एस जयशंकर की दो टूक- हमें लोकतंत्र पर किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत की आलोचना करने वाली रिपोर्ट जारी करने वाले फ्रीडम हाउस और वी डेम इंस्टीट्यूट को आड़े हाथों लिया.
नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने रविवार को उन हालिया रिपोर्ट्स को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय लोकतंत्र (Democracy) कमजोर हुआ है. एक कार्यक्रम में एस जयशंकर ने इस पर कड़े शब्दों में कहा कि जिन रिपोर्ट्स की बात की जा रही है, उनमें डेमोक्रेसी और निरंकुश शासन या ऑटोक्रेसी का जिक्र किया गया, पर ये डेमोक्रेसी या ऑटोक्रेसी की बात नहीं है, बल्कि ये तो हिपोक्रेसी या पाखंड है. ये वे लोग हैं जिनके हिसाब से चीजें नहीं चलती तो उनके पेट में दर्द होने लगता है.
एस जयशंकर ने एक न्यूज चैनल के कॉन्क्लेव में ये बातें कहीं. विदेश मंत्री ने दो टूक कहा कि हमारी भी आस्थाएं हैं, हमारी भी मान्यताएं हैं, हमारे मूल्य हैं. लेकिन हम अपने हाथ में धार्मिक पुस्तक लेकर पद की शपथ नहीं लेते. सोचिए ऐसा किस देश में होता है? इसलिए मेरा मानना है कि इन मामलों में हमें खुद को आश्वस्त करने की जरूरत है. हमें देश में लोकतंत्र की स्थिति पर किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. खासकर पर उन लोगों से तो बिल्कुल भी नहीं, जिनका स्पष्ट रूप से एक एजेंडा है.
भारत की आलोचना करने वाली रिपोर्ट जारी करने वाले फ्रीडम हाउस और वी डेम इंस्टीट्यूट को भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने खुद को विश्व का कस्टोडियन यानी संरक्षक बना लिया है. उन्होंने कुछ लोगों की नियुक्तियां कर दी हैं. उन्हें परेशानी होने लगती है कि इंडिया में कोई है, जो उनके अप्रूवल का इंतजार नहीं कर रहा है, वह उनके बनाए खेल को उनके हिसाब से नहीं खेल रहा. इन लोगों ने खुद के ही मानदंड बनाए हुए हैं और वो अपने हिसाब से फैसले सुनाते रहते हैं, जैसे कि ये कोई ग्लोबल एक्सरसाइज हो.
उन्होंने कहा, ‘वे हमें राष्ट्रवादी कहते हैं. हां हम राष्ट्रवादी हैं. हमने 70 देशों को कोविड-19 वैक्सीन दी है, और जो खुद को अंतरराष्ट्रीयवाद के पैरोकार बताते हैं, उन्होंने कितने देशों को वैक्सीन पहुंचाई है?