परमबीर के आरोपों पर पवार का पलटवार:NCP चीफ बोले- वझे की बहाली का फैसला परमबीर का था; गृह मंत्री के इस्तीफे पर उद्धव फैसला लें

एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्‌ठी के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट देने के आरोप लगे हैं, तो ऐसे में सवाल उठता है कि देशमुख ये वसूली अपने लिए कर रहे थे या NCP के लिए या उद्धव सरकार के लिए?

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मुंबई। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों ने उद्धव सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। मामला ये है कि मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे को चिट्‌ठी लिखकर कहा था कि सचिन वझे को गृहमंत्री का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था।

इन आरोपों के बाद NCP चीफ शरद पवार ने रविवार को मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे की बहाली पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने की थी, मुख्यमंत्री या गृह मंत्री ने नहीं। रही बात देशमुख के इस्तीफे की, तो उस पर फैसला उद्धव लें।

उन्होंने कहा कि परमबीर ने देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन उसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया। चिट्‌ठी में यह भी नहीं बताया गया कि पैसा किसके पास गया। साथ ही पत्र पर परमबीर के साइन भी नहीं हैं।

देशमुख पर एक-दो दिन में फैसला : पवार
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि महाराष्ट्र सरकार को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर इन सब मामलों का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने मामले की जांच पूर्व IPS ऑफिसर जूलियो रिबेरो से कराने का सुझाव दिया। उन्होंने देशमुख के इस्तीफे से जुड़े एक सवाल पर कहा कि उद्धव से चर्चा के बाद एक-दो दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा।

NCP चीफ ने अजित और जयंत को दिल्ली बुलाया
पवार ने पार्टी के दो बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, NCP नेताओं के बीच अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा की जाएगी।

भाजपा ने मांगा देशमुख का इस्तीफा
मामले में भाजपा ने उद्धव सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा ने आज देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर मुंबई और नागपुर समेत कई शहरों में प्रदर्शन किया। इधर, MNS प्रमुख राज ठाकरे भी पहली बार इस मामले में बोले हैं। उन्होंने कहा कि अंबानी से पैसे वसूलने के लिए यह सारी थ्योरी बनाई गई, जो ठीक नहीं है। पहले आतंकी बम रखते थे, अब पुलिस से रखवाया जा रहा है।

पवार सच से भाग रहे : फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सरकार शरद पवार ने बनाई है, इसलिए वह इसका बचाव कर रहे हैं। वझे को वापस सर्विस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के आदेश पर लाया गया था। पवार साहब सच से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक देशमुख पद पर बरकरार हैं, मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि परमबीर से राज्य के DG सुबोध जायसवाल ने पुलिस ट्रांसफर में भ्रष्टाचार से जुड़ी एक रिपोर्ट सौंपी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर किसी तरह का एक्शन नहीं लिया। इस वजह से जायसवाल को अपने पद इस्तीफा देना पड़ा।

अपडेट्स

  • मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में महाराष्ट्र ATS ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान विनायक शिंदे और नरेश धारे के रूप में हुई है। विनायक सस्पेंडेड कॉन्सटेबल हैं और लखन भैय्या फेक एनकाउंटर केस में आरोपी रह चुके हैं।
  • राज्य के मंत्री जयंत पाटिल ने अनिल देशमुख को हटाए जाने की बात का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उनको पद से हटाने का सवाल नहीं उठता। परमबीर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की तरफ से उठाए जा रहे कड़े कदम की वजह से ऐसा कर रहे हैं।

पूर्व कमिश्नर ने गृह मंत्री पर लगाए थे आरोप
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्‌ठी के बाद राज्य में सियासी भूचाल आ गया है। परमबीर ने चिट्‌ठी में कहा था कि सचिन वझे को गृहमंत्री का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि अपने गलत कामों को छुपाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाया गया।

परमबीर बोले- मेरी ही आईडी से भेजी चिट्‌ठी
इस बीच परमबीर ने कहा कि चिट्‌ठी पूरी तरह सही है। उसे मेरी ही आईडी से भेजा गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी चिट्ठी की सत्यता पर संदेह जताया गया था। यह बात सामने आई थी कि जो चिट्ठी भेजी गई है उस पर परमबीर के साइन नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर परमबीर की एक चिट्‌ठी वायरल हो रही है, जिस पर उनके साइन मौजूद है। साइन को लेकर ही राज्य सरकार चिट्‌ठी की सत्यता पर सवाल उठा रही थी।
सोशल मीडिया पर परमबीर की एक चिट्‌ठी वायरल हो रही है, जिस पर उनके साइन मौजूद है। साइन को लेकर ही राज्य सरकार चिट्‌ठी की सत्यता पर सवाल उठा रही थी।

गृह मंत्री ने आरोप खारिज किए
गृह मंत्री देशमुख ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि परमबीर खुद को बचाने के लिए उन पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने परमबीर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात भी कही थी।

अब NIA कर रही दोनों मामलों की जांच
एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के साथ-साथ राज्य सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले एंटीलिया केस की जांच मुंबई पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। इसके बाद NIA ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को गिरफ्तार किया। इसके बाद मामले में मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच भी NIA को सौंप दी गई।

इससे पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उनका तबादला होमगार्ड विभाग में कर दिया गया। अब परमबीर ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए हैं।

उद्धव सरकार पर बीजेपी का निशाना:रविशंकर प्रसाद बोले- महाराष्ट्र के गृह मंत्री का टारगेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का कितना था?

Ravi Shankar Prasad says Telecom department to begin 5G trials in 100 days

एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्‌ठी के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट देने के आरोप लगे हैं, तो ऐसे में सवाल उठता है कि देशमुख ये वसूली अपने लिए कर रहे थे या NCP के लिए या उद्धव सरकार के लिए? अगर गृह मंत्री का टारगेट 100 करोड़ था, तो बाकी मंत्रियों का कितना था? अगर मुंबई से 100 करोड़ वसूलने थे, तो बाकी बड़े शहरों के लिए कितना अमाउंट तय किया गया था?

‘यह भ्रष्टाचार नहीं, ऑपरेशन लूट’
रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे को किसके दबाव में लाया गया। शिवसेना के दबाव में, मुख्यमंत्री के या फिर शरद पवार के दबाव में? उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। यह ऑपरेशन लूट है। रंगदारी एक अपराध है और अगर इस मामले में शरद पवार को ब्रीफ किया जा रहा है, तो सवाल उठता है कि शरद पवार जब सरकार में नहीं हैं, तो उन्हें किस लिए ब्रीफ किया जा रहा है? सवाल यह भी उठता है कि पवार ने अपने स्तर पर क्या कदम उठाए?

‘सरकार की खामोशी सवाल उठाती है’
प्रसाद ने कहा कि पवार साहब की खामोशी सवाल उठाती है और उद्धव ठाकरे भी चुप हैं। सदन के अंदर और बाहर वझे का बचाव कर रहे हैं। वझे एक ASI है, जिसे क्राइम CID का चार्ज दिया गया। यह अपने आप में आश्चर्य की बात है।

प्रसाद ने आगे कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री उसका बचाव करते हैं। दूसरी तरफ गृह मंत्री कहते हैं कि मुझे 100 करोड़ लाकर दो। यह काफी गंभीर मसला है। इसकी गंभीर और ईमानदारी से जांच जरूरी है। मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए, इसमें पवार साहब की भूमिका हो सकती है। मुंबई पुलिस की भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से मामले में कई सवाल भी किए जा सकते हैं।

‘वझे के पास कई राज इसलिए उसे बचाया जा रहा’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘एक सवाल यह उठता है कि वझे से महाराष्ट्र सरकार ने और कितने गंदे काम कराए? ये बात मैं इसलिए कह रहा है हूं, क्योंकि एक इंस्पेक्टर को CM डिफेंड कर रहे हैं। यह मैंने पहले नहीं देखा। आखिर उसे बचाने की क्या मजबूरी थी। उसके पेट में ऐसे क्या-क्या राज छिपे हैं। इस बात को समझना चाहिए। हमारी आशंका है कि पूरी महाराष्ट्र सरकार वझे को बचा रही है, क्योंकि उसके पास काफी राज छिपे हैं।

महाराष्ट्र सरकार vs कंगना रनोट:गृहमंत्री देशमुख पर लगे आरोप पर एक्ट्रेस ने कहा- साबित हुआ कि मैं सच्ची देशभक्त हूं, हरामखोर नहीं

Kangana Ranaut News Update Kangana said that Uddhav Thackeray tomorrow your pride will be broken and BJP said revenge action

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गंभीर आरोपों के बाद एक्ट्रेस कंगना रनोट ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “जब मैंने महाराष्ट्र सरकार के भ्रष्टाचार और बीमार प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी, तो बदले में मुझे गालियों, धमकियों, आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन जब अपने प्यारे शहर के लिए मेरी निष्ठा पर सवाल उठाया गया तो मैं चुपचाप रोई। जब उन्होंने गैरकानूनी तरीके से मेरे घर को तोड़ा, तब कई लोगों ने खुशियां मनाई थीं।”

‘मैं सच्ची देशभक्त हूं, हरामखोर नहीं’

कंगना ने आगे लिखा है, “आने वाले समय में वे (महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार) पूरी तरह एक्सपोज हो जाएंगे। आज मैं पुष्टि के साथ खड़ी हूं, इसलिए यह साबित होता है कि मेरे बहादुर राजपूताना खून में मेरे और मेरे परिवार का पालन-पोषण करने वाले देश के प्रति निष्ठा और सच्चा प्यार बहता है। मैं सच्ची देशभक्त हूं, हरामखोर नहीं।”

परमबीर सिंह ने लगाए हैं कई गंभीर आरोप

परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि एंटीलिया मामले में अरेस्ट हुए सचिन वझे को गृहमंत्री अनिल देशमुख का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। इन सब शिकायतों को लेकर परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी भी लिखी थी। परमबीर सिंह ने चिट्ठी में दावा किया है कि गलत कामों को छुपाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है।

पिछले साल शुरू हुआ सरकार से कंगना का विवाद

पिछले साल सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना रनोट ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ काफी बयानबाजी की थी। इसके बाद बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ की थी। यह विवाद खूब चर्चा में रहा था और उस वक्त परमबीर सिंह महाराष्ट्र सरकार के साथ खड़े नजर आए थे। इसके बाद जब एंटीलिया मामले में विवाद बढ़ने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर को पद से हटाया तो कंगना ने इसे शिवसेना के अंत की शुरुआत बताया था।

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