एंटीलिया केस: सचिन वझे की सोसाइटी से CCTV फुटेज गायब, लेकिन NIA को सबूत मिले कि स्कॉर्पियो चोरी नहीं हुई थी

मुंबई। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर से जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो बरामदगी के मामले में CIU के पूर्व चीफ सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। 25 फरवरी को सचिन वझे को इस मामले की जांच सौंपी गई थी। यह जानकारी सामने आ रही है कि सचिन वझे की टीम ने ठाणे के साकेत कॉम्प्लेक्स में लगे CCTV कैमरों का DVR अपने कब्जे में ले लिया था। NIA की टीम ने उस DVR को फिर से हासिल कर लिया है।

अब सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि आखिर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट (CIU) के लोगों ने वझे की सोसाइटी से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) हटाया क्यों था। इस बीच NIA को यह जानकारी मिली है कि स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी।

सोसाइटी ने DVR देने से पहले लिखित प्रमाण मांगा था
सोसाइटी के एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘CIU की टीम के चार लोग सोसाइटी के क्लब हाउस में 27 फरवरी को आये और उनसे DVR जब्त करने की बात कही। इस पर सोसाइटी के मेंबर ने कहा कि वे बिना किसी लिखित आदेश के DVR उन्हें नहीं दे सकते।

इसके बाद पुलिसकर्मियों में से एक ने एक लिखित नोट उन्हें सौंपा। जिस पर लिखा हुआ था, ‘धारा 41 CRPC के अनुसार, हम साकेत सोसाइटी को नोटिस दे रहे हैं कि मुंबई क्राइम ब्रांच, CIU, DCB, CID मुंबई को धारा 286, 465, 473, IPC 120 (B), इंडियन एक्सप्लोसिव एक्ट में दर्ज FIR संख्या 40/21 की जांच के लिए साकेत सोसाइटी के दोनों डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर चाहिए। नोटिस में जांच में सहयोग करने का भी आदेश दिया गया था।’

इस मामले में सचिन वझे को NIA ने कई घंटों की पूछताछ के बाद अरेस्ट किया था।
इस मामले में सचिन वझे को NIA ने कई घंटों की पूछताछ के बाद अरेस्ट किया था।

रियाजुद्दीन काजी भी संदेह के घेरे में
NIA ने वझे के नेतृत्व में काम करनेवाले दो अधिकारियों CIU के API रियाजुद्दीन काजी और एक PSI के अलावा दो ड्राइवरों से सोमवार को साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की है। यह पूछताछ आज भी जारी रहने वाली है और इस केस में NIA कुछ अन्य लोगों को भी अरेस्ट कर सकती है। CIU की जो टीम वझे की सोसायटी में DVR लेने पहुंची थी उसमें काजी भी शामिल थे।

स्कॉर्पियो के चोरी नहीं होने के संकेत मिले
इस बीच NIA सूत्रों के आधार पर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। CCTV फुटेज की जांच में यह सामने आया है कि मनसुख की स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी। बल्कि, यह स्कॉर्पियो 18 से 24 फरवरी के बीच कई बार सचिन वझे की सोसाइटी में नजर आई थी। हिरेन ने अपने बयान में कहा था कि 17 फरवरी को मुलुंड-ऐरोली रोड से उनकी स्कॉर्पियो गायब हुई थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट भी यह साबित करती है कि कार में कोई फोर्स एंट्री नहीं हुई थी। इसे चाभी से खोला गया था।

इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ

  • 25 फरवरी: मुकेश अंबानी के घर से कुछ दूरी पर खड़ी सिल्वर कलर की स्कॉर्पियो कार से 20 जिलेटिन छड़ें बरामद हुई। लावारिस गाड़ी में विस्फोटक मिलने की खबर मिलते ही मुंबई पुलिस के बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड ने पड़ताल शुरू की। उसी रात ATS को पता चला कि गाड़ी मनसुख हिरेन की है जो 18 फरवरी को चोरी हो गई थी।
  • 26 फरवरी: हिरेन को पूछताछ के लिए API सचिन वझे दक्षिण मुंबई में पुलिस कमिश्नर के ऑफिस लेकर आया।
  • 27-28 फरवरी: सचिन वझे ने दोबारा हिरेन का बयान दर्ज किया।
  • 28 मार्च: आतंकी संगठन ‘जैश उल हिंद’ ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए धमकी भरा संदेश दिया है। संगठन ने टेलीग्राम एप के जरिए इस घटना की जिम्मेदारी ली।
  • 1 मार्च: क्राइम ब्रांच को पता चला कि हिरेन और वझे एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। इसके बाद केस असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) नितिन अल्कानुर को ट्रांसफर कर दिया गया।
  • 3 मार्च: मनसुख हिरेन ने पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की।
  • 5 मार्च: मनसुख हिरेन का शव मिला। शुरुआत में सुसाइड की बात कही। लेकिन समय बीतने के साथ ही उनकी मौत पर रहस्य गहराने लगे।
  • 6 मार्च: देवेंद्र फडणवीस द्वारा वझे की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद केस ATS को सौंप दिया गया।
  • 7 मार्च: ATS ने हत्या, सबूत नष्ट करने, अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश का मामला दर्ज किया।
  • 8 मार्च: MHA के आदेशों के बाद, NIA ने ATS से मामले को टेकओवर किया।
  • 9 मार्च: देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में हिरेन की पत्नी विमला का बयान पढ़ा।
  • 11 मार्च: एक निजी साइबर फर्म ने बताया कि जैश ने जो संदेश भेजा था उसका टेलीग्राम चैनल दिल्ली के तिहाड़ जेल या इसके आसपास क्रिएट किया गया था। जेल में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी के बैरक से मोबाइल बरामद किया गया।
  • 12 मार्च: वझे का तबादला मुंबई पुलिस के नागरिक सुविधा केंद्र में कर दिया गया।
  • 12 मार्च: हिरेन की हत्या के मामले में प्रथम दृष्टया सबूत के आधार पर ठाणे की अदालत द्वारा वझे को अंतरिम जमानत से इनकार कर दिया गया।
  • 13 मार्च: वझे को रात 11.50 बजे NIA कार्यालय लाया गया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
  • 14 मार्च: वझे को 25 मार्च तक NIA की हिरासत में भेज दिया गया।
  • 15 मार्च: सचिन वझे को सस्पेंड कर दिया गया।

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