महाराष्ट्र सरकार के लिए खतरे की घंटी:अहमदाबाद में अमित शाह से मिले शरद पवार; पूछने पर शाह बोले- ये बताने की बात नहीं

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मुंबई। महाराष्ट्र में एंटीलिया केस के आरोपी सचिन वझे के राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से रिश्तों पर सियासत गर्माई हुई है। इस बीच, उद्धव सरकार में सहयोगी राकांपा के दो बड़े नेताओं की गुजरात यात्रा ने सरकार की नींद उड़ा दी है। खबर यह है कि शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने अहमदाबाद में गृह मंत्री अमित शाह से आधी रात के बाद मुलाकात की है।

शाह की पवार से मुलाकात को महाराष्ट्र में सरकार चला रही महाविकास अघाड़ी के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब शाह से पूछा गया कि आप कल अहमदाबाद में थे और बताया जा रहा है कि वहां आपकी शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात भी हुई है। इस पर शाह ने जवाब दिया कि ये सब चीजें सार्वजनिक नहीं होती हैं। शाह के इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही महाराष्ट्र की राजनीति में कोई बड़ा उलटफेर हो सकता है।

शिवसेना ने देशमुख को एक्सीडेंटल मिनिस्टर कहा
इधर, शिवसेना ने भी रविवार को अपने अखबार सामना के जरिए देशमुख पर निशाना साधा। संजय राउत ने सामना में लिखे आर्टिकल में पूछा कि आखिर सस्पेंड पुलिस अधिकारी सचिन वझे की वसूली की जानकारी गृह मंत्री को कैसे नहीं हुई? आखिर असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) स्तर के अधिकारी सचिन वझे को इतने अधिकार किसने दिए? यही जांच का विषय है।

मुकुल रॉय के ऑडियो पर शाह का ममता सरकार पर निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाह ने भाजपा सांसद मुकुल रॉय का ऑडियो लीक होने को लेकर बिना नाम लिए ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दो भाजपा नेता फोन पर अधिकारियों के ट्रांसफर की बात पर चर्चा कर रहे थे। यह मांग तो हमने लिखित में की है। इसमें कोई राज नहीं है। फोन टैप करने वाले के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए। किस अधिकार के तहत फोन टैप किए गए। इसके लिए किसने सूचना दी, किसने परमिशन दी। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में फोन टैपिंग क्यों? वो भी तब जब आचार संहिता लागू हो।

शाह का दावा- बंगाल में पहले फेज की 26 सीटें जीतेंगे
अमित शाह ने कहा कि असम और बंगाल इस चुनाव से पहले चुनावी हिंसा के लिए पहचाने जाने वाले प्रदेश थे। दोनों जगह पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। ये आने वाले समय के लिए शुभ संकेत हैं। शाह ने दावा किया कि बंगाल में भाजपा पहले चरण की 30 में से 26 सीटें जीतेगी। शाह ने कहा कि बंगाल में हमारा वोट भी बढ़ेगा और हमारी सीटों पर जीत का अंतर भी बढ़ेगा। वहीं, असम में 47 में से 37 सीटों पर भाजपा को जीत मिलेगी।

शाह ने कहा कि बंगाल में 200 और असम में पहले से ज्यादा सीटें लाकर सरकार बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में असम में जो विकास हुआ है, वहां की हमारी सरकार ने जिस प्रकार से अभूतपूर्व विकास किया है, इसको बड़ा जन समर्थन मिल रहा है। डबल इंजन सरकार का कॉन्सेप्ट असम की जनता को भाजपा के आचरण से समझ में आया है।

गृह मंत्री बोले- दीदी ने बंगाल की जनता को निराश किया
शाह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में तुष्टिकरण, घुसपैठ, भ्रष्टाचार का बोलबाला था। कोरोना के खिलाफ लड़ाई, अंफान में लापरवाही, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों से जनता ममता सरकार से निराश हुई। बंगाल में जिस प्रकार का घोर निराशा और हताशा का माहौल था। 27 साल के कम्युनिस्ट शासन के बाद बंगाल के लोगों को आशा थी कि दीदी एक नई शुरुआत लेकर आएंगी। मगर दल का चिन्ह और नाम बदल गया, लेकिन बंगाल वहीं का वहीं रहा बल्कि और गिरावट आई। मोदी जी के नेतृत्व में हमने जो सोनार बांग्ला का संदेश दिया है, उससे जनता में उम्मीद की अलख जगी है।

गृह मंत्री ने कहा, ‘नंदीग्राम की जनता से कहना चाहता हूं कि बंगाल में परिवर्तन उनके हाथ में ही है। ऐसे तो पूरे प्रदेश में परिवर्तन की जरूरत है, लेकिन अगर नंदीग्राम की जनता खुद ठान ले तो परिवर्तन अपने आप हो जाएगा।’ TMC की ओर से गड़बड़ी के आरोप पर शाह ने कहा कि यह सब उनकी हार के संकेत हैं। उनकी शिकायत यह नहीं है कि गड़बड़ी हुई है। उनकी शिकायत है कि वे गड़बड़ी नहीं कर पा रहे हैं।

बंगाल में 79.79% और असम में 72.14% वोटिंग
पश्चिम बंगाल और असम की कुल 77 सीटों पर शनिवार को पहले फेज की वोटिंग हुई थी। इनमें बंगाल की 30 और असम की 47 सीटें शामिल हैं। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक बंगाल में 79.79% और असम में 72.14% वोटिंग हुई।

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