मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में कार्यरत सचिन वझे को उनके पद से हटा दिया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी। सचिन वझे वही अधिकारी हैं जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद हुई विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी मामले की जांच से जुड़े थे।
स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के बाद उनकी पत्नी और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने वझे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। विमला हिरेन के हवाले से फडणवीस ने मंगलवार को कहा था कि सचिन वझे ने ही मनसुख की हत्या की है।
इस मामले को लेकर विपक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी लगातार हमलावर है। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। बुधवार को भी विपक्ष ने विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठकर सचिन वझे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हंगामा किया था।
NIA ने मुंबई पहुंचते ही छापेमारी शुरू की
एंटीलिया के सामने विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी मिलने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को एक टीम मुंबई पहुंची। टीम ने मुंबई में उतरते ही कई जगह छापेमारी की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टीम उस इनोवा की जांच के नतीजे के काफी करीब पहुंच चुकी है, जो स्कॉर्पियो के पीछे दो बार नजर आई थी।
एंटीलिया भी गई NIA टीम
इस टीम को एक IG (इंस्पेक्टर जनरल) लेवल के अधिकारी लीड कर रहे हैं। मंगलवार को एक टीम एंटीलिया पहुंची और वहां के सुरक्षाकर्मियों और सुरक्षा अधिकारी से पूछताछ की है। टीम ने वहां से CCTV फुटेज की कॉपी भी अपने कब्जे में ली है। NIA की टीम के साथ गामदेवी पुलिस स्टेशन के कुछ अधिकारी और DCP राजीव जैन भी साथ में थे। जैन ने ही केस से जुड़ी सारी डिटेल NIA टीम को बताई है।
टीम ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से भी मुलाकात की
मुकेश अंबानी के घर से निकलने के बाद NIA के अधिकारी मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे और जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भारंबे से मुलाकात की। इसके बाद सभी मुंबई पुलिस कमिश्नर, परमबीर सिंह से भी मिले। इस मामले को लेकर मुंबई के गामदेवी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था और क्राइम ब्रांच की टीम इसकी जांच कर रही है। हालांकि, सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह केस NIA को सौंप दिया था। मुंबई पुलिस की टीम 2,000 से ज्यादा CCTV फुटेज को इस मामले में खंगाल रही है।
इस मामले से जुड़े हैं तीन केस
इसी मामले में से जुड़े कुल तीन केस दर्ज हुए हैं। पहला मामला विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मिलने का है। दूसरा केस स्कॉर्पियो की चोरी का है और तीसरा केस स्कॉर्पियो के मालिक की हत्या का है। स्कॉर्पियो की चोरी का केस ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन ने दर्ज करवाया था। हालांकि, 5 मार्च को उनका शव ठाणे की खाड़ी से बरामद हुआ। उनकी मौत को हत्या मानते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख के आदेश पर महाराष्ट्र ATS ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया है।
मनसुख की पत्नी के हवाले से पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में दावा किया कि मनसुख की हत्या में मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में कार्यरत सचिन वझे शामिल हैं। उन्होंने सचिन की गिरफ्तारी की मांग भी उठाई है।
क्या है पूरा मामला?
25 फरवरी को दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। 24 फरवरी की मध्य रात 1 बजे यह गाड़ी एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई थी। दूसरे दिन गुरुवार को इस पर पुलिस की नजरें गईं और कार से 20 जिलेटिन की रॉड बरामद की गई थीं। 5 मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था। कुछ दिन पहले ही मनसुख ने इस गाड़ी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।