ममता के घायल होने पर बड़ी कार्रवाई:चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के सिक्योरिटी इंचार्ज को सस्पेंड किया, पूर्व मेदिनीपुर के SP और DM भी हटाए गए
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी को नंदीग्राम में लगी चोट के मामले में चुनाव आयोग ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की। ममता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार उनके सिक्योरिटी इंचार्ज विवेक सहाय को पद से हटा दिया गया है। चुनाव आयोग ने उन्हें सस्पेंड भी कर दिया है। पूर्व मेदिनीपुर (इसी जिले में नंदीग्राम आता है) के SP प्रवीण प्रकाश और DM विभु गोयल भी हटाए गए हैं। प्रवीण प्रकाश सस्पेंड किए गए हैं। आयोग ने पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए है। पुलिस से इसकी रिपोर्ट 31 मार्च तक मांगी है।
चुनाव आयोग ने कहा कि Z+ सुरक्षा हासिल व्यक्ति को सुरक्षा देने के लिए तैनात किए गए विवेक सहाय अपनी प्राइमरी ड्यूटी पूरी कर पाने में नाकाम रहे। उनके खिलाफ 1 हफ्ते में आरोप तय किए जाने चाहिए। SP पर भी सुरक्षा बंदोबस्त में बड़ी नाकामी के आरोप तय किए जाएंगे। आयोग ने IAS ऑफिसर स्मिता पांडेय को पूर्व मेदिनीपुर का नया DM और DEO बनाया गया है। साथ ही विभु गोयल को नॉन इलेक्शन पोस्टिंग पर भेज दिया है।
चुनाव आयोग ने पंजाब के पूर्व DGP इंटेलिजेंस अनिल कुमार शर्मा को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। विवेक दुबे के बाद एके शर्मा राज्य में दूसरे विशेष पुलिस पर्यवेक्षक होंगे।
विजयवर्गीय बोले- ममताजी का नाटक बहुत दिन नहीं चलेगा
ममता बनर्जी की चोट को BJP के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने नाटक बताया है। उन्होंने कहा कि उनका ये नाटक बहुत दिन नहीं चलेगा। लोग ममताजी को पहचान गए हैं कि उन्होंने 10 साल क्या किया और अभी वे क्या कर रही हैं? जिस सहानुभूति को पाने के लिए उन्होंने ये नाटक रचा वह बेनकाब हो गया है। आने वाला समय बताएगा कि ममता जी कहां रहेंगी।
वहीं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि देश की जनता जान गई है कि ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं हुआ। इस पर चुनाव आयोग ने भी आज ये घोषणा कर दी कि उन पर कोई हमला नहीं हुआ है यह सिर्फ एक दुर्घटना थी।
BJP ने कहा- ममता की मेडिकल हिस्ट्री सार्वजनिक की जाए
पश्चिम बंगाल BJP ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि SSKM अस्पताल में CM ममता बनर्जी के इलाज की हिस्ट्री को सार्वजनिक किया जाए। पार्टी का कहना है कि सच सामने आना जरूरी है। कथित घटना का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। चुनाव आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे एक हादसा बताया है।
BJP ने कहा कि TMC और उसके कार्यकर्ता मुख्यमंत्री की कथित चोट का इस्तेमाल सियासी फायदे के लिए कर रहे हैं। यह राज्य में हिंसा और सहानुभूति हासिल करने का जरिया बनाया जा सकता है। बिना पुष्टि के BJP कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस तरह के आरोप मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है।
रिपोर्ट में ममता की सुरक्षा में चूक की बात सामने आई थी
इससे पहले चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर हमले से इनकार करते हुए कहा कि उनकी चोटें सुरक्षा में चूक का नतीजा थीं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों स्पेशल ऑब्जर्वर और राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने निष्कर्ष निकाला है कि ममता बनर्जी के सिक्योरिटी इंचार्ज की चूक के कारण उन्हें चोट लगी है।
10 मार्च को नंदीग्राम में नामांकन के बाद प्रचार करते वक्त ममता बनर्जी गिर गई थीं। उनके बाएं पैर, सिर और सीने में चोट लगी थी। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि अज्ञात लोगों ने उन्हें धक्का दिया था। यह संयोग ही है कि ममता चोटिल होने के बाद पहली बार बंगाल में रोड शो करने जा रही थीं, इससे ठीक पहले ही चुनाव आयोग की रिपोर्ट सामने आई है।
हर जगह हुई लापरवाही
- स्पेशल पोल ऑब्जर्वर अजय नायक और विवेक दुबे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि ममता स्टार प्रचारक होने के बावजूद बुलेटप्रूफ या बख्तरबंद वाहन का इस्तेमाल नहीं कर रही थीं।
- यह घटना ममता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों की ओर से चूक थी। ममता एक साधारण वाहन पर सवार थीं। यह घटना हुई तब उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय बुलेटप्रूफ कार में थे।
- जिस इलाके में यह घटना हुई, उस क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर से चुनावी कार्यक्रम की मंजूरी नहीं ली गई थी। इस कारण चुनाव अधिकारी वीडियोग्राफर या फ्लाइंग स्क्वॉड की तैनाती नहीं कर सके।
मामले में दो रिपोर्ट पेश की गई
इससे पहले शनिवार को मामले में चुनाव आयोग के सामने दो रिपोर्ट पेश की गई। पहली रिपोर्ट सुबह बंगाल के चीफ सेक्रेटरी ने दी, जिसमें ममता को लगी चोट का कारण कार का दरवाजा बताया गया। इसके बाद देर शाम स्पेशल ऑब्जर्वर विवेक दुबे और अजय नायक ने भी अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि नंदीग्राम में ममता के साथ हुई घटना एक हादसा था। उनके काफिले पर किसी भी तरह के हमले के कोई सबूत नहीं मिले। ममता के साथ उस दिन पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी।
चीफ सेक्रेटरी ने विस्तृत रिपोर्ट पेश की
इसके बाद शनिवार देर शाम चीफ सेक्रेटरी भी चुनाव आयोग को अपनी नई जांच रिपोर्ट सौंप दी थी। इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने तय समय में चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन उसमें कई जानकारी स्पष्ट नहीं थी। रिपोर्ट में तथ्यों का जिक्र तो किया गया था, लेकिन घटना के कारणों का स्पष्ट ब्योरा नहीं था।
रिपोर्ट में हमले का जिक्र नहीं
राज्य के सीईओ ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया था कि घटना वाली जगह पर काफी भीड़ थी। रिपोर्ट में लिखा है कि मौके के क्लियर फुटेज नहीं हैं। घटना के बाद ममता ने आरोप लगाया था कि 4-5 लोगों ने उन्हें धक्का दिया था। जिला प्रशासन के एक सीनियर अफसर ने बताया कि उस इलाके में सिर्फ एक दुकान पर CCTV कैमरा लगा था। वह भी काम नहीं कर रहा था। यहां तक कि मौके पर मौजूद लोग भी कुछ खास जानकारी नहीं दे पाए। इससे किसी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिले थे TMC नेता
ममता ने 10 मार्च को नंदीग्राम से नामांकन दाखिल किया था। वे पर्चा भरने के बाद कार में बैठ रही थीं, तभी उन्हें चोट लगी थी। इस मामले में TMC नेता सौगत रॉय ने पार्टी नेताओं के साथ चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि हमने हमले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। जब घटना हुई, वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। सौगत ने आरोप लगाया था कि ममता पर हमला उन्हें जान से मारने के लिए करवाया गया था। हमले के पीछे किसी की गहरी साजिश छिपी हुई है।