मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है। साथ ही कहा है कि NIA ने सिर्फ शक के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। इसमें नियमों का पालन नहीं किया। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मामले में सुनवाई कब होगी। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर से बरामद जिलेटिन की छड़ों से भरी स्कॉर्पियो मामले में वझे की गिरफ्तारी हुई है।
सचिन के बहाने शिवसेना का केंद्र पर निशाना
इस बीच शिवसेना ने सचिन वझे की गिरफ्तारी के बहाने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पार्टी के मुखपत्र सामना में शिवसेना ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं और इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है।
सामना में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने वझे का ट्रांसफर करके पूरे मामले की जांच राज्य की एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) को सौंपी थी। यह जांच चल ही रही थी कि केंद्र ने NIA को जांच के लिए भेज दिया। इतनी जल्दी इसकी जरूरत नहीं थी। महाराष्ट्र के किसी मामले में टांग अड़ाने का मौका मिले तो केंद्र की जांच एजेंसियां भला पीछे क्यों रहें?
सामना ने आगे और क्या लिखा?
‘एंटीलिया केस की जांच NIA ने अपने हाथ में लेकर तुरंत वझे को गिरफ्तार कर अपना कर्तव्य पूरा कर दिखाया है। वझे की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी को जो आनंद मिला है, उसका वर्णन करने में शब्द कम पड़ जाएंगे। कुछ महीने पहले वझे ने रायगढ़ पुलिस की मदद से भाजपा के ‘महंत’ अर्नब गोस्वामी को अन्वय नाईक आत्महत्या मामले में हथकड़ियां लगाई थीं। उस समय ये लोग गोस्वामी का नाम लेकर रो रहे थे और वझे को श्राप दे रहे थे और कह रहे थे ‘रुकिये, देख लेंगे, केंद्र में हमारी ही सत्ता है।’ वो मौका अब साध लिया गया है।
अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार कर उसे जेल भेजने से वझे भाजपा और केंद्र की हिटलिस्ट पर थे। मुंबई पुलिस की जांच पूरी होने तक केंद्रीय दस्ता रुकने को तैयार नहीं था। कश्मीर घाटी में आज भी विस्फोटकों का जखीरा मिल रहा है, लेकिन यह NIA का दस्ता वहां गया क्या? पुलवामा में विस्फोटकों का जखीरा कहां से अंदर घुसाया गया और उस विस्फोट में हमारे 40 जवानों की बलि कैसे गई? ये आज भी रहस्य ही है!
केंद्र ओर से विपक्ष की सरकारों को अस्थिर या बदनाम करने के लिए किसी भी स्तर पर जाना, फर्जी मामले बनाना, राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण करना बेझिझक चल रहा है। सुशांत मामले में मुंबई पुलिस ने बेहतरीन जांच की फिर भी केंद्र ने सीबीआई को इस मामले में घुसाया। सीबीआई ने भी कौन से दीये जलाए? वो भी हाथ मलते रह गए। कंगना रनोट ने गैरकानूनी काम किए फिर भी केंद्र सरकार और बीजेपी उसके समर्थन में खड़े रहे।’
25 मार्च तक कस्टडी में हैं सचिन वझे
पुलिस अफसर सचिन वझे को स्पेशल कोर्ट ने 14 मार्च से 25 मार्च तक NIA की कस्टडी में भेज दिया है। उन्हें एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी कार रखने के मामले में शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया था। वझे ने शुक्रवार को ठाणे की सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। इस पर कोर्ट ने कहा था कि शुरुआती तौर पर सबूत आपके खिलाफ हैं, लिहाजा अन्य पक्षों को भी सुनना जरूरी है। कोर्ट ने उनकी इस याचिका पर सुनवाई 19 मार्च तक के लिए टाल दी थी।
स्कॉर्पियो के पीछे नजर आने वाली इनोवा कार बरामद होने का दावा
दावा किया जा रहा है कि NIA की टीम ने उस इनोवा कार को भी बरामद कर लिया है, जो एंटीलिया के बाहर खड़ी स्कॉर्पियों के पीछे दो बार नजर आई थी। यह इनोवा शनिवार रात बरामद किया गया था। न्यूज एजेंसी ने जांच एजेंसी के सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह कार क्राइम ब्रांच की है और वझे इस क्राइम ब्रांच में रहते हुए इसका इस्तेमाल करते थे। यह भी कहा जा रहा है कि NIA ने क्राइम ब्रांच के दो अफसर और दो ड्राइवर को भी तलब किया है।