केंद्र सरकार का बड़ा फैसला:बैसाखी पर्व पर पाकिस्तान जााएगा सिख जत्था; फॉलो करने होंगे कुछ नियम, कार्यक्रम का शेड्यूल रिलीज

केंद्र सरकार ने सिख जत्थे की पाकिस्तान यात्रा पर कोरोना महामारी फैलने का हवाला देते हुए रोक लगा दी थी

अमृतसर। केंद्र सरकार ने बैसाखी पर्व पर सिख जत्था पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है। यह जत्था पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन करके लौटेगा। सिख जत्थे का यह दौरा 12 अप्रैल से 21 अप्रैल तक रहेगा। बता दें कि फरवरी में केंद्र सरकार ने सिख जत्थे की पाकिस्तान यात्रा पर कोरोना महामारी फैलने का हवाला देते हुए रोक लगा दी थी।

ये शर्तें माननी होंगी

गृह मंत्रालय के अनुसार, सिख जत्थे को पाकिस्तान जाने के लिए कुछ हिदायतें माननी होंगी। जत्थे का कोई सदस्य पाकिस्तान में किसी का विशेष आतिथ्य स्वीकार नहीं करेगा। जत्थे के सदस्यों का चयन पंजाब पुलिस, CID, इंटेलिजेंस आदि की रिपोर्ट के आधार पर होगा। केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति मिलेगी, जिनके लिए मंजूरी संबंधित राज्य सरकार देगी। इस संबंध में SGPC को 26 मार्च तक श्रद्धालुओं की सूची भेजने को कहा गया है।

यह होगा कार्यक्रम

  • गृह मंत्रालय ने पंजाब की मुख्य सचिव को यात्रा का कार्यक्रम भेजा दिया है। इसके तहत 12 अप्रैल को जत्था वाघा बॉर्डर के रास्ते पैदल ही पाकिस्तान में प्रवेश करेगा। वहां से गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब के लिए जाएगा।
  • जत्था 13 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब में रुकेगा और वहां से वली कंधारी गुफा जाएगा। 14 अप्रैल को गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी पर्व का मुख्य समारोह होगा। इसके बाद सिख जत्था श्री ननकाना साहिब के लिए रवाना होगा।
  • 15 अप्रैल को श्री ननकाना साहिब में स्थानीय गुरुद्वारों के दर्शन करने के बाद 16 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री सच्चा सौदा (फारुखाबाद, पाकिस्तान) के दर्शन करके वापस श्री ननकाना साहिब लौटेगा।
  • 17 अप्रैल को यह जत्था सड़क मार्ग से श्री ननकाना साहिब से लाहौर स्थित गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब जाएगा।
  • श्री ननकाना साहिब में 18 अप्रैल तक ठहरने के बाद 19 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर पहुंचेगा और यहीं रात्रि विश्राम होगा।
  • 20 अप्रैल को श्री गुरुद्वारा रोढ़ी साहिब (एमनाबाद) के दर्शन करके जत्था लाहौर वापस पहुंचेगा।
  • लाहौर में 21 अप्रैल तक गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब में ठहरने के बाद 22 अप्रैल को वाघा बॉर्डर के रास्ते ही जत्था भारत लौट आएगा।

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