दी

तमिल

तेलुगू

1981 नौशाद हिन्दी
1980 पैडी जयराज हिन्दी

तेलुगू

1979 सोहराब मोदी हिन्दी
1978 रायचन्द बोराल बंगाली

हिन्दी

1977 नितिन बोस बंगाली

हिन्दी

1976 कानन देवी बंगाली
1975 धीरेन्द्रनाथ गांगुली बंगाली
1974 बोम्मीरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी तेलुगू
1973 रूबी मयेर्स (सुलोचना) हिन्दी
1972 पंकज मलिक बंगाली एवं हिन्दी
1971 पृथ्वीराज कपूर हिन्दी
1970 बीरेन्द्रनाथ सिरकर बंगाली
1969 देविका रानी हिन्दी

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