मनसुख की हत्या को लेकर 10 खुलासे:क्लोरोफॉर्म सुंघाकर उसे बेहोश किया गया था, हत्या में 4 लोग शामिल थे; वारदात वाली जगह पर वझे भी था
पड़ताल के दौरान ATS को यह भी पता चला है कि मनसुख को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया और फिर आराम से उसकी सांस को रोककर उसकी हत्या की गई। हत्या के वक्त सचिन वझे भी मौके पर मौजूद था। ATS को उसकी मोबाइल लोकेशन से इसके पुख्ता सबूत मिले हैं।
मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। मुंबई की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ( ATS) ने इस गुत्थी को सुलझा लेने का दावा किया है। उसका कहना है कि हिरेन की हत्या में कुल चार लोगों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। इनमें से 3 गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बात का खुलासा बुधवार को ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद NIA को सौंपी रिपोर्ट में हुआ है।
पड़ताल के दौरान ATS को यह भी पता चला है कि मनसुख को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया और फिर आराम से उसकी सांस को रोककर उसकी हत्या की गई। हत्या के वक्त सचिन वझे भी मौके पर मौजूद था। ATS को उसकी मोबाइल लोकेशन से इसके पुख्ता सबूत मिले हैं।
मारने के बाद चेहरे पर बांधे गए थे रुमाल
सूत्रों की मानें तो मनसुख के चेहरे पर बंधे पांच रुमालों में क्लोरोफॉर्म डाला गया था और माना जा रहा है कि सांस रोकने के बाद आरोपी कोई चांस नहीं लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने रुमाल को मनसुख के चेहरे पर बांध कर पानी में फेंका था। हालांकि, चेहरे पर बंधे रुमालों को देखकर ही यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि मनसुख की हत्या हुई है और उन्होंने सुसाइड नहीं किया है।
ATS ने इन धाराओं में दर्ज किया है केस
ATS ने मनसुख हिरेन की मौत के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है।
हत्या को लेकर ATS के 10 खुलासे
- सचिन वझे ने ही मनसुख को ‘तावड़े’ नाम से वॉट्सऐप पर कॉल करके बुलाया था। दोनों की बातें मनसुख की पत्नी विमला ने सुनी थीं।
- मनसुख की हत्या रात 10 बजे के आस-पास हुई। उसके बाद सचिन मुंबई आया और लगभग रात 11 बजकर 48 मिनट पर डोंगरी के टिप्सी बार में रेड का नाटक किया था। जब मनसुख की हत्या की गई तो वझे एक Audi कर में बैठकर सब देख रहा था।
- CDR रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन वझे ने हत्या वाली रात को एक भी फोन कॉल नहीं किया था और न ही उसको किसी का फोन आया था। माना जा रहा है कि वह लगातार वॉट्सऐप कॉल से लोगों से बात कर रहा था।
- सचिन वझे ने डोंगरी इलाके में टिप्सी बार में रेड का नाटक किया, ताकि अगर मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की कोई जांच भी हो तो वो जांच की दिशा ये कहकर भटका सके कि वो तो उस रात मुंबई के डोंगरी इलाके में ही था। टिप्सी बार के CCTV फुटेज से भी इस बात का खुलासा हुआ है कि रेड के समय सचिन वझे मौजूद था।
- ठाणे के घोडबंदर से आने के बाद सचिन वझे पहले मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर गया और इसके बाद CIU के अपने ऑफिस में गया और फिर अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगा दिया, ताकि उसका लोकेशन कमिश्नर ऑफिस ही दिखे।
- सचिन वझे ने ATS को अपना स्टेटमेंट देते हुए कहा था कि 4 मार्च को वो पूरे दिन मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर के CIU ऑफिस में था, लेकिन मोबाइल की लोकेशन के मुताबिक वो दोपहर में 12.48 मिनट पर चेंबूर के MMRDA कॉलोनी में था।
- मनसुख के पास एक मोबाइल था, जिसमें दो सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था। ATS ने उन दोनों नंबर के CDR निकाले तो पता चला कि उनमें से एक नंबर पर मनसुख को आखिरी फोन कॉल रात 8 बजकर 32 मिनट पर उनकी पत्नी का आया था और फिर दूसरे नंबर पर 10 बजकर 10 मिनट पर चार मैसेज आए थे। इस दौरान फोन की लोकेशन वसई का मालजीपाड़ा थी।
- इस मामले में गिरफ्तार विनायक शिंदे ने बताया कि वो वझे से बात करने के लिए फर्जी दस्तावेज पर खरीदे सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था, जिसे उसने क्रिकेट बुकी नरेश गोर के माध्यम से गुजरात से मंगवाया था।
- उद्योगपति मुकेश अंबानी को धमकी भरा पत्र खुद सचिन वझे ने लिखा था। यह खुलासा मनसुख केस में गिरफ्तार हुए विनायक शिंदे के घर काम करने वाले पेंटर ने किया है।
- वझे ने अपनी साजिश में मनसुख को शामिल किया था। इसके सबूत ATS और NIA को मिले हैं, लेकिन जब तक ATS सचिन वझे से पूछताछ नहीं कर लेती तब तक वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकती। यह भी साफ नहीं है कि मनसुख डर या फिर अपनी मर्जी से वझे के साथ मिला था। फिलहाल दोनों के बीच संपर्क के डिजिटल एविडेंस ATS को मिले हैं।