जेई की भर्ती में फिक्सिंग :ये नौकरी फिक्स है सैनिटेशन डिपार्टमेंट ने 4 मार्च को फाइनल किए 41 जेई कैंडिडेट, इनमें ज्यादातर अफसरों के बच्चे, 6 दिन बाद निकाला आउटसोर्सिंग टेंडर

न इश्तिहार दिया न इंटरव्यू कराए; सीधे भर्ती के लिए फाइनल कर लिए चहेतों के नाम, अब विरोध

जालंधर। चुनावी साल में सरकारी विभागों में तेजी से की जा रही भर्ती में गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं। वाटर सप्लाई एंड सैनिटेशन डिपार्टमेंट में हर महीने 35,400 रुपए फिक्स सैलरी पर रखे जा रहे 41 जूनियर इंजीनियरों की लिस्ट पहले तैयार कर ली गई। 4 मार्च को अलग-अलग ऑफिसों में लिस्ट भेजकर रखे जा रहे कैंडिडेट्स की डिटेल दी गई और इनकी योग्यता सर्टिफिकेट अटेस्ट करने के आदेश दिए गए।

सारे कैंडिडेट फाइनल करने के 6 दिन बाद आउटसोर्स कंपनियों को स्टाफ सप्लाई करने का टेंडर भरने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया। इस पर विभाग के अंदर पहले से रखे इंजीनियरों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि सारे कैंडिडेट पहले ही सिफारिश के आधार पर फाइनल हैं और अब स्टाफ उपलब्ध करवाने का ठेका लेने वाली कंपनी ढूंढी जा रही है।

विभाग को सालाना 17,416,800 रुपए सैलरी देनी है लेकिन भर्ती का सारा प्रोसेस पहले ही फिक्स कर कर दिया गया। साथ में 22 जूनियर ड्राफ्ट्समैन की भर्ती सहित 3 करोड़ 2 लाख रुपए का टेंडर अलाट किया जाएगा। चीफ इंजीनियर अनिल बांसल ने कहा कि विभाग कोई भर्ती नहीं कर रहा। हमने आउटसोर्सिंग के लिए टेंडर निकाला है। उन्होंने पहले ही कैंडिडेट फाइनल करने के सवाल पर साफ जवाब नहीं दिया।

31 मार्च को खोले जाएंगे आइटसोर्स कंपनी के टेंडर

दरअसल, वाटर सप्लाई एंड सैनिटेशन डिपार्टमेंट में स्वच्छ भारत मिशन के कामों के लिए विभाग में सरकार ने 41 जूनियर इंजीनियर रखने की मंजूरी दी है। जिस प्रकार परिवहन विभाग, लोकल बॉडीज या फिर दूसरे सरकारी विभाग आउटसोर्सिंग कंपनियों के जरिये स्टाफ की भर्ती करते हैं, इसी मोड पर ये स्टाफ रखा जाना है।

कायदे से उनका इंटरव्यू और परीक्षा आदि होनी चाहिए। लेकिन विवाद तब पैदा हुआ जब सारे जूनियर इंजीनियर पहले ही तय कर लिए और वे ऑफिस भी आने लगे। फिलहाल उनसे कोई काम नहीं लिया जाता है। पूरे पंजाब के अलग-अलग दफ्तरों में इनकी तैनाती की जानी है। अचानक से नया स्टाफ जब जालंधर के दफ्तर में पुराने जूनियर इंजीनियर्स को मिला तो वे हैरान रह गए। इतने में एक लेटर सभी दफ्तरों को जारी हुआ। ये लिस्ट 4 मार्च को आई है, जिसमें अलग-अलग दफ्तरों में आउटसोर्सिंग पर रखे जा रहे जेई के नाम, क्वालिफिकेशन, उम्र, बैंक खाते की जानकारी दी गई है। सभी मंडलों को कहा कि वे कैंडिडेट्स की योग्यता के प्रमाणपत्रों की तस्दीक करें।’

उधर, डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन इसे बैकडोर भर्ती कह रही है। एसोसिएशन के वित्त सचिव कमरजीत सिंह ने कहा कि ये भर्ती का तरीका गलत है। हम आंदोलन करेंगे। इसे लेकर मीटिंग बुलाई है, एक मीटिंग जालंधर में करके सभी सदस्यों को पूरे मामले की जानकारी दी गई है। दूसरी तरफ विभाग में स्टाफ की भर्ती की फिक्सिंग को लेकर कोर्ट जाने की भी तैयारी कर ली गई है। फिलहाल आउटसाेर्स कंपनी ढूंढने के लिए जारी किया गया टेंडर 31 मार्च को खोला जाएगा।

कौन हैं पहले ही तय किए गए जेई ?
जिनकी भर्ती की गई है, वह पहले से सरकारी विभागों के अधिकारियों के बच्चे हैं। एक कैंडिडेट पुलिस अधिकारी के बेटा है। विभाग में ही बागबानी और तकनीकी मुलाजिमों के बच्चे कैंडिडेट्स की तैयार लिस्ट में शामिल हैं। विभाग के आला अधिकारियों ने दूसरे सरकारी विभागों में कार्यरत सीनियर अधिकारियों के बच्चों के नाम भी तय लिस्ट में रखे हैं।

इन जिलों में काम करेंगे नए जेई

इन 41 जेई की भर्ती फिरोजपुर, जलालाबाद, जालंधर, मुक्तसर, धर्मकोट, बरेटा, नूरपुर बेदी, अमृतसर, गुरदासपुर, एसबीएस नगर, तरनतारन, सुलतानपुर लोधी आदि में की जा रही है।

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