चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की सिसवां फार्म हाउस में शाम 4:20 बजे चाय पर शुरू हुई चर्चा करीब 50 मिनट में खत्म हुई। इस दौरान खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार बैठक बेनतीजा रही। हालांकि दोनों की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ये तय है कि कैप्टन और सिद्धू की मुलाकात में कोई ठोस फैसला नहीं हो सका है।
वहीं सूत्रों का अब भी कहना है कि उन्हें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसलिए कैप्टन ने उनके लिए विकल्प के द्वार खुले रखे हैं। इधर, नवजोत ने कहा कि उन्हें मीटिंग से अब भी कोई खास उम्मीद नहीं है।
25 नवंबर को लंच के बाद जहां सिद्धू बेहद उत्साहित थे, वहीं बुधवार को वे एक मुस्कुराहट के साथ बाहर निकले। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान सिद्धू ने अपना पुराना स्थानीय निकाय विभाग देने की मांग की है, लेकिन कैप्टन ने उन्हें बिजली विभाग और साथ में कोई अन्य विभाग देने की पेशकश की है। इसे सिद्धू ने अस्वीकार कर दिया।
कैप्टन का ऑफर… पार्टी व सरकार जिम्मेदारी देना चाहती है, आपके लिए सभी विकल्प खुले
कैप्टन ने सिद्धू से कहा पार्टी को आपकी सेवाओं की जरूरत है। पार्टी व सरकार आपको विशेष जिम्मेदारी देना चाहती है। आप जो भी बड़ी जिम्मेदारी लेना चाहेंगे, सरकार व पार्टी व आपको देकर निश्चिंत हो जाएगी, क्योंकि पार्टी व सरकार बखूबी जानती है कि आप कोई भी जिम्मेदारी पूर्ण रूप निभा सकते हैं। आपके लिए सभी विकल्प खुले हैं।
सिद्धू का रिप्लाई… आप जिम्मेदारी पर मुझसे बेहतर बता सकते हैं, नेतृत्व से दिक्कत नहीं
कैप्टन की बात का सिद्धू ने मीटिंग में कोई स्पष्ट उत्तर तो नहीं दिया, लेकिन मीटिंग खत्म होने के बाद बाहर आते ही सिद्धू ने ट्वीट किया, आज़ाद रहो विचारों से लेकिन बंधे रहो संस्कारों से … ताकि आस और विश्वास रहे किरदारों पे .!! उन्होंने कहा- मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपेगी, वह मुझे मंजूर होगी। मैं उसे तहे दिल से निभाऊं
नवजोत को मुख्यधारा में लाना चाहती है कांग्रेस
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान एक बार फिर से पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यधारा में लाना चाहती है। इसके लिए ही सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच मतभेद खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू की मुलाकात कराई गई।
क्योंकि विधानसभा चुनाव 2022 में महज एक साल से कम समय बचा है, इसलिए सिद्धू को मनाने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। चुनाव में हार हो या जीत, दोनों में सिद्धू के प्रचार का अहम रोल हो सकता है। क्योंकि पंजाब ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में भी नवजोत सिद्धू पार्टी के स्टार प्रचारक हैं।
4 महीने में दूसरी मीटिंग, पार्टी को एकजुट करने की कोशिश
कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद और पिछले चार महीने में कैप्टन और सिद्धू की यह दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले 25 नवंबर को भी दोनों ने लंच पर मुलाकात की थी। कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत की सिद्धू से 10 मार्च को मुलाकात हुई थी। तब रावत ने कहा था कि पार्टी हाईकमान के आदेशानुसार विधानसभा चुनाव से पहले सभी को एकजुट करना जरूरी है। इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू को दोबारा सरकार व पार्टी में अहम जिम्मेदारी देने के प्रयास जारी हैं।
हरीश रावत ने तैयार की थी इस मुलाकात की रूपरेखा
इस मुलाकात की रूपरेखा पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने तैयार की थी। हरीश रावत हाल ही में पंजाब दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने राज्य में कांग्रेस नेताओं की नब्ज टटोली थी। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेताओं के आपसी मतभेद खत्म करने के लिए योजना बनाई। इसके लिए हरीश रावत ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक उस मुलाकात में हरीश रावत और अमरिंदर सिंह के बीच सिद्धू की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने से पहले सिद्धू के साथ भी चाय पर चर्चा की थी। इन दोनों चर्चाओं का ही नतीजा थी कैप्टन और सिद्धू की होने जा रही दूसरी मुलाकात।
नाराजगी के चलते सिद्धू ने दिया था इस्तीफा
दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से कड़वाहट चल रही है। नवजोत सिंह सिद्धू ने जुलाई 2019 में कैप्टन सरकार पर विभाग सही से न संभाल पाने का आरोप लगाया था। इस कारण कैप्टन उनसे नाराज हो गए थे। फिर कैप्टन ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान सिद्धू से अहम विभाग ले लिए थे। इसके बाद सिद्धू ने पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और वह कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे।
स्थानीय निकाय विभाग छीने जाने पर सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया तो बदलाव क्यों? बाद में यह चर्चा चली कि सिद्ध् डिप्टी CM का पद चाहते हैं, जिसके लिए कैप्टन तैयार नहीं। इसके बाद सिद्धू राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नजर आए। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू ने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उनके फिर से मुख्यधारा में लौटने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया।